Ishq ki Library - 9 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | इश्क की लाइब्रेरी। - 9

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इश्क की लाइब्रेरी। - 9

chapter 9। 


siyappa। 


पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की कैसे माया राहुल से टकराती और दोनों मिलकर लंच करने के लिए चले जाते हैं राहुल माया से पूछता है कि उसकी परेशानी की वजह क्या है तब माया उसे सब कुछ बता देती है दूसरी तरफ माया के घर माया की दादी कल्याणी जी आई है और सबके लिए गिफ्ट्स लाइए अब आगे





जब रेणुका जी वो साड़ी को देख कर वो खुश होकर बोलती है साड़ी बहुत अच्छी है लाल रंग और गोल्डन वर्क किया हुआ था फिर उसने एक कुत्ता पैजामा की डब्बा लिया और बोला इसे रेवंत को देना उसे ऊपर अच्छा लगेगा फिर ऐसे ही कर कर रेणुका जी को दिखाया किस के लिए क्या-क्या लाए हे|

कल्याणी  जी  एक-एक करके  सार समान दिख रही थी  कि वह किसके लिए क्या-क्या लाई है यह सारी बात रेणुका ज भी  बड़ी गौर से सुन रही थी,  दोनों सास और बहू मिलकर बातें करने लगे थे 

दूसरी तरफ

माया और राहुल ने अपना खाना खत्म कर लिया और वह दोनों बिल पेमेंट कर कर बाहर आ रहे थे ।  तभी राहुल का फोन बजा रहा था तो राहुल ने कॉल उठा लिया और बोला हेलो दूसरी तरफ  से आवाज आई अर्जेंट मीटिंग  अटेंड करना बोलकर कॉल कट कर देता है ।

माया ने भी राहुल की बात सुनी थी तो उसने *  कहा अच्छा ठीक है तुम्हारे साथ लंच करके अच्छा लगा फिर मिलते हैं इतना कह कर, उसे बाय बोलकर * , वहां से जाने लगी तो राहुल ने भी उसे बाय बोला और बोला कि संभल कर जाना....

इतना कहकर दोनों अपने अपने रास्ते चले गए। माया पार्किंग से स्कूटी लेकर वहां से चली गई माया जैसे ही घर जा रही थी रास्ते पर एक आदमी ठहरा हुआ था और लोगों से लिफ्ट मांग रहा था पर कोई भी उसे लिफ्ट नहीं दे रहा था।

माया ने उसे देखा तो उसकी मदद करने के लिए अपनी स्कूटी उसके पास जा रोक देती है। एक स्कूटी के रुकने से वह आदमी ने अपना चेहरा ऊपर कर कर देखा तो आंखोंंंंंं में चमक आ गई माया ने उसका चेहरा देखा तो वह आदमी बड़ा ही हैंडसम  था।  उसके चेहरा थोड़ा बहुत शाहिद कपूर की तरह मिल रहा था । 

उसकी  फिजिकल  पर्सनालिटी भी बिल्कुल शाहिद कपूर की तरह थी , उसे यूं कहा जा सकता है कि वह शाहिद कपूर का परफेक्ट ट्यूब माना जा सकता था। माया ने उस आदमी से पूछा क्या हुआ तो ,आदमी बोला **थैंक यू स्कूटी रोकने के लिए प्लीज मेरी हेल्प की जिए एक्चुअली में यहां नया आया हूं  । मेरा सामान चोरी हो गया है और मेरे पास सेल फ़ोन भी नहीं है , कुछ भी नहीं है । क्या आप मुझे पुलिस स्टेशन तक छोड़ दोगी क्या** । 

उस आदमी की बात सुनकर माया बोली ठीक है, बैठ जाओ वह आदमी भी माया की स्कूटी पर बैठ गया । माया अपनी स्कूटी पुलिस स्टेशन की तरफ बढ़ा दी और उसे पूछने लगी *हेलो माय   नेम इस माया और तुम्हारा नाम क्या है।

वह आदमी बोला *माय नेम इस अभय कपूर आई एम एन एडवोकेट ।  तुम यहां क्या करने आए हो आई मीन की यहां तुम घूमने के  लिए आए हो या काम करने के लिए आए हों । अभय बोला ** कि मैं यहां काम के सिलसिले में आया हूं और मैं और साथ में घूम भी लूंगा  । मैं अपने दोस्त के कंपनी का लीगल एडवाइस  हूं , जिसकी वजह से मुझे यहां आना पड़ा।मैं अपने काम के साथ-साथ घूमने भी आया हूं। माया ने अभय से पूछा कि क्या उस ने खाना खाया है है क्या। तो अभय का चेहरा छोटा-सा हो गया उसने कहा कि नहीं खाया हूं जैसे ही जाऊंगा अपना रिपोर्ट दर्ज करवाऊंगा फिर अपने दोस्त का कांटेक्ट करूंगा उस के बाद खाना खाऊंगा। तो माया ने अभय से पूछा कि क्या तुम्हारे पास पैसे है।


 अभय को माया की बात  समझ नहीं आई फिर भी उसने * *कहा जी नहीं मेरा वॉलेट मेरे बैग में था और अब वह चोरी हो गया है* तो माया ने अभय से पूछा कि तुम कैसे खाओगे, जब तुम्हारे पास पैसे ही नहीं है तो। अभय ‌ने कुछ नहीं कहा, वह चुप हो गया। माया  अभय की चुप्पी को समझ कर अपनी स्कूटी को दूसरे  रास्ते पर मोड़ दिया और एक इडली के स्टॉल पर गाड़ी रोक दीया । 

 उसने इडली स्टॉल से एक प्लेट इडली और एक प्लेट दोसा ऑर्डर कर देती है कुछ देर में  उनका ऑर्डर आ जाता है । अभय  यह देखकर थोड़ा हिचकी चाहा रहा था कि, एक अनजान लड़की उसकी इतनी मदद कर रही है वह भी इस अनजान शहर में। जब माया ने यह देखा की अभय कुछ सोच रहा है। तो माया ने अभय के आंखों के सामने अपना हाथ हिलाकर बोली।  अभय जी कहां खो गए हो आप आर्डर आ गया है और ठंडा हो रहा है खा लीजिए। अभय ने माया की बात सुनकर बोला **जी यह सोच रहा हूं कि आप कितनी अच्छी हो एक अनजान आदमी की मदद कर रही हो । आजकल दुनिया में कौन किसकी मदद करता है पर आज पता चला कि आप जैसे लोग होते हैं जो दूसरों की मदद करते हैं वह भी बिना कोई मतलब निकले*।

माया ने अभय की बात सुनकर बोली जी ऐसे कुछ बात नहीं है वह तो मैं अपने दादा जी से सीखी हूं , हमें लोगों की मदद करनी चाहिए ।मेरे दादा जी उनके दोस्त लोगों की मदद करते थे ‌। उन्होंने कहा था कि हमें लोगों की मदद करनी चाहिएं क्योंकि जिंदगी में हमें भी किसी ना किसी की मदद की जरूरत पड़ती है। तो आपकी मदद करने में भी मेरा मतलब हैं। माया की बात सुनकर अभय मुस्कुराया । माया ने जब यह अभय खाना खाई नहीं रहा था उसने कहा जल्दी से खाइए वरना ठंडा हो जाएगा और अभी आपको पुलिस स्टेशन जाना है रिपोर्ट दर्ज करवाना है और अपने दोस्त के लिए वेट भी करना है इतना सारा काम करने के लिए आपको एनर्जी की जरूरत पड़ेगी खा लीजिए बोल कर चुप हो गई। माया की बात सुनकर अभय खाना खाना शुरू कर देता, पर वह देखता है की माया ने तो ‌खान शुरू नहीं किया तो वह पूछता है कि आप नहीं ही खाओगी क्या।

माया उसे बोलती है कि जी नहीं,अभी  आधे घंटे पहले ही अपने दोस्त के साथ खाना खा लिया था। माया की बात कर अभय चुपचाप खाना खाना लगता है। अभय का खाना खत्म हो ने के बाद 

माया ने स्टॉल वाले को इडली डोसा का पेमेंट कर दिया। तो अभय बोला कि थैंक यू सो मच आपकी इतनी हेल्प कर ने के लिए नहीं।। पता था नहीं की मैं आपका एहसान कैसे उतारूंगा । अभय की बात सुनकर माया उसे से कुछ नहीं बोलती और उसे गाड़ी पर बैठने का इशारा किया तो अभय भी चुपचाप गाड़ी पर बैठ गया।

माया उसे पुलिस स्टेशन के और छोड़ देती है और बोली  की देखो यह मेरा नंबर जब भी  तुम्हें कोई जरूरत होगी मुझे कॉल कर देना मैं मदद के लिए आ जाऊंगी। और अगर तुम्हें दोस्त  मदद कर दिया हो तो मुझे एक मैसेज कर देना कि तुम ठीक हो । इतना बोल कर माया अपनी स्कूटी शुरू कर देती है। अभय उसे हेल्प के लिए थैंक यू बोलता है और बोलता है की वह  उसे  मैसेज कर देगा, और माया को अपना ख्याल रखने के लिए बोलता है। फिर वह पुलिस स्टेशन के अंदर चला जाता है।  

सिन नंबर 3

एक आदमी ब्रिज के पास खड़े होकर बेहते हुए पानी को देखकर कुछ सोच रहा था कि,तभी एक लड़की आई वह लड़की बहुत ही छोटी थी ।  लगभग  15 साल की वह अपने  सामने खड़े आदमी से बोली क्या हुआ तुम इतना उदास क्यों लग रहे हो। वह आदमी अपना सार घूम कर देखता है , कि एक लड़की खड़ी है। जिसमें पर्पल कलर का लॉन्ग गाउन पहना हुआ था उसके पीठ पर बटरफ्लाई फेदर लगे हुए थें हाथ वे स्टार वाली छड़ी थी और चेहरे पर बटरफ्लाई मास्क उसे लड़की का चेहरा साफ नहीं दिखाई दे रहा था उसे मास्क में उस की काली आंखें होंठ दिखाई दे रहे थे,।

 उसे लड़की की बात सुनकर  वह आदमी अपना चेहरा घूमात है और बोलता है तुम कौन हो और ऐसे ही बच्चों को किसी भी अनजान से बात नहीं करनी चाहिए । उसे आदमी की बात सुनकर वह लड़की बोलती है कि मैं कौन हूं यह बाद में बताओगी पहले तुम बोलो तुम इतने परेशान क्यों लग रहे हों।

उसे लड़की की बात सुनकर वह आदमी बोला व्हाट डू यू मीन मैं कुछ परेशान नहीं हूं ,वह आदमी यह बात बड़ी ही रुके अंदाज में बोलता है ।फिर भी वह छोटी सी बच्ची उसे बात का बुरा नहीं मानती और पूछती है अच्छा ठीक है।

तुम कितने हैंडसम लग रहे हो पता है । मैं तुम्हें से बडी होकर ‌शादी करूंगी। 
 उसे छोटी सी बच्ची की बात सुनकर वह आदमी है हैरान नहीं से बोला व्हाट डू यू  मीन,तुम्हारा कहने का क्या मतलब है। तुम्हें छोटी सी बच्ची हो और बच्चों को ऐसी बातें नहीं करना चाहिए ।

बच्चों को स्कूल कॉलेज के लिए जाना चाहिए ।

लड़की बोली तुम ना अंकल आंटी की तरह लेक्चर मत दो इतना बोलो क्या तुम मुझसे शादी करोगे ,उसे लड़की की बात सुनकर वह आदमी बोला तुम बच्ची हो और मैं तुमसे बड़ा हूं ।

तो वह लड़की बोले  तुम कितनी साल के हो ,तो आदमी बोला मैं 20 का हूं । वह  लड़की बोली तुम मुझसे सिर्फ 5 साल बड़े ही हो ,तो  तुम ना मुझे 5 साल बाद मिला उसके बाद में तुमसे शादी करूंगी ।

उसे लड़की के बात समझ नहीं आई तो  आदमी बोला 5 साल बाद क्यों ?

तो वह लड़की बोली अरे बाबा 5 साल बाद में एकीस 21 की हो जाऊंगी ना, तो तुमसे शादी करूंगी इतना बोलकर। उस लड़की ने अपने गले के चैन में से एक तारा निकाला और उसे आदमी के हाथों पर रखकर बोली  जब मैं तुम्हें 5 साल बाद मिलेगी ना तुम मुझसे शादी कर लेना और यह तारा हम दोनों को मिलने का जरिया बनेगा अच्छा ठीक है इतना कह कर वह लड़की वहां से भाग गई ।जब तक  यह बात उसे आदमी को समझ आती और रोक पाता वह लड़की गायब हो गई थी।

जैसे वह कभी आई नहीं तभी इंद्रजीत ने  अपनी आंखें खुली और वह आंखें खोल कर लंबी-लंबी साल से लेने लगा इंद्रजीत अपने डेस्क के ऊपर ही काम करते-करते सो  गया था और यह सपना देख रहा था इंद्रजीत।

खुद से बोल ,कहां हो तुम कब से मैं तुम्हें ढूंढ रहा हूं तुमने कहा था कि 5 साल बाद तुम मुझे से मिलोगी और  मुझसे शादी करोगी पिछले 5 साल से तुम्हें ढूंढ रहा हूं tum मिलती ही नहीं हो लेकिन कोई बात नहीं एक न एक तुम्हें मैं ढूंढ लूंगा जब ढूंढ लूंगा तब मैं तुम्हें खुद से दूर  जाने ही नहीं दूंगा बोलकर वह चुप हो गया और वापस से काम करने लगा।

किस ढूंढ रहा है इंद्रजीत, क्या होगा मायाका फैसला, क्या फिर मिलेंगे अभय माया वह कौन लड़की थी जो इंद्रजीत की सपने में आई।

जाने के लिए पढ़िए इश्क की लाइब्रेरी

डियर रीडर कहानी पसंद आईतो लाईक शेर और कमेंट की जीए ।