Ishq ki Library - 15 in Hindi Drama by Maya Hanchate books and stories PDF | इश्क की लाइब्रेरी। - 15

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इश्क की लाइब्रेरी। - 15

रीकैप

पिछले सप्ताह में अपने लिए पढ़ा की मोहन माया को जँब करने के लिए मन थी है। दूसरी तरफ इंद्रजीत का अपना काम कर रहा था कि उसे उसके दादाजी कॉल करते हैं और किसी के बारे में पूछते हैं तो इंद्रजीत उन्हें बोलता है कि वह जल्दी उसे इंसान को उनके सामने लाएगा। 

अब आगे 

सुबह का वक्त 

5:00 

इस वक्त रेणुका जी उठकर घर की साफ सफाई करती है और नहा - धोकर पूजा करती है फिर रसोई में जाकर रसोई की गैस की पूजा करती है । तभी दरवाजे पर दूध वाला आकर खड़ा होता है और बोलता है  # मैडम दूध लीजिए। 

रेणुका जी दूध वाले की आवाज सुनकर हाथ में पतिला  लेकर दूध वाले के पास आती है और दूध लेकर अंदर चली जाती है दूध वाला भी वहां से चला जाता है। 

रेणुका जी गैस पर दूध को गर्म करने के लिए रखतीं है और दूसरे साइड चाय के लिए पतिला  चढ़ा देती है। 

रेणुका जी के बाद मोहना और दादी भी यानी कल्याणी जी भी उठ जाती है। 

मोहना उट कर सबको देखती है जहां सब एक दूसरे के ऊपर आड़े-तेडे तरीके से सोए हुए हैं। 

उन सब को देकर  मुस्कुरा कर वहां से उठ कर चली जाती है नीचे आकर  देखती  हैं कि रेणुका जी किचन में काम कर रही है तो वह रेनूक जी से बोलती है 

आंटी में जॉगिंग के लिए जा रही हूं और वहां से घर चली जाऊंगी उतना बोलकर वहां से चली जाती है। 

रेणुका जी भी कुछ नहीं बोलती है क्योंकि यह माया और मोहना की  रोज की आदत है।



आधे घंटे के बाद माया भी उठकर नीचे आती है तो वह देखती है कि नीचे दादी और रेणुका जी चाय पीते हुए बातें कर रहे हैं तो माया कल्याणी जी के गोद में सिर रखकर फिर से सो जाती है। 

कल्याण जी माया को देख कर मुस्कुरा देती है, और अपने मन ही मन बोलती है बिल्कुल अपने दादा जी पर गई है शक्ल मेरी  जैसी है तो हरकतें बिल्कुल उनकी तरह।

वह अपने मन में सोच रही थी कि ,तो रेणुका जी की आवाज सुनकर उनका ध्यान टूट जाता है और वह माया को उठती है। 

माया कल्याणी जी से बोली दादी थोड़ी देर सोने दो ना फिर वैसे भी जाकर उस खडूस टीचर की डांट सुनाई है। 

माया की बात सुनकर कल्याणी जी बोली उठ जा क्या बोल रही है तुझे तो समझ आ रहा है या नहीं किस खडूस टीचर की बात सुनानी है। 

तभी पीछे से रितु की आवाज आती है एक्चुअली  दादी वह क्या है ना कि हमारे हिस्ट्री सर ज्यादा स्ट्रिक्ट  है और आप तो इसे जानती हो कि यह क्लास में होकर भी नहीं रहती है तो सर उसे डांटते रहते हैं ,तो शायद सपने में भी यही देख रही हो और भूला गई है कि यह कॉलेज नहीं जॉब करने जाती है। 

रितु माया को उठाते हुए बोली उठ जाओ तुझे जॉब पर जाना है और हम सबको कॉलेज। 

माया भी कोई ना नूकूर  करें बिना ही उठ जाती है। 

उसके बाद एक-एक कर सभी उठाते हैं सभी लोग फ्रेश हो जाते हैं। 

इस वक्त तो रुचि रितु और अंजलि ने माया के कपड़े पहने हुए थे क्योंकि वह कल रात यहीं रुके हुए हैं ना इसलिए वैसे भी तीनों को एक दूसरे कपड़े ठीक-ठाक ही आते थे। 

डाइनिंग टेबल पर रेणुका जी सबके लिए खाना (breakfast) लगती है।

मोहन का घर में 

मोहना अपने घर आती है तो देखती है की उसके पापा(केशव यादव)   और दादा जी( नितेश यादव) अभी भी सो हूए थे । वह भी जल्दी-जल्दी से सारा काम खत्म करती है और अपने पापा और दादा जी के लिए खाना बनाती है और उस के बाद फ्रेश होने के लिए वॉशरूम में चली जाती है। 

तब तक उसे पापा और दादा जी उठ चुके थे और मोहना उन  दोनों को देखकर बोले चलो जल्दी से अप दोनों रेडी होकर आओ तीनों जल्दी खाना खाएंगे। 

मोहन के दादा जी(नितेश) उसके पापा (केशव) को व्हीलचेयर पर ले जाते हैं और उन्हें फ्रेश करवाते हैं। 

डियर ट्रेडर्स आपको लग रहा होगा की मोहना  कितनी बेदर्दी इंसान है अपने दादा जी से अपने पापा का काम करवा रही है पर आपको बता दूं कि मोहना के पापा को यह मंजूर नहीं है कि वह अपनी बेटी से फ्रेश हो क्योंकि वह एक आर्मी ऑफिसर थे उनकी अपनी जिंदगी कुछ उसूल है। 

और मोहन भी अपने पापा को लाचार महसूस नहीं करवाना चाहती थी इसी वजह से वह कुछ भी करने से पहले सौ बार सोचती है। 

बात रही मोहन की माँ की  वह गरीबी से तंग आकर  अपनी बच्ची और पति को छोड़कर चली गई है। 

आरती के घर में 

आरती भी सुबह-सुबह 5:00 बजे उठकर घर का सारा काम खत्म करती है और सबके लिए नाश्ता बनाती है और लंच की तैयारी भी तैयारी करती है। 

पर अपना और अपने मौसा जी का टिफिन पैक करती है और डाइनिंग टेबल पर रख देती है बाकी का नाश्ता भी डाइनिंग टेबल पर लगा देती है। 

वह बर बर गाड़ी को देख रही थी  

क्योंकि उस  सारी लड़कियों ने  डिसाइड किया था कि वह कॉलेज साथ में जाएंगे सीवाय माया के 

इंद्रजीत के घर में 

इंद्र जी सुबह 4:00 बजे ही उठ गया था और उठते ही वॉशरूम में फ्रेश होने चला जाता है थोड़ी देर बाद फ्रेश  हो कर  बाहर आता है और जिम की तरफ चला जाता है। 

जो हम  बोल सकते हैं कि अपने बालकनी को ही जिम बनाया है। 

वह अपने बालकनी  में जाकर पुश यूपीएस पुल अप स्क्वाड एस आदि एक्सरसाइज करता है जिसकी वजह से बॉडी और भी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रही है। 

उसके बाद वह फिर से वॉशरूम जाता है और नहा कर क्लोजर रूम में जाता है और ऑफिस के लिए तैयार होता है। वहां यह सब काम बड़े कोल्ड एकप्रेशंस

 साथ कर रहा है ,नीचे डाइनिंग टेबल पर आता है जहां रोहन भी उसका इंतजार कर रहा है। 

अभय अभी तक नहीं उठाता।

इंद्रजीत और रोहन दोनों नष्ट करते हैं और ऑफिस के लिए निकल जाते हैं। 

रुचि रितु अंजलि और आरती अभिषेक और आदित्य को लेकर कॉलेज और स्कूल के लिए निकल जाते हैं क्योंकि उन्होंने टैक्सी किया था उसकी वजह से वह दोनों को छोड़कर अपने कॉलेज की तरफ जाने वाले थे। 

माया को ऑफिस जाने में टाइम था इसकी वजह से वह अपनी दादी के साथ मंदिर के लिए जाती है। 

मोहन को कुछ काम था जिसकी वजह से उन लोगों के साथ नहीं गई है। 

मंदिर में 

माया और कल्याणी जी मंदिर से पूजा कर कर बाहर निकल ही रही थी कि वह सामने भीड़ देखती हैं । जैसे सामने भीड़ देखकर कर कल्याणी जी माया को वहां से ले जाना चाहती थी पर माया उनके साथ नहीं जाती है और भीड़ के अंदर जाकर देखती हैं तो वह देखती है कि सामने कुछ गुंडे एक फूल वाली बूड़िया को परेशान कर रहे थे, उसे बुढ़िया के पास में एक छोटा सा बच्चा भी बैठा था जो उस बुढ़िया से काफी चिपका हुआ था बच्चा बहुत ज्यादा छोटा था उसकी उम्र देखकर ऐसा लगा था जैसे वह 7 से 8 साल का हो वह बहुत ही डरा हुआ था। 

वह गुंडे दिखाने में बहुत ही ज्यादा खतरनाक दिखाई दे रहा था वह गुंडे रोज हफ्ता वसूली करने आते थे पर आज बुढ़िया के पास पैसे नहीं थे जिसकी वजह से वह लोग उसे बुढ़िया को बहुत ही परेशान कर रहे थे। 

क्या होगा आगे क्या माया करेगी मदद उसे बूड़िया की ‌

यह बाकी सब की तरह तमाशा देखती रहेगी। 

जाने के लिए पढ़िए

❤️❤️❤️इश्क की लाइब्रेरी❤️❤️❤️