Mera Mast Pyaar - 4 in Hindi Love Stories by Black books and stories PDF | मेरा मस्त प्यार - 4

The Author
Featured Books
Categories
Share

मेरा मस्त प्यार - 4

Hey guys 



चलिए अब आगे बढ़ते हैं story कि तरफ 


हिना ने जैसे ही अन्कित को देखा तो उसके चेहरे से खुश झलक रही थी और उसे अन्दर ही अन्दर सुकुन मिल रहा था तभी हिना की friend निर्जला बोली: हिना कैंटिन चलते हैं। 

निर्जला कि बात सुन हिना ने अन्कित पर से अपनी नजरें हटाई और निर्जला के साथ कैंटिन की ओर चल दी। कैंटिन की ओर चलते हुए हिना सोच रही थी कि हिना तुझे क्या हो गया कल तुने क्या सोचा था और अब ये तू क्या कर रही है। समझा खुद को। ये सही नहीं है। क्या पता वो तुझे पसंद ही ना करें। पसंद करना तो दूर कि बात है वो तो तुझे अब देखता भी नहीं है। शायद वो सब तेरी गलत फहमी है। अब भी वक्त है उसके बारे में सोचना बंद कर दे। 


हिना ये सोचते सोचते कैंटिन पहुंच गयी। फिर वो निर्जला के साथ हंसी मजाक करने लगी। कुछ देर बाद जैसे ही क्लास में जाने का टाइम हुआ तो वो निर्जला के साथ क्लास कि तरफ चल दी। क्लास में आते वक्त उसे उसकी एक क्लासमेट मिली जो हिना से बोली तू मेरी पानी की बोतल लेजा रूम में। मैं अभी कुरकूरे लेकर आ रही हुं। Sir थोड़ा लेट आयेंगे तो तब तक खा लेंगे और बच भी गए तो चलती क्लास में खा लेंगे। उसकी बात सुन हिना को हसी आ गई और उसकी बोतल लेके क्लास कि ओर जाने लगी। तभी उसकी नज़र ground कि तरफ गयी।पर वहां अन्कित नहीं था। तो वो निर्जला से बोली 2 मिनट धूप में रुकते हैं और sir भी लेट आयेंगे तो निर्जला, हिना के साथ धूप में खड़ी हो गई। हिना कि क्लास 2nd floor पर थी और वो पूरी कोलेज को देख रही थी तभी उसकी नज़र अन्कित पर पड़ी जो कि उसकी क्लास के बाहर खड़ा था और अपने friends के साथ बात करता हुआ नीचे ground में देख रहा था। 


उसे देख कर हिना निर्जला से बोली चल क्लास में ही चलते है यहां क्या ही करेंगे। जब सर आ जायेंगे तो तुरन्त ही सर के Enter होने से पहले ही अपन enter  हो जायेंगे। 

ये सब कह कर हिना खुशी - खुशी जाने लगी तो निर्जला भी उसके साथ जाने लगी।  पहले तो हिना सिढीयो पर जल्दी जल्दी चलती। फिर जैसे ही अन्कित उसे दिखने लगा तो उसने अपनी गति धीमी कर ली और निर्जला से बात करते हुए अन्कित की ओर चल दी। 

उसके अंदर एक खुशी थोड़ा डर था फिर भी वो अन्कित कि ओर बढ़ी जा रही थी। हिना निर्जला से बात करते हुए अन्कित को देखते हुए भी नहीं देख रही थी। I mean हिना अन्कित को थोड़ा सा देखती है और फिर नजरें हटा लेती है। फिर जैसे ही हिना की क्लास आईं तो हिना क्लास में चली गई और निर्जला भी उसी के साथ क्लास में चली गई। 


क्लास में आने के बाद हिना कि धडकने कम होने का भी नाम नहीं ले रही थी । हिना का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि जब हिना ने अन्कित को देखा तो अन्कित कि भी उस पर नजर पड़ी थी। हिना अन्कित के बारे में सोचते हुए अपनी सीट पर बोतल रख कर निर्जला से बोली अभी सर नहीं आये तो हम बाहर बरामदे में खड़े हो जाते हैं। निर्जला भी मान गई। 


फिर दोनों ही बरामदे में आकर खड़ी हो गई। उन दोनों के पीछे अन्कित मयूर और उसके किसी और दोस्त से बात कर रहा था। 


तभी मयूर बोला इस क्लास (यानी हिना कि क्लास) में चलते। उन तीनों की आवाज जोरों से आने पर हिना और निर्जला पीछे मुड़कर उन्हें देखने लगी और उन कि बातें भी सुनने लगी। 


अन्कित ने हिना और निर्जला को देखा और उन्हे देख हजीटेट होने लगा। फिर अन्कित ने मयूर को देखा और उसे अपनी तरफ देखते हुए हां कर दी। लेकिन उसका चेहरा देखकर लग रहा था कि उसे किसी की क्लास में ऐसे जाना पसन्द नहीं आया पर वो मयूर को भी नाराज़ नहीं करना चाहता था।


उसके हा में सिर हिलाने पर हिना को पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लगा। वो अन्कित, मयूर, उसके तीसरे दोस्त को देख रही थी। 


पीछे से क्लास टीचर भी आ रहे थे लेकिन किसी को भी उनके आने का पता नहीं चला।


मयूर ने क्लास में दो ही कदम रखे थे और उसने देखा क्लास में केवल लड़कीया है और लडके नहीं है तो मयूर शर्म आने लगी और वो ज्यादा अन्दर ना जाकर बाहर आकर हंसने लगा। 

उसे ऐसा करते देख अन्कित जो अभी तक बाहर ही खड़ा था वो भी मयूर के पास जाकर हंसने लगा और उनका वो friend  जब अन्दर गया तो वो जल्दी से बाहर आया और उन दोनों को हंसता देख उन पर गुस्सा होते हुए हंसने लगा।


हिना और निर्जला उन तीनों को देखकर हंसने लगी।