चैप्टर 11 इंद्रजीत हुआ परेशान/कल्याणी जी हुई राहुल से इंप्रेस
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इंद्रजीत की बात सुनकर रोहन और अभय मासूम बच्चों की तरह अपना सर हिला देते हैं जैसे ही वह लोग पुलिसस्टेशन से बाहर जहां रहे थे तभी एक हवलदार आता है और रोकता है। हवलदार बोलता है कि साहब आपने तो साइन नहीं किया है। प्लीज साइन कीजिए। हवलदार की बात सुनकर अभय साइन करने के लिए चला जाता है।
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अभय रोहन और इंद्रजीत तीनों पुलिस स्टेशन के बाहर आ जाते हैं।
अभय और रोहन अभी भी तू तू -मैं मैं कर रहे थे इंद्रजीत दोनों की तू तू -मै-में सून कर बड़ा चीड़ मच रहा था ।
लेकिन बेचारा😔 क्या करें एक उसका भाई जैसा दोस्त है जिसने कभी भी इंद्रजीत का साथ नहीं छोड़ा हर खुशी और हर दुख में उसके साथ था और दूसरा वह जिसे इंद्रजीत ने बचपन से लेकर अब तक अपने बच्चे जैसा पाला है।
इंद्रजीत चलते-चलते रुक जाता है और पीछे मुड़कर उन दोनों को देखता है ।
जब अभय और रोहन अपने ऊपर किसी की घूरती नजर देखते हैं तो एक पल के लिए वह डर से काप जाते हैं, पर वह अगले ही पल इंद्रजीत को इग्नोर कर देते हैं।
जब इंद्रजीत यह देखता है कि उसका घूरना का दोनों पर कोई असर नहीं दिख रहा तो वह अपने सख्त लेहज में कहता हैं "आई थिंक रोहन तुम्हें यूरोप जाकर वहां का दादा जी का बिजनेस संभालना चाहिए इंद्रजीत की बात सुनकर रोहन हड़बड़ा गया और हकलाते हुए बोला बा..... बा..... बॉस ए आप क्या बोल रहे हो, मुझे यूरोप नहीं जाना ना ही है ।ना ही बिग बॉस का कंपनी संभालना है। रोहन की ऐसी हालात देखकर अभय हंस 🤣🤣🤣रहा था पर बेचारा इस बात से अनजान की रोहन के बाद उसकी बारी आएगी।
इंद्रजीत अभय की हंसी सुनकर उसकी तरफ मुड़कर देखा है और कठोर लेहाज़ में बोलता है, मुझे लगता है आज जो हुआ है उसे के बारे में अंकल को पता होना चाहिए ।इंद्रजीत की बात सुनकर जो अभय अब तक रोहन पर हास 😂 रहा था। उसकी हंसी😑 गायब हो गई और वह अपना चेहरा ऐसे बना रहा था जैसे किसी ने उसे खोलते हुए तेल में डालने की सजा दी हो😵🥴🥴।
अभय अपने पापा से बहुत ही ज्यादा डरता है, अगर कोई अभय की लगाम लगा सकता है तो वह उसके पापा है।
अभय ने कहा क्या तू मेरा दोस्त है या दुश्मन जो अपने ही दोस्त को ऐसे फसाने की कोशिश करता है। दोस्त दोस्त ना रहा – यार यार ना रहा । अभय यह बात बड़े इनोसेंट और ड्रैमेटिक वे में बोल रहा है।
तभी ड्राइवर कर 🚗लेकर उनके पास आता है इंद्रजीत कर में बैठता है लेकिन अभय और रोहन एक दूसरे को घूर 😠😠 रहे हैं जैसे वह कह रहे हो यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है- तुम्हारी वजह से हुआ है।
इंद्रजीत गहरी सांस लेकर उन्हें देखता है और बोलता है अगर तुम दोनों का घूरना हो गया तो गाड़ी में बैठो वरना टैक्सी में आओ।
डियर रीडर्स मैंने आपको पहले ही कहा था कि रोहन बचपन से ही इंद्रजीत को बड़ा एडमिरे करता है और उसके साथ रहना चाहता है क्योंकि इंद्रजीत ने उसे एक परिवार का एहसास दिया है जब उसे सलाह की जरूरत होती तो बाप बन जाता था ।अपने दिल की बात कहने की जरूरत होती तो दोस्त बन जाता था। उसे समझाने की जरूरत होती तो मां बन जाता था। इसलिए वह बचपन से ही इंद्रजीत को अपना सब कुछ मानता है उसके लिए अपनी जान भी दे सकता है और किसी की जान भी ले सकता है।
अभय की इनफार्मेशन
इंद्रजीत और अभय दोनों कॉलेज के फर्स्ट ईयर में मिले हुए थे अभय एक एंबिशियस और चुलबुला इंसान है उसके साथ रहने वाले लोग हमेशा खुश रहते हैं ।लेकिन अभय जैसा दिखता है वैसा नहीं है इसके अपने ही कुछ राज है जो उसके सीने में दफन है सो डियर रीडर्स अभय की मुस्कुराहट पर न जाइए।
नो इन स्टोरी
रोहन अभय एक दूसरे को घूर ने के बाद कार में बैठ जाते हैं। रोहन ड्राइवर के बाजू बैठता है और अभय इंद्रजीत के।
अभय ने अब तक रोहन और इंद्रजीत को बता दिया था कि उसके साथ-साथ क्या हुआ था वह कैसे पुलिस स्टेशन में आया ।कैसे माया ने उसकी मदद की,
अभय की बात सुनकर रोहन ने कहा अभय भाई अप तब से उसे लड़की की तारीफ कर रहे हो पर उसका नाम नहीं बताया।
अभय ने कहा उसे लड़की का नाम है........... वह बस इतना ही बोला था कि इंद्रजीत की फोन की रिंगटोन बाजी और अभय माया का नाम लेते-लेते चुप हो गया।
इंद्रजीत ने कॉल रिसीव किया और अपने कानों पर रखा ,पर उसने कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ से आवाज आई बॉस हमने उसे इंसान को पकड़ लिया जिसने अभय सर का समान चुरा लिया था, इंद्रजीत ने ठंडे लेजर में कहा उसे उसकी करनी का फल दो ।इंद्रजीत की यह लफ्ज सुनने में कितने प्यारा लग रहा है पर उसका मतलब उतना ही खतरनाक होता है।
अभय और राहुल दोनों इंद्रजीत को उल्लू की तरह देख रहे हैं क्यों कि गाड़ी में शांति होने के कारण दोनों ने इंद्रजीत की बात सुन लिया था और अपने मन में सोचने लगे वह लोग अब तक पुलिस स्टेशन से बाहर नहीं आए पर इंद्रजीत ने उसे चोर को पकड़ भी लिया।
उन दोनों की ऐसे एक्सप्रेशंस देखकर इंद्रजीत को समझ आया कि वह क्या सोच रहे हैं तो इंद्रजीत ने कहा व्हाट ?
इंद्रजीत की व्हाट सुनते ही दोनों ने अपना मुंह बंद किया अब तक खुला हुआ था और एक दूसरे की तरफ देखकर उस से पूछा यार तुमने इतनी जल्दी चोर को पकड़ भी लिया अभय ने कहा।
रोहन ने भी कहा हां सर और इसके बारे में मुझे पता भी नहीं चला।
इंद्रजीत ने ठंडे पर रुके लेज में बोला तुम दोनों को कुत्ते बिल्ली की तरह लड़ने से फुर्सत मिले तो ,पता चलेगा कि तुम्हारे आसपास क्या हो रहा है।
उसके ऐसी बात सुनकर दोनों मुंह बनाते हैं और चुपचाप बैठ जाते हैं, और इंद्रजीत लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था।
तभी अभय को याद आता है कि माया ने उसे नंबर दिया था यह कहकर की अगर वह ठीक है तो या उससे मदद चाहिए तो उसे मैसेज कर दे। माया की बात याद आते ही उसने जोर से चीका ओ शीट उसकी ऐसी चीख सुनकर रोहन घबरा कर पूछा क्या हुआ ? तो अभय ने कहा अरे यार उस लड़की ने कहा था कि अगर मैं सही सलामत रहो या ना रहूं उसे एक बार मैसेज या कॉल कर दूं ।इतना बोल कर वह अपना फोन निकलता है ,पर उसे याद आता है कि उसका तो फोन चोरी हो गया है, तभी इंद्रजीत ने उसके आगे एक फोन बढ़ाते हुए कहा यह लो।
उसके हाथ में फोन देखकर अभय रोहन एक बार फिर से शोक रह जाते हैं😯 ।
यही तो खास बात है हमारे हीरो में की वह हर काम समय से पहले ही करता है।
इस बार दोनों ने कुछ नहीं कहा और अभय ने फोन ले लिया और अपने जेब में हाथ डालकर एक पेपर निकाल जिस पर माया का नंबर है उसने वह नंबर डायल कर किया और कॉल लगा दिया पर माया ने उसका कॉल नहीं उठाया, ऐसे ही अभय ने है नहीं उसे चार से पांच बार कॉल किया पर उसने कॉल नहीं उठाया क्योंकि वह अपने घर में पार्टी कर रही थी जिसके लाउड म्यूजिक से वह अपने फोन का रिंग टोन की आवाज सुनाई नहीं दी।
फिर अभय ने उसका नाम सेव कर किया और प्रोफाइल आईडी खोल कर उसे मैसेज कर दिया कि वह ठीक है और उसका दोस्त उसे लेने आ गया है। इतना टाइप कर कर सेंड कर देता है और थैंक ( gif) भेज देता है।
भेज कर जैसे वह अपना फोन बंद करने वाला था वह माया की प्रोफाइल पिक्चर देखा है और बोलता है कि यार या लड़की दिखने में जितनी सुंदर है उतनी ही दिल की साफ है, अगर इससे मेरी मुलाकात फिर होगी तो मैं इसे किस्मत की मर्जी समझ कर उसे अपना बना लूंगा।
उसके ऐसी बात सुनकर इंद्रजीत और रोहन दोनों क्यूरोस हुए उसे लड़की के बारे में जानने के लिए ।क्योंकि अभय चाहे कितना भी बकवास करें या फ्लर्टी बातें करें पर वह कभी किसी लड़की की इतनी तारीफ नहीं कर ता है क्यों कि वह हमेशा ही लड़कियों से दूर भगाने की कोशिश करता है।
जैसे ही अभय यह देखा है कि रोहन उसके फोन में झांकने की कोशिश कर रहे हैं , तो अपना फोन ऑफ कर देता है।
दूसरी तरफ राणें निवास
अभिषेक, आदित्य,रुचि, रितु और अंजलि यह 5 ओ भी लॉर्ड म्यूजिक पर नाच रहे हैं।
मोहना और और माया भी उनके साथ नाच रहे हैं , लेकिन माया बहुत ही परेशान हो रही थी क्योंकि वह सब की खुशी देखकर अपने प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढने की कोशिश कर रही है और दूसरी तरफ मोहना ऐसे नाच रही है जैसे कठपुतली नाचती हो।
तभी दरवाजे की बेल बजतीहै ,तो रेणुका जी दरवाजा खोलती है।
तो देखती है कि सामने चार लोग खड़े हैं। जिसमें तीन आदमी और एक लड़की है।
वह लड़की रेणुका जी की पेर छूती हैं।
रेणुका जी उसे कांधों से पकड़ कर अपने गले से लगाते हुए पूछता है कैसी हो आरती बेटा? कितने दिन हुए तुम घर नहीं आई हो?।
आरती भी बोलती है मैं ठीक हूं आंटी और आप कैसे हो क्या है ना की कॉलेज का कुछ वर्क है जिसकी वजह से मैं नहीं आ पाई।
आरती की बात सुनकर रेणुका जी मुस्कुरा देती है और सामने खड़े तीनों आदमी की तरफ देखकर बोलती है नमस्ते केशव भाई साहब,नमस्ते चाचा जी, नमस्ते राहुल बेटा अंदर रुचि भी अंदर आओ । उनकी बात सुनकर राहुल उनके पेर छूत है और बोलता है नमस्ते आंटी। रेणुका जि उन चारों को अंदर ले जाती है।
वो लोग देखते हैं कि अंदर सब बच्चे नाच रहे हैं। कल्याणी जी भी आती है और सबको नमस्ते बोलती है और केशव से बोलती है कैसे हो बेटा केशव?। केशव जी बड़े प्यार से बोलते है ठीक हूं मां जी ।
राहुल सबके पैर छूता है। कल्याणी जी राहुल को देखती हैं और रेणुका जी से आंखों के इशारों से पूछता है कि यह कौन है रेणुका जी कहती है मां यह माया का दोस्त है और रुचिता का भाई है राहुल।
कल्याणी जी यह सुनती है कि वह माया का दोस्त है तो वह अपनी चमक ती आंखों से देखती हैं और राहुल की बिहेवियर से इंप्रेस भी हो जाती है।
तभी सब बच्चे डांस कर कर थक जाते हैं और म्यूजिक बंद कर कर सोफे पर पसरा जाते हैं।
तभी रेणुका जी सबको खाने के लिए डाइनिंग रूम में बुलाती है और सब खाने के लिए नीचे छठयी पर बैठ जाते हैं।
सारे लड़कियां रुचि, मोहना ,अंजलि, आरती, रितु सब रेणुका जी की मदद करते हैं और किचन से सारा खाना लाकर रखते हैं और सबको परोस खाना परोस कर खुद भी बैठ जाते हैं।
कल्याणी की एक थाली में खाना परोस कर राकेश जी की तरफ जाकर देती है क्योंकि राकेश जी व्हील चेयर पर बैठे हुए हैं।
खाने में पूरी, हलवा, पनीर की सब्जी, पुलाव,रायता और लस्सी है।
सब लोग खाना खा रहे थे लेकिन कल्याणी जी की नजर माया और राहुल पर थी जो कुछ बात कर रहे थे।
कल्याणी जी अपने मन में बोलती है भगवान यह लड़का दिखने में और व्यवहार में बहुत ही अच्छा है। बस आप इस लड़के को मेरा जमाई बना दे ।वह यह बात बहुत ही धीरे से बोल रही है। उनकी बात किसी ने नहीं सुनी पर उनके पास में बैठी हुई रेणुका जी जरूर सुन लिया है। पर कुछ ना बोली।
सबका खाना खत्म होते ही सब घर जाने के लिए तैयार हो रहे थे पर माया ने रितु रुचि अंजलि मोहन आरती को रुकने के लिए मना लिया था। पर आरती नहीं मानती है और घर के लिए निकल जाती है। मोहना के पापा और दादाजी भी अपने घर के लिए निकल जाते हैं।
क्या किस्मत मिला पाएगी माया और इंद्रजीत को?
क्या होगा जब अभय और माया मिलेंगे।
Spoil alert
रोहन और मोहन जल्दी एक दूसरे से टकराने वाले हैं।
Please like and comment ❤️❤️❤️
There are many twist in the story please
read it Ishq ki library ❤️❤️❤️❤️❤️