Small steps, big flights in Hindi Motivational Stories by Vijay Sharma Erry books and stories PDF | छोटे कदम, बड़ी उड़ान

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छोटे कदम, बड़ी उड़ान

हिंदी प्रेरणादायक कहानी: "छोटे कदम, बड़ी उड़ान"लेखक: विजय शर्मा ऐरीशब्द संख्या: लगभग 2000प्रस्तावना:यह कहानी एक छोटे से गाँव के लड़के अर्जुन की है, जिसने अपने सपनों को सीमाओं में नहीं बाँधा और कठिनाइयों को अपनी शक्ति बना लिया। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो सफलता अवश्य मिलती है।कहानी:पंजाब के एक छोटे से गाँव "बासरके" में एक लड़का रहता था – अर्जुन। उसका परिवार बहुत गरीब था। पिता खेतों में मजदूरी करते थे और माँ सिलाई का काम। अर्जुन हर रोज़ टूटी हुई साइकिल पर पाँच किलोमीटर दूर स्कूल जाता था। उसके पास ना अच्छे कपड़े थे, ना ही स्कूल की ज़रूरत का सामान। लेकिन उसके अंदर था एक सपना – "कुछ बड़ा करने का, कुछ बनकर दिखाने का।"स्कूल में उसे लोग 'गरीब का बेटा' कहकर चिढ़ाते थे। लेकिन अर्जुन मुस्कराकर कहता,"मैं गरीब ज़रूर हूँ, लेकिन मेरे सपने अमीर हैं।"कठिनाइयाँ:दसवीं कक्षा के बाद उसके पिता बीमार पड़ गए। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया। माँ ने कहा,"बेटा पढ़ाई छोड़ दे, अब तुझसे काम लेना पड़ेगा।"अर्जुन की आँखों में आँसू आ गए लेकिन उसने माँ का हाथ पकड़ा और बोला –"माँ, मैं काम भी करूंगा और पढ़ाई भी। मगर अपने सपनों को नहीं मरने दूंगा।"वह दिन में दूध बांटता, अखबार फेंकता और रात को पढ़ाई करता। कभी थकता, तो अपने आप से कहता –"अर्जुन, तू थकने के लिए नहीं, चमकने के लिए बना है।"प्रेरणा और बदलाव:एक दिन स्कूल में एक प्रतियोगिता हुई – "भविष्य का भारत कैसा हो?"अर्जुन ने पूरे दिल से भाषण तैयार किया और मंच पर बोला –“मेरा भारत वो होगा, जहाँ हर बच्चा स्कूल जा सके, जहाँ भूख से कोई ना मरे, जहाँ किसानों को उनका हक मिले। मैं इस भारत को बनाने का सपना देखता हूँ। मैं खुद मिसाल बनना चाहता हूँ, कि गरीबी कोई अभिशाप नहीं, अगर हौसले बुलंद हों।”उसके भाषण ने सबका दिल जीत लिया। स्कूल के प्रिंसिपल ने उसकी फीस माफ कर दी और किताबें भी दीं।सपनों की सीढ़ी:बारहवीं कक्षा में अर्जुन ने पूरे जिले में टॉप किया। अब उसके सामने कॉलेज की चुनौती थी। फीस, रहना, खाना – कुछ भी नहीं था।उसने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया। इंटरव्यू में जब उससे पूछा गया,“तुम्हें क्यों मौका दिया जाए?”तो उसने जवाब दिया,“क्योंकि अगर मुझे ये मौका मिला, तो मैं न केवल खुद बदलूंगा, बल्कि औरों के लिए रास्ता बनाऊंगा।”अर्जुन को पूर्ण छात्रवृत्ति मिल गई।विश्वास और संघर्ष:कॉलेज में भी चुनौतियाँ थीं। अंग्रेज़ी कमजोर थी, कपड़े पुराने थे, लोग मज़ाक उड़ाते थे। मगर अर्जुन ने खुद से वादा किया –“मैं कभी किसी का अपमान नहीं करूँगा, लेकिन खुद का आत्मसम्मान कभी नहीं गिरने दूँगा।”वह लाइब्रेरी में घंटों बैठता, अंग्रेज़ी अखबार पढ़ता, वीडियो से सीखे। धीरे-धीरे वह सबसे अच्छा छात्र बन गया।सफलता की पहली सीढ़ी:कॉलेज के आख़िरी वर्ष में उसे एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू में उससे पूछा गया –“तुम क्या लेकर आए हो?”उसने उत्तर दिया –"मैं कुछ भी लेकर नहीं आया, लेकिन मैं खुद कुछ बनने आया हूँ।"उसे नौकरी मिल गई – महीने की सैलरी 1 लाख रुपये।उस दिन अर्जुन की माँ की आँखों में आँसू थे – मगर यह खुशी के आँसू थे।दूसरों के लिए रोशनी बना अर्जुन:कुछ सालों बाद अर्जुन ने खुद की एनजीओ शुरू की – "उड़ान", जो गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाई, किताबें और स्कॉलरशिप देती थी।एक इंटरव्यू में उसने कहा –"मैंने गरीबी देखी है, इसलिए चाहता हूँ कि कोई और बच्चा अपने सपनों को न मारे। जब हम किसी को रोशनी देते हैं, तो खुद भी रोशन हो जाते हैं।"गाँव की वापसी:अब अर्जुन एक सफल युवा है, लेकिन उसका दिल आज भी अपने गाँव में धड़कता है। वह हर महीने गाँव आता है, स्कूल के बच्चों से बात करता है। माँ अब गाँव में एक सिलाई केंद्र चलाती हैं और पिता बच्चों को योग सिखाते हैं।गाँव के एक छोटे बच्चे ने अर्जुन से पूछा –"भैया, आप इतने बड़े कैसे बने?"अर्जुन मुस्कराया और बोला –"छोटे-छोटे कदमों से, मगर कभी रुका नहीं।"उपसंहार:अर्जुन की कहानी हमें सिखाती है कि परिस्थिति कोई भी हो, अगर हमारे पास इच्छाशक्ति, मेहनत और अपने ऊपर विश्वास हो – तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।गीतों की झलकियाँ:कहानी के बीच अर्जुन अकसर खुद को मोटिवेट करने के लिए ये गाने गुनगुनाता था:🎵 "रुक जाना नहीं तू कहीं हार के..."🎵 "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती..."🎵 "ज़िद है, मुझको सारी दुनिया से जीत के दिखाना..."शिक्षा:👉 गरीबी कोई रुकावट नहीं, बस एक चुनौती है।👉 मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।👉 अगर एक इंसान ठान ले, तो समाज को बदल सकता है।लेखक: विजय शर्मा ऐरी, अजनाला, अमृतसर"जहाँ हौसला हो वहाँ रास्ते खुद बनते है।