Ishq ki Library - 10 in Hindi Women Focused by Maya Hanchate books and stories PDF | इश्क की लाइब्रेरी। - 10

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इश्क की लाइब्रेरी। - 10

पुलिस स्टेशन और सरप्राइज


पिछले  चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह माया अभय की मदद करती है। और उसे उसके बारे में पूछती है और अपना भी इंट्रोडक्शन देती है उसके बाद वह अभय को पुलिस स्टेशन में छोड़ती है और अपना नंबर देती है और बोलती है की मदद की जरूरत पड़े तो वह कॉल करें। दूसरी तरफ इंद्रजीत एक सपना देखा है कि एक लड़की जो 15 साल की थी वह बोलती है कि वह उससे उसे शादी करेगा क्या। इंद्रजीत जट से अपने सपनों से बाहर आता है और अपने आप से बोलता है कि 

अब आगे



खुद से बोलता है कि,कहां हो तुम कब से मैं तुम्हें ढूंढ रहा हूं तुमने कहा था कि 5 साल बाद तुम मुझे मिलोगी और  मुझसे शादी करोगी पिछले 5 साल से तुम्हें ढूंढ रहा हूं tum मिलती ही नहीं हो लेकिन कोई बात नहीं एक ना एक दिन तुम्हें मैं ढूंढ लूंगा जब ढूंढ लूंगा तब मैं तुम्हें खुद से दूर  जाने ही नहीं दूंगा बोलकर वह चुप हो गया और वापस से काम करने लगा। पर उसे कॉल आता है वह कॉल उठा करो हेलो बोलता है दूसरी तरफ से आवाज आती है दूसरी तरफ की बात सुनकर इंद्रजीत अपना कॉल कट कर देता है और रोहन को कॉल करके कर निकालने के लिये बोलता है। और अपने ऑफिस से निकल जाता।



जैसे ही माया घर आती है वह देखतीं है कि पूरा घर अंदरे में डूबा हुआ है वह धीरे-धीरे करके अंदर जा रही थी और अपने घर वालों को आवाज दे रही थी, मां कहां हो आप बाबा ,अदि -अभी काह हो आप सब लोग,बोलकर आवाज लगा रही थी।।

माया अपने कदम अंदर रख देती है। तभी एकदम जोर से चिल्लाने की आवाज आती है ।🎉🎉🎊🎊🎊सरप्राइज।

उसके बाद सारे घर के लाइट ऑन  हो जाते हैं। माया देखती हैं कि उसके घर में उसके परिवार के साथ-साथ उसके दोस्त भी आए हैं ।

वह यह देखकर बड़ी खुश हो जाती है। तभी रूचि उसके पास जा कर उसे पूछती है कि माया को सप्राइज के बारे मे पूछा ती है  माया  , देखते रह जाती है फिर सीने पर  हाथ रखकर बोलती है ,बड़ा डरावना 😈।।

तब माया सब की तरफ देखते हुए कहती है, कि सरप्राइज किस खुशी में दिया है ।

 तभी रितु उचल ते हुए कहा थी है कि तेरे जॉब का पहले देन के लिए रितु की बात सुनते ही माया के चेहरे की मुस्कान गायब हो जाती है क्योंकि जो बात अब तक माया अभय की मदद करते समय भूल गई थी। वह बात याद आ रही थी, लेकिन वह झट से ही अपने चेहरे को नॉर्मल एक्सप्रेशन करते हुए ही मुस्कान को बरकरार  रखती है ।

क्योंकि वह अपनी परेशानी को अपने घर वालों और दोस्तों से नहीं बताना चाहती थी ,ना उन्हें परेशान करना चाहती थी।

लेकिन इस बात से अंजान ती की किसी के दो जोड़ी आंखों ने उसके चेहरे के परेशानी को अच्छे से बाप लिया है , पढ़ लिया है।

वह दो जोड़ी आंखें कोई और नहीं दादी और वह मोहना है तभी रेणुका जी बीच में आते हुए कहती है कि # ऐसे ही दरवाजे पर खड़ा रकोगे क्या उसे अंदर तो आने दो , माया बोली देखो ना मां    याह सब ऐसेे गले लगे हैं  कि मैं जॉब पर ना जा  कर   किसी वर्ल्ड वॉर पर जाकर आई हूं ।माया की बात सुनकर अंजलि बोली हमें‌ पता है कि तूूू किसी  वर्ल्डडवार में नहीं गई, पर तेरेेेे करियर का  पहला दिन है तो इस से celebration tho करना बनता है ना।



अंजलि की बात सुनकर रेवंत जी ने भी हमी  भरते हुए कहा # आज मेरी गुड़िया अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पहला कदम बढ़ाया है इस बात को तो सेलिब्रेट करना होता है

तभी घर के अंदर एक आवाज गुज़रती है ,वहीं खड़ी रहोगी क्या? घर के अंदर भी आ ओगी नहीं ,इस आवाज को सुनते ही माया, इस आवाज की ओर वह चली जाती है।

वह देखी है कि सामने उसकी दादी कल्याणी जी  खड़ी है जैसे वह उन्हें देखते हैं वह भाग कर उन्हें गले लगाती है और बोलती है आई मिस यू वेरी मच बहुत बहुत याद किया है।🤩 दादी बड़ी मूह बनाते हुए कहती है ,तब से देख रही हूं ,तूने सब की तरफ देखा पर मुझे नहीं देगा और कह रही है यू मीस मी, हाउ (😤)  झूठी कहीं की ।  कल्याणी  जी की बात सुनकर माया देखो ना दादी यह सब ने कैसेेेेेे ग्रुप बनाया हुआ, मैंनेेे तो आपको देखा हि नही माया ने कहा आई एम रियली सो सो सॉरी दादी माया ने याह बात इतनी मासूमियत से बोली से बोली की  ,कल्याणी  जी के चेहरे पर एक स्माइल 😊आ गया और बोली  अच्छा ठीक है माफ कर दिया । तुम क्या याद रखोगी की किसकी पोती हो बड़े ही नाटकीय ढंग से जवाब दिया था

उनकी बात सुनकर बाकी सब के सब हंस रहे थे 😄😄 तभी अभिषेक और आदित्य ने एक साथ  कहा क्या यार दादी हम भी तो आपके पोते हैं ना यह हमें कचरे से नहीं उठा कर नहीं ले आही हो जब देखो तब दी को इतना प्यार करती और हमें  भी तो  थोड़ा सा प्यार करो।

   उन दोनों की बात सुनकर कर दादी और माया उन दोनों को अपनी आंखें छोटी करके गुर कर देखते हुए कहा अच्छा बच्चों कब लगा कि हम तुम्हें प्यार नहीं करते।

दोनों की इस तरह देखने  से । सब लोग उन्हें देखते रहे क्योंकि दोनों के दोनों एक दूसरे के कॉपी लग रहे थे। बिल्कुल एक जैसे 

इधर दूसरी तरफ

  इंद्रजीत पुलिस स्टेशन के अंदर जहां पहुंचा इंद्रजीत को देखते ही एक आदमी ने उसे भागते हुए गले से लगा लिया और बोला है थैंक्स गॉड तुम आ गये।

तुझे नहीं पता अब तक मुझे यहां कैसा लग रहा था ,इंद्रजीत उसे आदमी को अपने आप से दूर करता है । रोहन भी इंद्रजीत के पीछे था और वह भी यह सब देख रहा था और मन में बोला क्या जरूरत थी कुल्हाड़ी पर पैर मरने की  और चुप हो गया । जैसेेेही वह आदमी पीछेेेेे होता हैतो तो देखतेेेहैं कि कोई और नहीं अभय है 

अभय कपूर इंद्रजीत ने अभय को कोई भी जवाब नहीं दिया  उस से अपना ही सवाल पूछा तुम यहां कैसे । उसकी बात सुनते ही अभय‌ ने  अपन चेहरे को इतना मसुम और बहुत ही दैया नीयत बनाया था, कि कोई और होता तो उसे  पर प्यार और तरस दोनों  आ जाता था। अभय ने कहा  यार मैं तुझे सरप्राइस देने आया था

जैसे ही  एयरपोर्ट से बाहर आया तेरे ऑफिस का एड्रेस लेने के लिए अपने बैग से फोन निकलना चाह तो एक  चोर ने मेरा बैग लेकर भाग गया

अभय की बात सुनते ही रोहन ने अपने आप को कहने से नहीं रोक पाया क्या अभय कपूर का बाग कोई चोरी कैसे कर सकता है अगर खुद अभय कपूर भी अपना  बैग चोर को   चोरी करने दे  तभी  नहीं कर सकता ।

उसकी बात सून कर  अभय उसे गुर कर देख रहा था और बोला अरे यार रोहोन के बच्चे  मैंने इंद्रजीत को सरप्राइज देने के लिए ज्यादा कुछ पैक नहीं किया था सिर्फ अपना लैपटॉप ,2 जोड़ कपड़े और फोन और मेरा वॉलेट ही था । बस मेने इतना ही पैक किया था।

अभय की बात सुनकर रोहन ने कहा तो आप 2 दिन के लिए हो आए हो क्या।

उसकी बात सुनकर अभय आपने आंख को छोटा करते हुए बोल  सिर्फ दो दिन के लिए नहीं तब तक रहूंगा ,जब तक ए यह इधर रहेगा तब तक मैं भी उसकेेेेे साथ रहूं गा 

रोहन ने पूछा फिर दो जोड़ कपड़े क्यों लाए हो आई मीन आप दो दिन के वेकेशन्स के लिए भी लड़कियों से ज्यादा कपड़े पैक करते हो, तो अब क्या हुआ। 

उसकी बात सुनकर अभय ने रोहन के सर पर टपली मारते हुए बोला अरे बेवकूफ मैं यहां शॉपिंग भी तो करूंगा ना तो वह कपड़े भी पहनूं गा ना इसलिए मैंने ज्यादा कपड़े नहीं पैक किया। अभय को शॉपिंग करना बहुत ही पसंद है। 

रोहन को अभय की बात का लॉजिक कुछ समझ नहीं आया उसने अपना सिर झटक दिया। 

तब से उन दोनों की बकवास सुन रहा है इंद्रजीत, बहुत ही चिड़ चुका था, और गुस्से से बोल तुम दोनों की बातें खत्म हो गई तो हमें यहां से चलना चाहिए। 

इंद्रजीत की बात सुनकर रोहन और अभय मासूम बच्चों की तरह अपना सर हिला देते हैं जैसे ही वह लोग पुलिसस्टेशन से बाहर जहां रहे थे तभी एक हवलदार आता है और रोकता है।

हवलदार ने क्यों रोक अभय को? अभय और रोहन के नोंक जोक कहां तक जाएगा, क्या माया बताइए अपनी परेशानी अपने दोस्तों को?

डियर रीडर्स कहानी में नए किरदारों की एंट्री होगी और वह भी बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न लेकर जाने के लिए पढ़िए इश्ककी लाइब्रेरी 

Ishq ke लैबियरी ❤️❤️❤️❤️❤️