आधी रात हो चली थी काया थकी हुई बेड की एक कोने पर सिर टिकाए आंखें बंद किए गहरी सोच में थी। पिछले कुछ दिनों से जब से मोक्ष उसकी जिंदगी में आया है नींद सुकून तो जैसे उसकी जिंदगी से गायब हो चुकी थी।
अचानक कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज से वो अपने हाथों की मुठिया बना लेती है। सांस सहमी हुई दिल जोरो से धड़क रहा था ।लेकिन शरीर में कोई और हलचल नहीं थी।मोक्ष कमरे के अंदर आता है और बिना काया पर नजर डालें अपना शर्ट के बटंस खोलते हुए सीधे वॉशरूम की तरफ चला जाता है । और उसके वॉशरूम जाते ही काया अपने हाथों की मुट्ठियां खोल देती है ।
कुछ 10 मिनट बाद मोक्ष एक लोअर और टीशर्ट पहने चेंजिंग रूम से बाहर आता है और सीधे बेड के दूसरे साइट जाकर लेट जाता है। कुछ पल कमरे में बिल्कुल खामोशी रहती है बस तेज सांस और धड़कनों की हल्की शोर ही सुनाई पड़ रही थी जो उन दोनों की ही थी।
काया कुछ पल ऐसे ही बेड से ही टिक कर बैठी रही और फिर कुछ पल बाद वहां से उठकर जाने लगी।
"ये जो लड़खड़ा कर चल रही हो सच में पैरों में मोच लगी है या पति की सताई हुई अबला नारी की एक्टिंग को बैकग्राउंड इफेक्ट दे रही हो?"......मोक्ष आंखें बंद किए ही लेट कर बिना किसी भाव के बोला।काया उसकी बातें अनसुना कर वहां से जाने लगी ।
"कहां जा रही हो आधी रात को ? अपने यार को मिलने बुलाया है क्या?" .....इस बार मोक्ष की आवाज सर्द थी।
काया इस बार भी बिना कुछ कहे अपनी लड़खड़ाते कदमों से बालकनी की ओर बढ़ रही थी जैसे उसे मोक्ष की कोई बात सुनाई ही ना पड़ रही हो। वो चल ही रही थी कि एक ही झटके में मोक्ष उसके सामने आकर खड़ा हो गया। बिना मोक्ष को देखे वो दूसरे साइड से जाने लगी तो मोक्ष दोनों हाथ पॉकेट में डालकर उसका रास्ता ब्लॉक करने लगा। ये गेम बिल्कुल वैसे ही था जैसे कुछ घंटे पहले काया और क्रिश के बीच में चल रही थी । दो-तीन बार कोशिश करने के बाद काया एक गहरी सांस लेती है और पलट कर बेड के पास जाने लगी ।
मोक्ष एक ही झटके में उसकी कमर को खींचकर अपने सीने से सटा देता है और काया जिसने इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं की थी अपने दोनों हाथ से मोक्ष के शर्ट को कसकर मुट्ठी में भर लेती है । और वही मोक्ष का एक हाथ काया के खुली कमर पर और दूसरी उसकी खुली पीठ पर थी।
अचानक से खुद को मोक्ष के इतने करीब महसूस कर काया जोरों से अपनी मुट्ठियों को भींच ती हुई अपनी आंखें बंद कर लेती है । और गुस्से और दबे लफ्जों में बोली........ "लिव मि ।"मोक्ष उसके कमर पर और पीठ पर अपनी उंगलियों को सहलाते हुए सर्द आवाज में......"तुम तो मुझे अवॉयड कर रही हो ना स्वीटहार्ट जैसे मैं हूं ही नहीं। देन अवॉइड मि। सोचो कि मैं हूं ही नहीं । "......कहते हुए उसकी नज़रें काया कि कांपती होठों पर थी और वो अपना चेहरा धीरे-धीरे काया के चेहरे के और बढ़ा देता है।
उसके आंखों में हद से ज्यादा नशा था। उसके सासों से तेज शराब ओर सिगरेट की स्मेल आ रही थी। जो काया को असहज महसूस कर रही थी। सिर उसपर से मोक्ष के इतने करीब होना उसे एक अजीब से एहसास से रूबरू करवा रही थी।काया नफरत दर्द और गुस्से भरी आवाज के साथ........"मैं जानती हूं कि आप मुझसे नफरत करते हैं उतनी मैं भी आपसे करती हूं। दोनों की ही मजबूरी है एक दूसरे को बर्दाश्त करना।"कहते हुए वो अपनी पूरी ताकत लगाकर खुद को मोक्ष से छुड़ा कर पीछे पलट जाती है।
"क्या हुआ स्वीटहार्ट इग्नोर नहीं कर पा रही हो क्या मुझे? इतना इफेक्ट हो रहा है मेरा तुम्हारे इतने करीब आना?".....मोक्ष नफरत और गुस्से से बोला।
"जैसे आपने कहा था कि मैने आपकी चीज़ें बिगाड़ी है और मुझे ही ठीक करनी है तो मुझे वही करने दीजिए ताकि जल्द से जल्द सब कुछ ठीक कर मैं यहां से जा सकूं नाहीं आपको मुझे झेलना पड़ेगा और ना ही मुझे आपको ।".....काया मोक्ष के और पलट कर उसके नजरों से नज़रें मिलाते हुए बोली।
मोक्ष जो काया कि यूं धक्का देने से दो कदम पीछे हट चुका था अपने कातिल आंखों से काया की तरफ देखते हुए...."बहुत जल्दी है अपने यार के पास जाने की प्यार बहुत गहरा लगता है दोनों का।"
"That's नॉन ऑफ योर बिजनेस। ना मैं आपके पर्सनल लाइफ में कोई दखलंदाजी कर रही हूं ना ही आप मेरी पर्सनल लाइफ में कोई दखलअंदाजी करें और इसलिए मैने एक बीच का रास्ता....
इससे पहले कि वो कुछ बोल पाती मोक्ष ने उसके बाहें पकड़ कर उसे अपने करीब खींच लिया और उसके ऊपर पूरी तरह से झुक कर दबे सर्द आवाज में बोला......"बीच का रास्ता माय फुट , मोक्ष शेखावत की जिंदगी में कुछ बीच का नहीं होता या तो इस पार या तो उस पार।"....कहते हुए उसकी जहर भरी नजरे काया कि बेजान नजरों को बुरी तरह से घूर रही थी।
वो कुछ पल यूं ही काया को घूरते रहा। फिर एक नफरत भरी स्माइल देते हुए बोला....."दादी सम्राट और घर के बाकी लोगों को अपने इस अबला नारी वाले इमेज से रिझा कर रखना । मोक्ष शेखावत औरत की फितरत से बखूबी वाकिफ है। जानबूझकर क्रिश के साथ वो चैलेंज चैलेंज गेम खेल रही हो है ना? ताकि क्रिश तुम्हें रिजेक्ट कर दे और तुम
"और अगर क्रिश ने मुझे एक्सेप्ट कर लिया तो क्या करेंगे आप?".....मोक्ष को टोक ते हुए काया ने एकदम से पूछा। और मोक्ष के चेहरे के भाव एकदम से बदल भी गए।
अपने चेहरे की बदले हुए भाव को काया से छिपाने के लिए वो दूसरे और पलट गया और सर्द आवाज में बोला....."तुम्हारे साथ एक कमरे में रहने का मुझे भी कोई शौक नहीं है और ना ही मोक्ष शेखावत के साथ एक कमरे और एक बेड शेयर करने की औकात है तुम्हारी।".....बोलकर वो तेजी से बालकनी की तरफ चला गया और बालकनी के डोर को इतनी जोर से पटका कि मानो भूकंप आ गया हो।
सुबह का वक्त
पंछियों की आवाज से मोक्ष की नींद टूटती है जो इस वक्त अपने बालकनी के काउच पर लेटा हुआ था वो एकदम से उठ आंखें खोल ता है और हाथ में बंधी हुई घड़ी के तरफ देख ता है जिसमे इस वक्त सुबह की 8.30 बज रहे थे।वो उठ कर बैठ गया और अपने दोनों हाथों को अपने चेहरे और बालों पर फेर ते हुए एक गहरी सांस लेकर उठ खड़ा हो गया ।
फर्श पर पड़े 50 से भी ज्यादा सिगरेट के बुझे हुए टुकड़े को देख वो फ्रस्ट्रेटेड हुए बोला......."ये कोई आम लड़की नहीं है बेटा मोक्ष इसकी टॉर्चर कुछ अलग लेवल की है। ये कुछ ना करते हुए भी सब कर देती है कुछ ना बोलते हुए भी सब कुछ बोल देती है।"
फिर चिढ़ ते हुए वो बालकनी के रेलिंग को कसकर पकड़ लेता है और सर्द आवाज में खुद पर ही झल्ला कर बोला....."मेरे घर या कमरे में नहीं लगता है मेरे दिमाग में भी घुस कर बैठी है ये लड़की।और जब तक ये मेरे कमरे में रहेगी लगता है इस बालकनी को ही मेरा परमानेंट एड्रेस बनाना पड़ेगा ।"
खुद से ही बडबडाते हुए अपने सिर को झटक कर वो कमरे के अंदर आ जाता है और एक सरसरी सी नजर पूरे कमरे में डालता है। काया को पूरी कमरे में कहीं नहीं देख एक राहत की सांस लेकर वो वॉशरूम के अंदर चला गया।
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दूसरे तरफ डाइनिंग टेबल के पास आज इतनी एक्साइटमेंट थी जितनी शायद इंडिया-पाकिस्तान के मैच में भी ना हो। यहां तक की सेरा और मुरात भी पिछली रात की मोक्ष के दहशत के बावजूद भी हिम्मत कर घर के अंदर ही वेट कर रहे थे ।
प्रताप जी ऑफिस के लिए रेडी होकर डाइनिंग टेबल पर बैठते हुए दादी को देख बोलते हैं......"मां मैं सोच रहा हूं आज घर चला जाऊं वैसे भी मेरा यहां रहना शायद मोक्ष को पसंद नहीं है। आप और कुछ दिन मोक्ष के नई दुल्हन के साथ विताकर फिर आ जाएगा।"....बोलकर वो काया जो दादी जी के पास ही खड़ी उन्हें ब्रेकफास्ट सर्वे कर रही थी देख मुस्कुराने लगे ।
वही वेरोनिका अपने डाइट फ्रूट सलाद में से एक स्पून मुंह में डालते हुए बोली....."ऑफ कोर्स प्रताप चलेंगे । लेकिन जाने से पहले में सोच रही थी मोक्ष के नई दुल्हन की मुंह दिखाई की रस्म कर लेते हैं। वरना मैं क्या जवाब दूंगी अपनी किटी पार्टी के फ्रेंड्स को? वैसे भी बिना दूल्हा दुल्हन के जो रिसेप्शन पार्टी अरेंज किया था सम्राट ने उसे वजह से जो बेजती झेलनि पड़ी थी वो नई दुल्हन की मुंह दिखाई के बाद शायद थोड़ा सा मैनेज हो जाए।"
वरुणिका की बात सुनकर सम्राट जो वहीं बैठे अपनी कॉफी का सिप ले रहा था कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि मोक्ष दादी जी के पास चेयर पर बैठते हुए बेअदब से बोला........"बीवी है मेरी ताजमहल नहीं के लोग पैसे खर्च देखेंगे । कोई मुंह दिखाई की रस्म नहीं होगी ।".....मोक्ष कहते हुए काया की तरफ देखता है जो बिना किसी भाव दादी जी के पास खड़ी थी। और वही वेरोनिका मोक्ष की बात सुनकर एक सरस्वती सी नजर प्रताप पर डालती है और वहां से उठकर चली जाती है।
प्रताप जी बिना कुछ कहे अपने ब्रेकफास्ट पर ध्यान देते है।मोक्ष पूरी डाइनिंग टेबल के ऊपर नजर घूमता है जहां सारे के सारे बस क्रिश की पसंद की डिशेज थी।मोक्ष नाक सिकुड़कर दादी के तरह देखते हुए बोला......"दावत क्यों बनी है ?"......कॉलेज के लिए रेडी होकर सीडीओ से नीचे उतरती हुई रूही सम्राट के पास बैठते हुए बोली........"भाई अभी 10 मिनट बाद क्रिश और भाभी के बीच में जो चैलेंज हुआ था उसकी काउंटडाउन सुरु होने वाली है। तो भाभी ने उसी के तैयारी में क्रिश केलिए बनवाया है ।"
मोक्ष कुछ नहीं बोला और फ्रूट बास्केट में से एक एप्पल उठाकर एक वाइट लेते हुए काया के ऊपर एक नजर डालता है जो बार-बार क्रिश के इंतजार में सीडीओ की तरह देख रही थी।मोक्ष को खामोश देख सम्राट उसके कानों के पास हल्का झुकते हुए बोला........."आर यू नर्वस?"
मोक्ष काया को ही देखते हुए बेख्याली में बिना कुछ कहे सिर हां में दिला देता है। लेकिन दूसरे ही पल एक जलती नजर सम्राट के ऊपर डालकर......"लगता है कि कोई और लीगल एडवाइजर अपने लिए अप्वॉइंट करनी पड़ेगी क्योंकि तू अब जल्दी से है से था होने वाला है।"
सम्राट चेयर पर आराम से फैल कर बैठते हुए एक रिलैक्स भरी सांस लेकर बोला....."वो तो पता नहीं लेकिन आज तो में ऑफिस नहीं जाने वाला हूं ।".....बोलकर वो मोक्ष के हाथों से एप्पल लेकर एक बाइट लेता है।
मोक्ष गुस्से से एक सर्द नजर उसपर डालकर बोला......"क्यों कहां मरने जाने वाला है आज ?"
सम्राट ब्रिज काका के साथ सीडीओ उतरकर आते हुए क्रिश के तरफ देखकर बोला......"आज तो नेशनल हॉलिडे होना चाहिए ,बेबी एलीफेंट और mrs शेखावत के बीच की चैलेंज की ळ लाइव टेलीकास्ट देखने के लिए । "
मोक्ष गुस्से से उसे घूर कर उठकर वहां से जाने लगा तो सम्राट उसके हाथ खींच कर वापस चेयर पर बिठाते हुए बोला......"रुक जा पता है अंदर तूफान के बवंडर चल रहे हैं और ऊपर से cool बनने की कोशिश कर रहा है ।ऑफिस में जाकर सिगरेट के धुएं उड़ा कर एयर पॉल्यूशन करने से बेहतर है यहां रुक कर अपनी बेबी एलिफेंट को हारते हुए देख।
फिर थोड़ा रुक कर काया के तरफ देखकर बोला....."और शायद पहली बार उसे हारते हुए देख तेरे दिल को सुकून पहुंचाने वाला है।"
मोक्ष के अंदर तो सचमुच तूफान मची हुई थी। वो भी बिना कुछ कहे खामोश वहीं पर बैठ गया।क्रिश डाइनिंग टेबल के पास आया और टेबल पर सजी डिशेज के ऊपर नजर घुमा कर देखने लगा । काया उसके लिए चेयर खींचते हुए....." गुड मॉर्निंग" ...बोलकर क्रिश के और हाथ बढ़ा देती है ।
क्रिश बिना कुछ कहे बिना उसके तरफ देख चुपचाप चेयर पर बैठ गया और ब्रिज काका की तरफ देख बोला....."काका मुझे फ्रेंच आमलेट खाना है।"......उसने जानबूझकर वही डिश बोली जो वहां पर मौजूद नहीं था।
प्रताप जी उसके बालों पर हाथ फेरते हुए बोले....." चैंप आप के नई मम्मा ने इतना कुछ बनाया है आपके लिए इन्हीं में से कुछ खा लीजिए । ब्रिज काका आप केलिए कल बना देंगे ।"
क्रिश नई मामा सुनकर बिल्कुल उसके सामने ही बैठे हुए मोक्ष की तरफ घूर कर देखता है जो उसे ही आंखें छोटी कर घूर रहा था। और वापस से प्रताप जी की ओर देख ......."कोई मां नहीं है मेरी नाहीं नई और नहीं पुरानी ।".......और वापस से मोक्ष को घूर ते हुए बोला........"और ना ही मुझे कोई मम्मा चाहिए।"......बोल कर वो ब्रिज काका की तरफ देख गरजते हुए बोला......."काका मेरी फ्रेंच आमलेट ???"......काका मायूसी से काया की तरफ एक नजर डालकर किचन के तरफ जाने लगे तो काया उन्हें रोकते हुए....... "रुकिए काका"
बोलकर वो वहीं क्रिश के पास चेयर खींच कर बैठ गई। और क्रिश के तरफ़ देखते हुए बोली........"मे आप को बिल्कुल भी पसंद नहीं हूं ना?"
To be continued ❤️