Nafrat e Ishq - 36 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | नफ़रत-ए-इश्क - 36

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नफ़रत-ए-इश्क - 36

तपस्या और विराट एक दूसरे में ही खो चुके थे इस बात से अनजान के उनसे बस थोड़ी ही दूर जानवी खड़ी अपने जहर भरी नजरें तपस्या और विराट के ऊपर  डाली हुई है। वो कुछ पल यूंही उन दोनों को बिना किसी भाव देखती रहती है। उन दोनों को यूं ही एक दूसरे को किस करते हुए वो बिना पलक झपक देख रही थी और देखते हुए ही अपने हाथों में पकड़े शराब के गिलास को उसमें हाथों से गिरा दिया।

कुछ टूटने की आवाज से तपस्या  हड़बड़ाहट में आकर विराट से दूर होती है और इधर-उधर देखने लगी ।जानवी को अपने तरफ आते हुए देख झिझक ते हुए विराट को देख बोली"विराट कोई है।"विराट जो अभी भी तपस्या के एहसासों में ही खोया हुआ था अचानक से होश में आकर तपस्या को देख "क्या हुआ ?" पूछ कर तपस्या की नजरों का पीछा करते हुए जानवी को उन दोनों की ओर आता देख खुद भी कुछ पल असहज हो जाता है।

जानवी एकदम से अपनी नजरों के भाव बदल कर शांत रखते हुए "वाउ लव बर्ड्स दुनिया जहां को भुला कर एक दूसरे में यूं ही खोए हुए हो के आसपास के नजारों का कोई  फिक्र ही नहीं है? इतनी भी खुलकर प्यार ना करो कि किसी की नजर लग जाए?"कहते हुए ही वो एकदम से उन दोनों के बेहद करीब पहुंच चुकी थी। उसे यूं अचानक देख जहां तपस्या सहमी हुई बस विराट को ही देखे जा रही थी वहीं विराट की नजर बस जानवी के शांत नजरों को पढ़ रहे थे।

जानवी एक बार विराट को देख वापस से तपस्या की तरफ हाथ बढ़ाते हुए बोली"Hiii आई एम जानवी ।"बोलकर उसने विराट को देखा और  कहा"आपके विराट की पीआर मैनेजर और असिस्टेंट और बचपन की दोस्त और हमदर्द और हमराज और और और शब्द खत्म हो जाएंगे हमारा रिश्ता खत्म नहीं होगा।"बोलकर वो अजीब सी नजरों से तपस्या को देख रही थी।

विराट की नजरे अभी भी उस पर ही टिकी हुई थी।उसने कुछ पल जानवी को देखा फिर बेझिझक जानवी का हाथ पकड़ कर बोला"बिल्कुल सही है प्रिंसेस इसके साथ मेरा रिश्ता शब्दों में बयां नहीं हो सकता क्योंकि आज अगर मैं आपके सामने खड़ा हूं तो बस इसकी वजह से हूं। अगर आज विराट अग्निहोत्री का वजूद है तो वो बस जानवी की वजह से ही तो 

"क्या मतलब मैं समझी नहीं?"विराट की बातों को आधे में काटते हुए तपस्या ने पूछा।

"इसने मेरी जान तब बचाई थी जब मेरे सामने मौत खड़ी थी और मैंने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी।"कहते हुए वो जानवी को ही देख रहा था ।

जानवी एक मिस्टीरियस स्माइल देते हुए बोली "तो कायदे से विराट अग्निहोत्री की जान मेरी अमानत है, है ना?"कहते हुए उसने तपस्या की तरफ देखा जिसकी आंखों में  कई सारे सवाल थे। और शायद जानवी भी यही चाहती थी।

उसने बारी बारी दोनों पर एक-एक नजर डाली और मुस्कुराते हुए विराट के तरफ देख इंटेंस वॉइस में बोली"अगर तुम दोनों का रोमांस खत्म हो गया हो तो अंदर चलो इनके होने वाले हस्बैंड और तुम्हारे गेस्ट वेट कर रहे होंगे और तुम दोनों पर किसी रिपोर्टर की नजर पड़ गई तो प्रॉब्लम हो जाएगी कल की न्यूज़ में तुम दोनों ही होगे।"कहकर वो पलट कर जाने लगी और चेहरे पर एक शैतानी स्माइल थी।

तपस्या सैकड़ो सवाल अपनी आंखों में लिए बस जानवी को जाते हुए देख रही थी। विराट ने मुड़कर  उसके उन नजरों को देखा और उसके हाथों को अपने हाथों में भरकर चूम कर धीमी दबे आवाज में बोला  "आपके जहन में अनगिनत सवाल है लेकिन इस वक्त मेरे पास कोई जवाब नहीं है। "

तपस्या मुड़कर उसे देखने लगी । विराट हल्का मुस्कुराते हुए"मुझसे प्यार करना मेरे साथ चलते रहना इतना आसान नहीं होगा मैंने कहा था आपसे ।"कहते हुए उसने तपस्या को अपने और खींचा और बाहों में भरते हुए बोला  "वक्त अभी भी है भूल सकते हैं तो भूल जाइए मुझे क्योंकि ऐसे झटके आपको हजारों मिलेंगे ऐसे अनगिनत सवाल आपके जहां में रोज आएंगे ,भरोसा बार-बार टूटेगा दर्द भी बेहिसाब होगा  ये मोहब्बत का सफर इतना आसान नहीं होगा प्रिंसेस जितना आप सोच रहे हैं ।और इस मोहब्बत को शायद मंजिल भी कभी ना मिले। "

विराट ने अपनी बात खत्म की और तपस्या की नजरों में  देखने लगा। और उसके पलकों को ब्लू करते हुए झुका दिया। तपस्या ने अपनी आंखें बंद कर ली । विराट  उसके पलकों को चूम कर  उसके बिखरे बालों को सवार ते हुए बोला "चलिए प्रिंसेस वरना आपको देर हो जाएगी।" कहते हुए विराट वहां से चलने लगा।

तपस्या ने उसके हाथ थाम लिए। विराट मुड़कर सवालिया नजरों से उसे देखने लगा। तपस्या उसके हाथों को अपने सीने  के पास रखकर कसकर थाम ते हुए"आप हमेशा से मेरे लिए एक मिस्ट्री ही रहेंगे जिसे पता नहीं मैं कभी सॉल्व कर पाऊंगी या नहीं आपको जब भी देखती हूं आप में मुझे कोई और नजर आता है आपके इतने करीब मुझे डर भी लगता है और बेहद सुकून भी पहुंचता है।"कहते हुए वो विराट के करीब आई और खुद को उसके बाहों में सौंपते हुए उसके सीने पर सिर रखकर आंखें बंद कर बोली"मंजिल मिले ना मिले बस पूरा सफर साथ देने का वादा कर दीजिए। और हर पल बस मुझसे ही प्यार करने का वादा कीजिए। किसी और से

बोलते बोलते  वो रुक गई और उसके जहन में बस जानवी ही थी । विराट जो तपस्या के हर एक सांस से वाकिफ था उससे ये चीज भला कैसे छिप सकती थी। वो तपस्या को पूरी तरह से अपने बाहों में भरते हुए कुछ शरारती अंदाज में बोला "कोई बहुत ज्यादा जेलोस है रहा है क्या ?"

तपस्या जो अब तक झिझक की वजह से जानवी के बारे में ना ही कुछ बोल रही थी और ना ही पूछ रही थी एकदम से विराट को खुद से दूर कर उसके चेहरे को घूरते हुए"वो क्या हमेशा इतनी ही छोटे कपड़े पहनती है आपके सामने?"

उसकी बात सुनकर विराट को अचानक से हंसी आ गई । वो शॉक्ड हुए "क्या ?अभी यहां जो भी कुछ हुआ उन सब के बीच आप के दिमाग में बस यही सवाल आया?"

विराट को हंसते हुए देख कर तपस्या गुस्से से चीड़ कर "सवाल तो बहुत है हमारे दिमाग में और उन सब का जवाब हम ढूंढ लेंगे लेकिन उस छिपकली को बोल दीजिएगा की बहुत जान बचा लिया आपका उसने ।अभी मैं हूं ना करवा चौथ का व्रत रखकर आपकी उम्र बहुत लंबी कर दूंगी तो अभी आपकी जान के बारे में ना सोचे और चुपचाप अपनी जॉब पर कंसंट्रेट करें।"

विराट उसे कुछ बोल ही रहा था कि मोबाइल की रिंग से उससे अपनी पॉकेट से फोन निकाला। और इससे पहले कि वो कुछ बोलना श्लोक दूसरे तरफ से झल्लाते हुए"भाई उस छिपकली को मैंने कितना रोका लेकिन वो आपको ढूंढते ढूंढते लर्न तक ही गई है। उससे थोड़ा बच के रहिएगा वो सनकी पागल आपको और भाभी को एक साथ देखकर कुछ पागलपन न दिखाए।श्लोक की बात सुनकर उसेने तपस्या की तरफ देखा जो अभी-अभी जानवी को छिपकली बोल रही थी और तपस्या को ही देखते हुए बोला"थैंक यू बहुत जल्दी इनफार्मेशन दे दिया तूने।"कहकर उसने फोन कट कर दिया और पॉकेट में रखते हुए बोला"श्लोक से मिल तो लिया होगा ना आपने?"श्लोक की बात सुनकर ही तपस्या खुशी से मुस्कुराते हुए"श्लोक ,आपका भाई बहुत अच्छे हैं उनके साथ तो हमारी बहुत अच्छी जमने वाली है एकदम से पक्के दोस्त बन जाएंगे हम और वो 

वो बोल ही रही थी कि विराट अचानक से उसे खींचकर अपने चेहरे के करीब कर उसके होठों को अपने होठों से भर लेता है और कुछ पल एक लांग दीप किस कर उसे छोड़ते हुए बिना किसी भाव बोला"उससे ज्यादा दोस्ती मत बढ़ाईयेगा घर में एक ही पागल काफी है और मेरे सामने किसी और की तारीफ  दोबारा से करने की जुर्रत मत करना वरना ऐसी पनिशमेंट कभी भी कहीं भी किसी के भी सामने मिल सकती है आपको।"बोलकर वो बिना किसी भाव  तपस्या का हाथ पकड़ कर वहां से चलने लगा और तपस्या जो अपनी सूझी हुई होंठ को सहला कर नार्मल करने की कोशिश कर रही थी उसे गुस्से से घूरते हुए"अपने ही छोटे भाई से कौन ऐसे जलता है?"

सुबह का वक्त अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज

विराट अपनी केबिन में बैठा लैपटॉप पर कुछ  टाइप कर रहा था वही श्लोक उसके सामने चेयर पर बैठकर कुछ फाइल देखने में बिजी था। जानवी एकदम से अंदर घुसते हुए "hiii guys "

विराट उसके यू अचानक अंदर आ जाने से उस पर एक नजर डालकर वापस से अपने लैपटॉप को देखने लगा वही श्लोक पीछे मुड़कर जानवी को देख बस मुंह खोलकर कुछ पल देखता रहा।सफेद सलवार और वो भी जानवी स्टाइल एकदम डीप नेक  उसकी  अप्पर बॉडी ऊपर  से पूरी तरह से झांक रही थी हाथों में सफेद चूड़ियां एक स्टोन बिंदी बड़े-बड़े झुमके और रेड लिपस्टिक।

विराट को खुद पर से नजर हटाते हुए देख जानवी जो चीड़ गई थी श्लोक के मुंह फाड़कर उसके तरफ देखा हुआ देख गुस्से से उसे घूर ते हुए बोली "मुंह बंद करो इडियट वरना छिपकली हूं तो मुंह में घुस भी सकती हूं।"

उसकी बात सुनकर श्लोक एकदम से मुंह बंद करते हुए ऑफिस में कोई मर गया है क्या?"विराट बिना भाव अपने लैपटॉप में ही नजर डाले"जो काम दिया है जल्दी से खत्म कर वरना तू मरने वाला है।"बोलते हुए उसने एक नजर जानवी को देखा और थोड़ा कोल्ड लहजे में बोला "यह क्या है जान?"जानवी उसके और बढ़ते हुए सर्द आवाज में "कल जब तुम्हारी तपस्या ऐसे बन ठन कर आई थी उसे बाहों में भरकर प्यार करने से थक नहीं रहे थे तुम और अगर मैं..….

उसने बस इतना ही बोला था कि विराट गुस्से से चीखते हुए टेबल पर रखे फाइल्स को नीचे फर्श पर फेंक कर बोला "शट अप जस्ट शट अप।"बोलकर वो उठकर जानवी के तरफ गया और उसकी   बाहें पड़कर खुद के करीब खींचते हुए सर्द  आवाज में एक-एक शब्द पर जोर डालते हुए बोला "बोला था ना अपना ये पागलपन मुझ तक रखना।"

जानवी भी उसकी आंखों में झांकते हुए बोली "मेरा ये पागलपन तुम तक ही है किसी और पर दिखानी पड़ गई तो हादसा बन सकता है।"विराट की नजरउस पर से हटकर श्लोक पर चली गई और श्लोक अपने चेयर से उठकर चुपचाप केबिन से निकल गया और इस वक्त केबिन दिन में बस विराट और जानवी ही थे।           


कहानी आगे जारी है ❤️ ❤️