Bewafa - 26 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | बेवफा - 26

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बेवफा - 26

एपिसोड 26: ख़ामोश साज़िश

पहले संदेह, फिर धोखा

रात के अंधेरे में समीरा अपने कमरे की खिड़की से बाहर देख रही थी। उसकी ज़िंदगी में सब कुछ उलझ चुका था। एक तरफ़ उसका अतीत, जो उसे हर कदम पर डराता था, और दूसरी तरफ़ उसका भविष्य, जो अभी धुंधला था।

तभी फोन की घंटी बजी। उसने देखा – सलोनी का कॉल।

पहले तो उसका मन नहीं किया कि वह कॉल उठाए, लेकिन फिर उसने हिम्मत जुटाई।

"हेलो?" समीरा ने धीरे से कहा।

"समीरा, क्या हम मिल सकते हैं?" सलोनी की आवाज़ में एक अजीब सी नरमी थी।

समीरा चौंक गई। उसने सोचा, "इतने दिनों बाद सलोनी को मुझसे मिलने की क्या ज़रूरत पड़ गई?"

"क्यों?" समीरा ने सीधे सवाल किया।

"तुमसे ज़रूरी बात करनी है।"

थोड़ी देर तक सोचने के बाद समीरा ने हामी भर दी।

सलोनी की नई चाल

अगले दिन समीरा तय समय पर पुराने कैफे पहुँची। वहाँ पहले से ही सलोनी बैठी थी। उसने समीरा को देखते ही मुस्कुरा दिया, जैसे कुछ हुआ ही न हो।

"कैसी हो?" सलोनी ने कोमल आवाज़ में पूछा।

"साफ़-साफ़ बताओ, क्यों मिलना चाहती थी?" समीरा ने रूखेपन से कहा।

सलोनी ने गहरी सांस ली। फिर बोली, "राहुल और विजय तुम्हें पूरी तरह बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं। वे तुम्हें मानसिक रूप से तोड़ना चाहते हैं ताकि तुम हार मान लो।"

समीरा की आँखें चौड़ी हो गईं।

"तुम्हें कैसे पता?" उसने शक भरी नज़रों से पूछा।

सलोनी ने इधर-उधर देखा, फिर झुककर फुसफुसाई, "मुझे भी इस साजिश में शामिल करने की कोशिश की गई थी, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि यह बहुत गलत है। मैं अब तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ।"

समीरा के दिमाग़ में कई सवाल घूमने लगे।

"क्या सलोनी सच में बदल गई है? या यह कोई नई चाल है?"

वह उलझन में पड़ गई।

आर्यन की चेतावनी

घर लौटते समय समीरा के दिमाग़ में बस सलोनी की बातें गूँज रही थीं।

तभी उसके फोन पर आर्यन का मैसेज आया –

"तुम ठीक हो?"

समीरा ने बिना सोचे-समझे जवाब दिया – "हाँ, मैं सलोनी से मिलकर आई हूँ।"

कुछ ही पलों में आर्यन का कॉल आ गया।

"तुम सलोनी से क्यों मिली?" आर्यन की आवाज़ में चिंता थी।

"उसने कहा कि वह मेरी मदद करना चाहती है," समीरा ने बताया।

"समीरा, यह मत भूलो कि सलोनी तुम्हारे खिलाफ़ थी। अगर उसने तुम्हें सच बताया है, तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि वह तुम्हें डराना चाहती हो ताकि तुम हार मान लो," आर्यन ने समझाया।

समीरा ने गहरी सांस ली।

"तुम ठीक कह रहे हो, आर्यन। मैं अब पहले जैसी भोली नहीं हूँ।"

एक अज्ञात संदेश

रात के समय, जब समीरा अपने कमरे में अकेली थी, उसे अजीब सा अहसास हुआ – जैसे कोई उसे देख रहा हो।

उसने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई। सब कुछ सामान्य था, लेकिन फिर भी उसका मन बेचैन था।

तभी हवा के झोंके से अलमारी का दरवाज़ा थोड़ा खुल गया।

समीरा उठी और धीरे से दरवाज़ा खोला।

अचानक, वहाँ से एक चिट्ठी नीचे गिरी।

उसने काँपते हाथों से चिट्ठी उठाई और पढ़ी –

"खेल शुरू हो चुका है!"

समीरा का दिल ज़ोर से धड़कने लगा।

"क्या यह सलोनी की चाल है? या फिर राहुल और विजय की कोई नई साज़िश?"

उसके दिमाग़ में कई सवाल उठने लगे।

राहुल और विजय की योजना

इधर, दूसरी तरफ़, राहुल और विजय एक सुनसान गली में खड़े थे।

"तो, सलोनी ने समीरा को सब कुछ बता दिया?" विजय ने गुस्से से कहा।

"बिलकुल, लेकिन यह हमारे प्लान का ही हिस्सा है," राहुल मुस्कुराया।

"मतलब?" विजय चौंक गया।

राहुल ने आँखें संकरी करते हुए कहा, "सलोनी को हमने ही भेजा है। हम चाहते हैं कि समीरा घबरा जाए, डरे, और आखिरकार टूट जाए।"

विजय ने ठहाका लगाया, "तो यह सिर्फ़ एक मानसिक खेल है?"

"बिलकुल," राहुल ने जवाब दिया, "और अगले कुछ दिनों में समीरा खुद ही हार मान लेगी।"

समीरा का संकल्प

अगली सुबह, समीरा ने खुद को शांत किया।

"अब डरने का नहीं, लड़ने का वक्त है!" उसने खुद से कहा।

उसने आर्यन को फोन किया –

"आर्यन, मैं अब इनसे अकेले नहीं लड़ सकती। मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।"

आर्यन मुस्कुराया, "मैं पहले से ही तुम्हारे साथ हूँ, समीरा। अब हम इनका असली चेहरा दुनिया के सामने लाएँगे!"

(अगले एपिसोड में: समीरा की पहली चाल – विजय और राहुल के खिलाफ़!)