उस छोटी बच्ची के मुंह से इतनी बड़ी बड़ी बातें सुनकर पावनी की आंखे हैरानी से फैल गई और वो तुंरन्त उसे अपने गोद में उठाकर के बोली-” aww थोड़ा मुझे भी तो बताओ हमारी रिहा ने पानु दीदी की कौन सी टॉप सीक्रेट अपने इस बेबी हार्ट में छुपाकर रखा हुआ है।” कहते हुए वो उसके स्टमक में हल्के से टेकलिंग करते हुए उसे देख रही थी। रिहा उसके बाहों में क्यूट सी जैली फिश की तरह मचलते हुए बोली-" अरे पहले रिहा को टेकलिंग करना तो बन्द करो वरना वो बोलेगी किस तरह से?"
पावनी उसे चुपचाप देख रही थी। ये आजकल के बच्चे सचमुच कुछ ज्यादा ही एडवांस हो गए थे। रिहा भी उसे छोटा सा पाउट बनाकर देख रही थी।
पावनी ने उसे देखकर क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा-"अब किसका इंतजार है अब तो बता दो मुझे पानु दीदी के सीक्रेट्स।"
ये सुनकर रिहा अपने मुह के आगे एक हाथ लगाते हुए धीरे से फुसफुसाते हुए बोली-” अरे बद्दू इतना भी नहीं पता टॉप सीक्रेट कभी किसी को नहीं बताते ,लेकिन मैं जानती हूं आप रोज नाईट में माँ से छुपकर आइस क्रीम खाती हो और ।”
इतने में पावनी ने सदमें में आकर उसके मुह पर धीरे से अपना एक हाथ रखकर उसे चुप कराया और कहा-” अरे बस बस बस मेरी thunderstorm ऐसे सीक्रेट्स बातें खुलेआम बोलने की नहीं होती, वैसे रिहा अब मुझे हैप्पी बिर्थ डे विश कौन करेगा? तुमने तो मुझे अभी तक विश किया ही नहीं।” और ये कहते हुए उसने उसे देखकर उसने झूठमूठ नाराज होते हुए अपना गुब्बारे जैसा मुह फुला लिया। रिहा ने उसे देखकर कुछ सोचते हुए कहा-” अरे ये भी कोई पूछने वाली बात है, रिहा ही करेगी ना अपनी फेवरेट पानु को सबसे पहले विश और कौन करेगा, लेकिन एक मिनट पहले मुझे नीचे तो उतारो, जल्दी जल्दी ।" फिर जब पावनी ने उसे नीचे उतारा तो रिहा जल्दी से जाकर बेड के सामने से एक रेड कलर का हार्ट सेप्ड बलून उठाकर लाई और बलून उसकी तरफ बढ़ाकर अपनी प्यारी सी आवाज में बोली-” हैप्पी बिर्थ डे पानु दीदी, रिहा की तरफ से आपके लिए ये बलून और।” फिर वो अपने पॉकेट में कुछ ढूढ़ने लगी फिर फ़ायनली एक पेज उसकी तरफ बढ़ाकर बोली-” ये गिफ्ट भी मेरी तरफ से ख़ास आपके लिए बनाया है मैंने।" पावनी उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई फिर मुस्कुराते हुए उससे उस बलून को लिया फिर उस पेज को लेकर उसे खोलकर देखने लगी। उसमें रिहा ने अपनी कलाकारी करते हुए इस आश्रम के साथ ,माँ के साथ, उसकी और अपनी तस्वीर बनाने की नाकाम कोशिश की थी।
उसकी क्यूट सी ड्राइविंग देखकर पावनी का मन भर आया था। उसकी आँखों में नमी उतर आई थी। लेकिन उसने हमेशा की तरह अपने आंसुओ को छुपा लिया और रिहा को पकड़कर उसने जोर से उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने आंसुओ को साफ करते हुए बोली-” ओ मेरी एंजल थैंक यू बच्चा, ये गिफ्ट मेरे लिए लाइफ टाइम सबसे बेस्ट रहेगा बिल्कुल तुम्हारी तरह, ओ रिहा तुम इतनी क्यूट क्यों हो हां।” ये कहते हुए वो उससे अलग होकर उसके क्यूट से चेक्स को छूते हुए उसे देखने लगी।
रिहा भी बेहद क्यूट सी स्माइल करते हुए उसके चीक्स को पकड़कर बोली-" अभी मैं क्यूट हूँ लेकिन मैं भी बड़ी होकर आपकी तरह सुंदर बनूंगी।" ये सुनकर पावनी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई और वो उसके सोल्डर को थपथपाते हुए बोली-" अच्छा तुम्हें इतनी बड़ी बड़ी बातें आंखिर सिखाता कौन है हां? चलो अब जाकर देखते हैं सब लोग क्या कर रहें हैं।"
फिर थोड़ी देर बाद वो रिहा को लेकर अपने रूम से बाहर आ गई थी। यहां अनाथालय का पूरा हॉल आज आर्टिफिशियल फ्लावर्स और गुब्बारों से सजाया गया था।
तभी पावनी जैसे ही रिहा के साथ यहांपर आई तो छोटे-छोटे बच्चे दौड़ते हुए उसके पास आए और एक दूसरे का हाथ पकड़कर उसके चारों ओर गोल गोल घूमते हुए हैप्पी बिर्थ डे टू यू वाला सांग गुनगुनाने लगे और रिहा भी पावनी का हाथ छोड़कर उनमें शामिल हो गई थी। पावनी इसवक्त बेहद खुश नजर आ रही थी और वो भी उन बच्चो के साथ ही क्लिपिंग करते हुए गोल गोल घूमते हुए गा रही थी। वहीं एक पुराने टेबल पर एक साधारण सा केक रखा था, जो बच्चों ने इतनी सारी कलाकारी करते हुए खुद उसके लिए बनाया था। वहीं पास ही पावनी का एक हम उम्र लड़का खड़ा था जो कैमरे से ये सब कैप्चर कर रहा था और वहीं साइड में दो औरतें खड़ी हुई थी। उनमें से एक औरत जो उम्र में थोड़ी बड़ी और सौम्य नजर आ रही थी वो शांति जी थी यानी इस अनाथालय की मुखिया , उन्हें यहां सभी माँ कहकर सम्बोधित किया करते थे और दूसरी उनके साथ खड़ी , रमा जी वो यहां की सँरक्षिका थी। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि उन दोनों स्त्रियों ने ही इस आश्रम को अपने स्नेह और लाड़ प्यार से सम्भाला हुआ था। और ये सारे बच्चे उनके जैसे खुद के बच्चे थे। लेकिन पावनी माँ के लिए उनकी 'सब कुछ' थी, वो इसवक्त पावनी को खुश देखकर एक तरफ खड़ी मुस्कुरा रही थी। तभी रमा जी ने एक गहरी सांस लेकर शांति जी से कहा-“ये वक्त भी कितनी जल्दी बदल जाता है न , अभी भी इस लड़की को देखती हूँ तो लगता है जैसे अभी कल की बात हो ।” जिसपर शांति जी बोली-” सही कहा तुमने रमा , ये हमारे इस घर की रौनक है, पता नहीं जब ये यहां से चली जायेगी तो कैसे रह पाएंगे हम, इसकी आदत लग गई है ।” कहते हुए वो पल्लू से अपने आंसुओ को साफ करने लगी।
तभी रमा जी ने उनके कंधे पर धीरे से हाथ रखते हुए कहा-" आपने सही कहा हमारी पानु है ही इतनी प्यारी की पल भर में वो सब का मन मोह लेती है, उसके बिना हमारा मन तो नहीं लगेगा लेकिन फिर भी उसके उज्वल भविष्य के लिए उसका यहां से बाहर निकलना जरूरी है। "
जिसपर शांति जी बोली-" तुम सही कहती हो रमा हम उसे यूं अपने मोह में बांध नहीं सकते, उसके सपने बहुत बड़े हैं और मैं चाहती हूं कि उसे जिंदगी में सबकुछ मिले ।" कहते हुए वो हल्के से मुस्कुरा देती है जिसपर रमा जी भी मुस्कुरा देती है।
तभी पावनी भागते हुए उनके पास आ गई और बोली-” माँ , काकी इतनी सारी डेकोरेशन की क्या जरूरत थी हां।” फिर उसने पहले शांति जी से आशीर्वाद लिया और बाद में रमा जी से। उन दोनों ने भी उसे भर भरकर आशीर्वाद दिया और उसे केक कट करने के लिए कहा। इतने में कैमरे के पीछे से पावनी का जिगरी यार निशान ने मुस्कुराते हुए उससे कहा-”हैप्पी बिर्थ डे टू यू पानु ।" जिसपर पावनी ने नाक चढ़ाकर कहा-" एक्सक्यूज मि तुम हो कौन? मैं तो तुम्हें जानती तक नहीं, देखो तो ये फोटोग्राफर कितना फॉर्मल बिहेव कर रहा है ।" ये सुनकर निशान उससे माफी मांगते हुए बोला-"अरे यार पानु सुबह सुबह इतने अच्छे टाइम पर ऐसी असुभ बातें तो मत करो, प्लीज मुझे माफ़ कर दे यार, मैं कसम से तुम्हारा बिर्थ डे भुला नहीं था बस मुझे आज का डेट याद नहीं था, तुम तो जानती है न मेरा मैथ्स।”
लेकिन पावनी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा-" हुह भुल्लकड़ कहीं का।" और उसके साथ साथ रिहा और सभी बच्चे भी भुलक्कड़ करकर निशान को चिढ़ाने लगे। ये देखकर निशान का मुह ही बन गया था। वहीं रमा जी और शांति जी साइड में खड़ी इनकी हरकत पर मुस्कुराएं जा रहे थे।
वैसे निशान होने को तो पावनी का बचपन का मित्र था और उसका सहपाठी भी था। और वो रमा जी का इकलौता अडॉप्टेड सुपुत्र भी था तो उसे इस आश्रम में सभी बहुत प्यार करते थे, लेकिन वो अपनी आदत से मजबूर हमेशा की तरह पावनी का बिर्थ डे आज भी भूल गया था। वो तो अच्छा था कि उसे रमा जी ने सुबह सुबह याद दिला दिया था। लेकिन पावनी उससे इसी बात को लेकर नाराज थी । क्योंकि वो उसे उससे बेटर जानती थी । तभी माँ पावनी से बोली-” पानु ये सब छोड़ो बेटा क्या तुम जानती हो ये केक किसने बनाया है? तुम्हारे इन नन्हें मुन्ने कलाकारों ने। देखकर बताओ तो डेकोरेशन कैसा है।”
पावनी एक नजर उस अतरंगी केक को देखकर फिर भावुक होकर बच्चों को देखने लगी। उसकी आँखें भर आई थी। उसने हाथ जोड़कर आंखे बंद की और विश मांगा फिर रुंधी आवाज में उसी तरह से बोली-” ये केक वर्ल्ड का सबसे बेस्ट केक है माँ, अरे यार तुम सबने मेरे लिए इतना सब किया? मैं… मैं क्या कहूँ? यह मेरे लिए सबसे खास दिन है। " कहते हुए वो वहांपर मौजूद सभी को देख रही थी। तभी शांति जी आगे बढ़कर पावनी को गले लगाते हुए बोली-” बेटा, तुम तुमसे ही तो इस घर में रौनक है, तुम जानती हो न तुम्हारे बिना ये घर कितना अधूरा है। चलो अब इमोशनल नहीं होते चलकर केक कट करो अब, रोना नहीं है आज के दिन, शाबाश मेरी प्यारी बेटी।” जिसपर पावनी ने अपने होठों को दबाकर खुद के भावनाओं को काबू करते हुए अपना सिर हिलाया फिर पावनी और बच्चे मिलकर केक कट किया। यहां का माहौल खुशी से भर गया था। जब पावनी कैमरामैन निशान को छोड़कर वहांपर मौजूद एक एक को केक खिलाते हुए रमा जी के पास पहुची तो रमा जी पहले उसे केक खिलाकर फिर हल्की हंसी के साथ बोली-” पानु, अब केक के बाद तुम्हारे हाथों का बना गरमा गर्म अदरक वाली चाई पियूंगी मैं।” पावनी हंसते हुए बोली-” काकी ये भी कोई कहने की बात है, आप जो कहेंगी, वही होगा आज, कसम से बहुत ज्यादा सुप्रीम फील हो रहा है मुझे आज।” ये कहते हुए वो शांति जी को देखने लगी। जो उन्हें अपनी शख़्त निगाहों से घूर रही थी, क्योंकि डॉक्टर ने रमा जी को केफ़िन लेने से साफ मना किया हुआ था। खैर पूरे घर में खुशी का यह माहौल छाया हुआ था, सभी बच्चे पावनी को अपनी अपनी लर्न की हुई पोयम सुना रहे थे। लेकिन इसी बीच जब शांति जी अचानक लड़खड़ा कर बेहोश होकर गिर गई । तो हॉल में एकदम से सन्नाटा छा गया। पावनी जोर से चिल्लाई-” माँ।”
***तो क्या हुआ था शांति जी को और क्या लिखा था पावनी की जिंदगी में? आंखिर कौन थी पावनी? जानने के लिए बने रहिए और कहानी कैसी लग रही है मुझे कमेंट करके बताना मत भूलिए। धन्यवाद