*/मुझे नफरत है .....///
वो कही बाहर खाने का बोलते तो पहले शेयर में कितना देना है ये मन में आने लगा था उससे ज्यादा खर्च हो जाए तो गुस्से से भर जाती थी । बहुत दिखाने की कोशिश करती थी की गुस्सा हु ओर मैं इतना खर्च करना नहीं चाहती । पर सत्या देख के अनदेखा कर देते....ये बहुत अलग था मेरे लिए...... मैं और confuse हो गई थी । लड़के कभी अपनी 1% interest वाली लड़की का भी गुस्सा इग्नोर नहीं कर सकते चाहे वो दोस्त ही क्यों न हो या someone special । हा बस एक चीज नहीं बदली थी खामोशी और भाग जाना । कंपनी में और भी इंटरस्टिंग पर्सनेलिटी थी मैं अब वहां भी बाते करना चालू कर दी थी । अजय ( शेंकी ) बहुत हैप्पी पर्सनेलिटी था दिन भर कुछ न कुछ बात करवा लो बस हस हस के टाइम गुजर जाएगा । बाकी स्कूल और कोचिंग के कुछ दोस्त थे उनके भी कभी कभी msg आ जाते थे । सत्या अब अकसर मुझसे कंपनी के उस टेबल से दूर रहने लगे थे लंच में कोई बाहर का काम पकड़ लेते थे और बाकी टाइम फोकस्ड matur man की तरह बिहेव करते । अगर मुझसे कुछ काम करवाना है तो शेंकी या बॉस से बुलवाते या खुद दो लाइन का नोट दिमाग में सेट करके आते । या कॉल में पूछ बता देते । मुझे नहीं पता में लंच का क्यूं ही पूछ लेती थी मैं बिल्कुल hate करती हु पर मेरा माइंड एंड टाइम पर धोखा दे देता है पूछ ही लेती हु " लंच टाइम तक आ जाओगे .....?" और वो कहते नहीं काम निपटते देर हो जाएगी । मुझे ये नॉर्मल ही लग रहा था सब समझ के हिसाब से ही था कि अच्छा हुआ मैं जल्दी समझ गई इनके लिए मैं एम्पलाई हु ओर नॉर्मल जान पहचान वाली फ्रेंड । कुछ दिन यू ही बीते और इस बार जब मैने लॉन्च का पूछा तो कुछ शब्दों का फेर बदल हो गया। " नहीं काम है दूसरी जगह भी जाना है । बाकी लोग तो है शेंकी तो होगा ! " जनाब के मुह से सारी जलन फुट के बाहर निकाल आई । शब्द कम थे लहजा कड़क ज्यादा था । मुझे बहुत शॉक लगा । कन्फर्म करने के लिए बाद में जब वो आए तो मौका देख कर मैने अपने सवाल दाग दिए कि आप सीधे अपना ही बोलते किसी और का नाम क्यों लिए । वो मेरा bf नहीं है नॉर्मली सब साथ खाना खाते ही है । ( में उनकी आंखें देख कर जवाब सुनने को तैयार थी ) सत्या ने कहा - " यहां तुम ऑफिस में मेरे अलावा किसी और से बात करती हो चाहे वो किसी भी बात हो मुझे पसंद नहीं आता । काम के अलावा कोई और बात न ही करो । ( मन में इसे जलन का अंजाम समझ कर खुश हो रही थी) क्योंकि ये हमारे काम को इफेक्ट कर सकता है और इफेक्ट होगा ही ये मुझे पता है। इसलिए मत बात किया करो बाकी तुम्हारी मर्जी ।( मेरे सारे गुब्बारे हवा हो गए ये जलन नहीं ये कामकाज वाली बात थी कुछ भी सोच लेती हु ) । मैं अब बाकियों से बात करना लगभग बंद ही कर दी थी । Next तीसरे दिन से सत्या काफी दिन बाद लंच पर साथ में बैठे थे । आज काफी वक्त सामने बैठ कर ही काम किए । में अब अपना जो मूड था वो भूल गई थी । कुछ दिन बाद हम सब अपने अपने काम में बिजी थे अचानक लाइट गोल हो गई और ऑफिस का फोन भी काम नहीं कर रहा था । तो अब थोड़ा फ्री टाइम था सब आपस में बैठ कर बाते कर रहे थे तभी कोचिंग के एक फ्रेंड का व्हाट्सएप msg आया और साथ में उनकी बचपन की फ्रेंड लतिका का भी msg आया मेरी बात दोनों से चल रही थी । सत्या की नजरें बड़ी तेज है दूर से देख लिए । और उससे क्या बात हो रही है पूछे मैने बताया की थोड़ी कॉमेडी वाली बाते ही चल रही है तो बोले मैं देख लू। मैने chat ओपन करके उनको मोबाइल दे दिया । वो chat देखे और fir mobile देकर मुझे ही roast करने लगे । क्योंकि मैने chat में कही पर ये कह दिया था की " अभी तो जवानी आई है " बस उसी को लेकर खूब हसी उड़ाई उन्होंने और फिर से उसकी फ्रेंडशिप भी किस्से सुनाने लगे अच्छी फ्रेंड थी पर उसकी गलती के कारण दोस्ती टूट गई । 😡 मेरा फिर नफरत वाला मोड ऑन हो गया । अब नया तरीका था रोज बात करना जरूरी है क्या ऑफिस में तो मिलते ही है ऐसा बोलना और गुड नाइट बोल के बात न करना।
( डिस्टेंस बनाते बनाते मैं भूल ही जाती थी कि कब मैं ज्यादा रूड हो जाती लेकिन फिर मुझे बहुत बुरा लगता और फिर झगड़ा करके खुद sorry बोल देती । नासमझ बन जाती । मुझे उनसे दूर होना है और ये मेरे बस के बाहर है । कभी ये इंसान बिल्कुल बनावटी लगता है और कभी ऐसा की अभी इसे जानना बाकी है ये जैसा दिखता है उसके बिल्कुल अलग है मेरे जैसा ही शायद ......पर मेरी खामियों के साथ नहीं । मुझे लगा शायद मैने ज्यादा कह दिया हो सकता हो मैं चीजे ज्यादा सीरियस ले रही हु सामने वाला उतना समर्पित है ही नहीं.... फिर मैं अच्छा बिहेव करूं या बुरा बिहेव करूं क्या ही फर्क पड़ता है । नॉर्मल रहो ।)
Chat me बातों बातों में वही लतिका और पूनम के किस्से आ जाते है। वो सालों से बात बंद है फिर भी हर दो तीन दिन में उनलोगों का जिक्र होता है । मुझे बहुत चीड़ आती है पर सुन लेती हु । पूनम बहन जैसी है लेकिन लतिका बचपन की बहुत करीबी फ्रेंड है । बचपन से जवानी तक की फ्रेंड कितनी करीब होती है मुझे अंदाजा नहीं क्या । शायद ये गहरी दोस्ती के रहते प्यार वाली फीलिंग आई ही होगी और ये मैडम किसी और के साथ हो ली होगी इसलिए भूल नहीं पा रहे । तभी इतना याद आते रहती है । मुझे बहुत चीड़ आती है मैंने भी बातों बातों में जता दिया कि वो कोचिंग वाले फ्रेंड का भी msg आ रहा है उससे भी बात रही हु। फिर सत्या मुझे रात में होने वाली चैट में समझाने लगे ...ज्यादा लड़कों से बात करना सही नहीं होता । मत किया करो । भलाई के लिए बोल रहा हु काफी बहस करने के बाद उन्होंने ये msg लिखा। " Tum meri bahut khas friend ho islie sb keh deta hu".
""आखिर तुम क्यूं इतने दिल के पास हो,
कोई तो वजह जरूर है, जो तुम इतने खास हो.
मेरे दोस्तों में सबसे पहले तुम्हारा ही नाम आता है, रब्ब की कसम हमारा पिछले कई जन्मों से नाता है.
6th class में रब्ब ने मुझे तुझसे मिलाया था,
और उस मुलाकात में ही तुझे मेरी जिंदगी का हिस्सा बनाया था.
वो वक्त मैं कैसे भूल जो, जो मैने तुम्हारे साथ बिताया था, क्योंकि तुम्हारी हर एक आदत ने दीवाना जो बनाया था.
उस वक्त तुम्हारे पास कुछ दोस्त
हमसे खास थे, लेकिन तुम तो हमारे दिल के तब भी पास था.
ज्यादा तर तेरे ही बारे में सोचा करता था, यह तक कि, हैंडराइटिंग तक copy किया करता था. लिखावट तेरी कमाल थी, और ड्राइंग तो बेमिसाल थी.
तूने भी अपनी दोस्ती तब खूब निभाई, मेरे हिस्से की ड्राइंग थी जो बनाई, टीचर भी देख कर समझ लिया करता था, और मेरे जगह तेरी ही तारीफ किया करता था.
आखिर उस अंजान पहेली ने ऐसे उलझाया, की उलझते हुए भी वो सुलझने लगी, जो पहली मेरे दिल के पास थी, वो मेरे जिंदगी बन-ने लगी.
अब तक की जिंदगी में, मैने कई अच्छे दोस्तों का साथ पाया है, और सब को तेरी बातें बता बता कर पकाया है.
उन सब को लगता है कि, तू मेरे लिए बहुत खास है, और मेरे दिल के पास है.
हक़ीक़त तो यह है कि, वो सब अच्छे दोस्त मेरे दिल के पास है, और तेरे लिए बहुत खास है,
रब जाने किसका दिल तो किसके पास है.
कही ना कही, मैं आज भी तुझपे मरता हूं, और कही तुझे मुझसे अच्छा कोई न मिल जाए, इस बात से मन ही मन डरता हूं.
इसी डर में रब्ब से यही दुआ करता हूं, कि ए रब्ब मुझपे एक एहसान जरूर करना, इस दोस्त को मुझसे कभी जुदा न करना..""