Ishq da Mara - 77 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 77

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इश्क दा मारा - 77

गीतिका की बाते सुनने के बाद यूवी गीतिका को देखने लगता है और बोलता है, "अब तुम अकेली नहीं रहोगी मैं हर वक्त तुम्हारे साथ रहूंगा, तुम्हारा साया बनकर"।

तब गीतिका बोलती है, "आप मुझे मेरे सवाल का जवाब दीजिए "।

तब यूवी गीतिका का हाथ पकड़ कर ले जाता है और बोलता है, "पहले चलो बाकी बाते बाद में करना"।

उसके बाद यूवी गीतिका को कार में बैठा देता है और खुद ड्राइव करने लगता है। गीतिका यूवी से गुस्सा हो जाती है और मुंह खिड़की की तरफ करके बैठी रहती है।

तब यूवी बोलता है, "बच्चा गुस्सा क्यों हो गई हो, एक बार मेरी तरफ तो देखो"।

तब गीतिका बोलती है, "मुझे आपको नहीं देखना है "।

तब यूवी बोलता है, "एक बार मेरी बात तो सुनो"।

तब गीतिका बोलती है, "मुझे आपसे बात भी नहीं करनी है"।

तब यूवी बोलता है, "ऐसे जिद नहीं करते हैं बच्चा, और तुम्हारे घर वाले भी तो परेशान हो रहे हैं न तुम्हारे लिए"।

गीतिका कुछ भी नहीं बोलती है बस खिड़की के बाहर देखती रहती है।

तब यूवी बोलता है, "देखो अभी मैं तुम्हारे घर छोड़ कर चला जाऊंगा और तुम तो सबके साथ बाते करने लगोगी, और मैं क्या करूंगा, बस तुम्हे याद और उसके बाद तो तुम्हे मेरी याद भी नहीं आएगी"।

तब गीतिका बोलती है, "अगर इतना ही प्यार है तो मत ले जाइए कही, रख लीजिए अपने पास "।

तब यूवी बोलता है, "हा तो मैने कब मना किया है बच्चा, की मैं तुम्हे अपने पास नहीं रखूंगा, देखो अब जिद मत करो "।

तभी गीतिका की बुआ जी का घर आ जाता है। तब यूवी बोलता है, "बच्चा क्यों इतना तड़पा रही हो, एक बार तो देखो मुझे, देखो अब तो तुम्हारा घर भी आ गया है "।

उसके बाद गीतिका यूवी की तरफ देखने लगती है।

तब यूवी बोलता है, "गुस्सा मत करो, वैसे भी मैं अभी तुम्हे कही ले कर जाने वाला हूं"।

ये सुनते ही गीतिका खुश हो जाती है और बोलती है, "आप मुझे कहा ले कर जायेंगे ????

तब यूवी गीतिका के कान में धीरे से बोलता है, "सरप्राइज़ "।

तब गीतिका बोलती है, "बताइए ना यूवी क्या सरप्राइस है"।

तब यूवी बोलता है, "सरप्राइस बताने थोड़े ही है"।

उसके बाद यूवी कार से उतरता है और और गीतिका को भी उतरने के लिए बोलता है।

उसके बाद दोनों अंदर जाते हैं गीतिका को देख कर सब बहुत ही खुश हो जाते हैं गीतिका की बुआ जी जल्दी से भागते हुए गीतिका के पास आती है और उसे गले लगा लेती है और बोलती है, "कैसी है बेटा कहा चली गई थी, तुझे पता है कि हम कितना परेशान हो गए थे"।

तभी मीरा और उसकी भाभी भी गीतिका के गले लग जाती है ।

गीतिका के फूफा जी यूवी से बोलते हैं, "बेटा ये तुम्हे कहा मिली ???

तब यूवी बोलता है, "जंगल में"।

ये सुनते ही सब चौक जाते हैं तभी गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "ये जंगल कैसे चली गई थी और इसे कौन ले कर गया था ????

उसके बाद यूवी सब कुछ बता देता है कि गीतिका उसे कैसे और किस कंडीशन में मिली थी। उसके बाद गीतिका के फूफा जी यूवी के आगे हाथ जोड़ लिया खड़े हो जाते हैं और बोलते हैं, "बेटा मैं बता नहीं सकता हूं कि तुमने हम पैर कितना बड़ा एहसान किया है, अगर आज इसे कुछ हो जाता तो हम तू जीते जी मर जाते"।

तब यूवी बोलता है, "एक बात बोलनी थी आपसे "।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "वो हमे पहले गीतिका को डॉक्टर के पास ले कर जाना चाहिए"।

ये सुनते ही सब चौक जाते हैं और गीतिका भी चौक जाती है और यूवी की तरफ देखने लगती हैऔर सोचती है कि ये क्या बोल रहे हैं मुझे डॉक्टर के पास जाने की क्या जरूरत है, मैं तो बिल्कुल ठीक हु ।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "मगर डॉक्टर के पास क्यों बेटा ये तो बिल्कुल ठीक लग रही है मुझे.......