Ishq ki library
रीकैप
पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा कि किस तरह सारी लड़कियां माया को मनाने की कोशिश करती है कि उसे इंद्रजीत के कंपनी में जॉब करना चाहिए। तभी अभिषेक आता है और उनसे कहता है कि उसने सबके लिए छत पर गड्ढे विचार दिए हैं तो ऊपर जाकर सो सकते हैं वह इतना बोलकर वहां से चला जाता है। अभिषेक के बाद पीछे-पीछे सारी लड़कियां चली जाती है पर माया और मोहना माया के कमरे में ही रहते हैं।
दूसरी तरफ राहुल आरती को छोड़ने के लिए उसके साथ उसके घर चलता है।
अब आगे।
राहुल जैसे ही आरती के घर आता है उसे अंदर जाने के लिए बोलता है पर आरती अंदर जाने के बजाय उसे वहां से जाने के लिए कहती है।
पर राहुल नहीं मानता है थकहार कर आरती ही अंदर चली जाती है । राहुल जब यह देखा है की आरती अंदर गई है तो वह कुछ देर वहीं खड़े होकर आरती घर को देखा है।
फिर मुस्कुरा कर वहां से चला जाता है
जैसे राहुल वहां से जाता है तो आरती दरवाजे से पीछे निकल कर उसे जाते हुए देखती हैं और वह भी मुस्कुरा देती है।
जैसे ही आरती मूड कर अपने कमरे की तरफ जाने लगती है तो उसके सामने एक 41,42 इयर्स की महिला आकर खड़ी हो जाती है वह दिखने में बहुत ही ज्यादा करूर लग रही है।
वह औरत गुस्से में चिल्लाती हुई कहती है ohh...hoo
इतनी कहा देर लगा दी महारानी तुमने आने में क्या कहा था तुमने की जल्दी आ जाओगी लेकिन अब रात के 10:00 बज गए हैं इतनी देर तक तुम कहां थी।
सारा काम वैसा का वैसा पड़ा है कब करोगी कहां मैं मटकाने गई थी।
वह औरत ऐसे ही आरती पर चिल्लाते जा रही थी पर आरती कुछ भी नहीं खेती सीर झुक कर उस औरत के सारे थाने चुपचाप से सहती है।
क्योंकि यह उस की मां की बेस्ट फ्रेंड है। आरती कि मॉम - बाप के मौत के बाद आरती को संभाला है जिसकी वजह से आरती चुपचाप से उसके ताने सूनती रहती है। इनका नाम पकी बुलबुले है उनके पति का नाम मनीष बुलबुले है इनकी दो बेटीया है जिनका नाम रिंकी और चिंकी है
माया के घर में
माया जैसे ही वॉशरूम से बाहर निकलती है तो वह देखती है कि मोहना वहीं खड़ी थी उसका इंतजार कर रही थी।
माया बोली तुम्हें क्या हुआ है तुम ऊपर (छत)क्यों नहीं गई यह क्यों रुकी हुई हो।
मोहना पूछती है क्या फैसला किया है तुमने क्या आगे क्या करने वाली हो।
माया बोली पता नहीं समझ नहीं आ रहा क्या करूं।
समझ नहीं आ रहा क्या करना चाहिए क्या नहीं एक तरफ मन करता है कि उसे कंपनी को ज्वाइन नहीं करु, पर दूसरी तरफ मन कहता है कि इससे अच्छी जॉब मुझे कहीं नहीं मिलेगी इतने अच्छे सैलरी में।
मोहना उस के कंधे पर हाथ रख थी हुए बोली एक बात बोलूं देख तू तो जानती है कि हम लोग स्टूडेंट है और हमें कोई इतने हाई सैलरी पर जॉब नहीं देगा बाहर कितने की लोग हमसे ज्यादा पढ़े लिखे हैं पर बेरोजगार हैं ।
देख तुझे पता है और मुझे भी कि हमें इस वक्त पैसों की बहुत जरूरत है। सिर्फ मैं तो तुम्हें यही एडवाइस दूंगी की कि तुझे यह जॉब करना चाहिए ।बिकॉज समथिंग इस बेटर थन नथिंग। /(Something is better than nothing)
और एक बात है जो मैं तुम्हें बताना चाहती हूं मुझे पता है तू अपनी अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ दोनों अलग रखेगी इसलिए बोल रही हूं यह जॉब तु आंख बंद कर ।
एक बार तू ट्राई तो कर वैसे भी मैं जानती हूं यू आर द स्मार्ट तो अपने हर प्रॉब्लम को सॉल्व कर सकती है।
माया मोहन कितनी मोटिवेशन बात सुनकर मोटिवेट फुल होती है और बोलती है तूने सही कहा मैं हर चीज का डटकर सामना कर सकती हो बिकॉज़ आई एम ए ग्रेड डॉटर का मल्हार राणे।
जिन्होंने अपनी लाइफ में कभी हार नहीं मानी मैं भी उनकी तरह कभी हार नहीं मानूंगी इतना बोल कर रहा मुस्कुरा देती है।
मोहना माया से बोली अच्छा ठीक है डिसाइड कर लिया है तो सो जाओ कल सुबह टाइम पर बैठता है और अपने चैलेंज को फेल भी करना है।
माया होगे सरला देती है और छत की तरफ दोनों निकल जाती है
इंद्रजीत अपने कमरे में लैपटॉप पर काम कर ही रहा था कि तभी उसका फोन बचता है तो देता है कि यह फोन उसके दादाजी रुद्र खन्ना ने किया है।
इंद्रजीत बिना एक्सप्रेशन के साथ कॉल उठना है पर कुछ भी नहीं बोलना है।
सामने से रूद्र खन्ना की कड़कती हुई आवाज आई क्या हुआ वह मिल गई तुम्हें अगर नहीं मिले तो कब तक ढूंढोगे उसे तुम भूल गई क्या तुमने अपने दादी को क्या वादा किया है।
इंद्रजीत की बातों को सुनकर कोल्ड वॉइस में बोलता है आपको मुझे याद दिलाने की जरूरत नहीं है ना ही मैंने अपना वादा बुलाए ढूंढ लिया है मैंने उसे।
कुछ दिनों में आपके सामने लॉन्ग।
रुद्र खन्ना इंद्रजीत की बात सुनकर बड़े खुश हो जाते हैं जो आवाज आप तक कड़क थी वह एकदम नरम हो जाती है और जिस चीज से बोलता है क्या सच में तुमने उसे ढूंढ लिया तुम्हें पता है तुमने मुझे यह खबर सुना कर कितनी खुशी दी है।
वह बातें कर ही रहे थे कि इंद्रजीत कॉल कट कर देता है वह रुद्रा खन्ना की पूरी बात सुनता ही नहीं है।
जैसे कॉल करते होता है रुद्र खाना बोलते हैं क्या यह सच में मेरा ही होता है कितना नच चढ़ा है।
इंद्रजीत बालकनी के पास आता है और चांद को देखते हुए अपने मन में बोला तुम तो सपनों में ही आती कभी हकीकत में सामने आओ कितना तड़पा क्यों रही हो तुम नहीं तो कहा था कि तुम एक दिन ओगी और मुझसे शादी करोगी।
चांद यह दिल तुम्हारा बहुत इंतजार कर रहा है यू अचानक जिंदगी में आ गई थी और अचानक ही चली गई हो ना ही अपना नाम बताया, नहीं अपना चेहरा दिखाए बस अपना एहसास करवा कर मुझे यु दुर चली गई हो जैसे हवा।
इंद्रजीत इतना बोलकर अपने सीने पर हाथ रखता है जहां पर एक चांद का टैटू बना हुआ है टैटू दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत दिख रहा है।
तभी अभय कमरे में पहुंच जाता है और इंद्रजीत को यूं चांद को नीहर हर थे देख उसे चढ़ते हुए बोलता है वह चांद है तेरी महबूबा नहीं जो उसे इतनी शिद्दत से निहार रहा है।
इंद्रजीत उसकी आवाज सुनकर अपनी आंखें बंद कर कर अपने सर पर हाथ देता है उसकी अब वह जानता था कि अब अभय उसे बहुत पक्का आएगा।
वह मुड़कर से देखा है और दोनों दोस्त एक दूसरे के साथ बातें करते हैं।
यू बोल सकते हैं कि अभय बात कर रहा था इंद्रजीत लैपटॉप पर काम कर रहा था पर अब कुछ बात से फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि वह जानता था कि इंद्रजीत काम करते हुए भी उसे इग्नोर नहीं कर सकता है उस बातों को अच्छे से सुन रहा है।
क्या खबर लेगी की अगली सुबह इन सबके जिंदगी में।
यहां किसी की जिंदगी में कोई देगा दस्तक।
जाने के लिए पढ़ीए है
❤️❤️❤️"इश्क की लाइब्रेरी"❤️❤️❤️