**एपिसोड 19: साजिश का नया मोड़**
रात के अंधेरे में समीरा अपने कमरे में बैठी उन सबूतों को देख रही थी जो उसने राहुल और सलोनी के खिलाफ इकट्ठा किए थे। उसकी आंखों में सवाल थे, दर्द था, और सबसे ज्यादा था धोखे का एहसास। विजय और बंटी ने उसे समझाने की कोशिश की थी कि जब तक पूरी सच्चाई सामने न आ जाए, तब तक कोई भी कदम उठाना खतरनाक हो सकता है। लेकिन समीरा के अंदर अब धैर्य नहीं बचा था। उसे सच चाहिए था और वो भी तुरंत।
**एक अनजान कॉल**
तभी उसका फोन बजा। स्क्रीन पर नंबर अनजान था। उसने कॉल उठाई और धीमी आवाज में किसी ने कहा, "अगर तुम सच जानना चाहती हो, तो कल रात होटल ब्लू डायमंड आ जाना। कमरा नंबर 306। ले क्यूकिन अकेले आना।"
समीरा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। कौन हो सकता है ये? क्या ये कोई और चाल थी? या सच में कोई ऐसा था जो उसकी मदद करना चाहता था? उसने तय कर लिया कि वह जाएगी, लेकिन अकेली नहीं। विजय और बंटी से बात करना जरूरी था।
**शक और साजिश**
दूसरी तरफ, सलोनी और राहुल अपने ही खेल में मसरूफ थे। उन्हें पता था कि समीरा उन पर शक कर रही है, लेकिन वे भी इसे आसान नहीं बनने देने वाले थे। सलोनी ने मुस्कुराते हुए राहुल से कहा, "अब वक्त आ गया है कि समीरा को ऐसा सबक सिखाया जाए कि वह दोबारा हमसे टकराने के बारे में सोचे भी नहीं।"
राहुल ने हामी भर दी। वह पहले ही समीरा से ऊब चुका था। अब उसे बस एक ऐसे मौके की तलाश थी, जिससे वह समीरा को पूरी तरह बर्बाद कर सके।
**होटल ब्लू डायमंड में रहस्य**
अगली रात समीरा होटल ब्लू डायमंड के बाहर खड़ी थी। विजय और बंटी पास ही गाड़ी में बैठे थे, ताकि अगर कुछ गलत हो तो वे फौरन अंदर आ सकें। समीरा ने गहरी सांस ली और अंदर चली गई।
कमरा नंबर 306 के सामने पहुंचकर उसने दरवाजा खटखटाया। अंदर से धीमे कदमों की आवाज आई और दरवाजा खुला। अंदर एक नकाब पहने शख्स खड़ा था।
"तुम्हें मुझ पर भरोसा करना होगा," उसने कहा। "तुम जो समझ रही हो, उससे कहीं ज्यादा बड़ा जाल बिछाया गया है तुम्हारे खिलाफ।"
समीरा ने चौककर पूछा, "कौन हो तुम? और मुझे क्यों मदद कर रहे हो?"
"मेरा नाम मायने नहीं रखता। लेकिन अगर तुमने जल्दी कुछ नहीं किया, तो बहुत देर हो जाएगी," उसने जवाब दिया।
**चौंकाने वाला खुलासा**
नकाबपोश ने समीरा को एक पेंड्राइव दी और कहा, "इसमें वो सबूत हैं जो तुम्हें चाहिए। लेकिन याद रखना, सच जितना गहरा होता है, उतना ही खतरनाक भी होता है।"
समीरा ने पेंड्राइव पकड़ी और तेजी से कमरे से बाहर निकली। उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये कोई नई चाल थी या सच में किसी ने उसकी मदद करने की कोशिश की थी।
**खतरनाक मोड़**
वह विजय और बंटी के साथ गाड़ी में बैठी और तुरंत अपने लैपटॉप पर पेंड्राइव का डेटा खोलने लगी। जैसे ही वीडियो चला, उसके चेहरे का रंग उड़ गया।
स्क्रीन पर राहुल और सलोनी की बातचीत रिकॉर्ड थी।
"समीरा को यकीन हो चुका है कि हम उसके खिलाफ कोई चाल चल रहे हैं," सलोनी कह रही थी।
राहुल ने हंसते हुए जवाब दिया, "तो क्या हुआ? हम उसे उसकी ही चाल में फंसा देंगे। कुछ ऐसा करेंगे कि लोग उसे ही दोषी मानेंगे। और जब वो सबके सामने शर्मिंदा हो जाएगी, तब वो खुद ही हार मान लेगी।"
समीरा की आंखों में गुस्से और आंसुओं का सैलाब था। उसे अब हर हाल में इस जाल को तोड़ना था। लेकिन कैसे? क्या नकाबपोश सच में उसका दोस्त था? या ये भी एक नया धोखा था?
(अगले एपिसोड में: समीरा का पहला पलटवार!)