Tera hone laga hu - 21 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | तेरा...होने लगा हूं - 21

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तेरा...होने लगा हूं - 21

दादी मोक्ष के एटीट्यूड की धज्जियां उड़ा कर अपने खीर पर कंसंट्रेट करने लगी और सब की नजर बस दादी और उनके दबंग गिरी पर ही टिक  गई थी। डेविल सिखावत पर खुलेआम यूं अटैक करना सम्राट के बाद बस दादी ही कर सकती थी । लेकिन अब ये तो बस  दादी का दिल ही जानता था कि  उनके दिल अंदर से कितनी जोर से धड़क रहा है।

मोक्ष दादी को देखते हुए ही पानी का एक पूरा ग्लास खत्म कर सम्राट की ओर देख बोला...."निवाला तोड़ लिया है तो चलें या कुछ और खाना बाकी है?"उसके बात को इग्नोर कर सम्राट बाउल से खीर का आखिरी स्पून खत्म कर टिशु से अपना मुंह पहुंचते हुए....."वाह भाभी मजा आ गया आपके हाथ की बनाई खीर खाकर लगता है जैसे सालों की भूख अभी जाकर मिट्टी है।"

दादी  उसका साथ देते हुए बोली...."बिल्कुल मां अन्नपूर्णा का रूप है ।"बोलते हुए उसकी नज़र   वरुणिका पर थी। और वेरोनिका गुस्से से दांत पिस रही थी।

मोक्ष उठकर जा ही रहा था की दादी काया को  इशारा करते हुए बोली....."दुल्हन अपने पति को बाहर तक छोड़ने नहीं जाओगी?"

ये सुनकर दोनों ही मोक्ष और काया एक नजर एक दूसरे को और फिर दादी को देखने लगे । मोक्ष चिढ़ ते हुए....."दादी मेरा ही घर है। बाहर का रास्ता मुझे पता है।"

दादी मुंह बनाते हुए...."उस वेदिका की वजह से बड़ा ही अनरोमांटिक हो गया है तू अपने दादा का ही  पोता है ना ?अरे दुल्हन तुझे बाहर तक छोड़ने जाएगी तो आंखों ही आंखों में इशारे होगी कुछ शरारत तू करेगा कुछ वो सरमाएगी  तू किस्स फेंकेगा वो कैच करेगी ,तभी तो प्यार बढ़ेगा और घर में जल्दी से क्रिश के लिए एक बहन भी आएगी।"

दादी की बात सुनकर सम्राट जो खीर खाने के बाद पचाने के लिए पानी पी रहा था  उसे एकदम से खांसी आ गई वही काया बिना इधर-उधर देख एक ही सांस में सीधे किचन के और भाग गई। और वहीं बैकग्राउंड में से हंसी की आवाज जो गूंज रही थी सो अलग।

मोक्ष एक गहरी सांस लेकर खुद को कुल रखने की पूरी कोशिश करते हुए....." में घर में साइकैटरिस्ट क्या लेकर आया सबको पागलपन का दौरा पड़ने लगा है।"बोलकर मोक्ष सम्राट को खींचकर अपने साथ लेकर बाहर चला गया।

सम्राट उसे रोकते हुए...."अबे दादी ने मुझे नहीं भाभी को साथ लेकर जाने के लिए बोला है।"

मोक्ष उस पर एक सर्द नजर डालकर...."जितना ठूसा है सारे के सारे यही उलटी करवा दूंगा एक और बकवास मुंह से निकला तो।"

काया किचन में पहुंचकर ब्रिज काका को वापस से कुछ  बनाते हुए देख बोली......"काका किसके लिए बना रहे हैं?"

ब्रिज काका आलू के पराठे पर एक्स्ट्रा  बटर डालते हुए...…"क्रिश बाबा के लिए ,उन्हें थोड़ा बटर चीज ज्यादा पसंद है ना इसलिए उनके लिए मैं अलग से बना देता हूं।"

काया उनके हाथों से बटर का पैकेट वापस लाकर साइड में रखते हुए...."अब से क्रिश की डाइट की जिम्मेदारी मेरी है काका  आप मुझे बस उसके पसंद ना पसंद बता दीजिए मैं उसी हिसाब से बना दिया करूंगी।"बोलकर वो  खाने का प्लेट हाथ में उठाकर किचन से बाहर जाने लगी ब्रिज काका उसे रोकते हुए......"वो क्या है ना बहुरानी मुझे लगता है कि अभी एक-दो दिन आप क्रिश बाबा से थोड़ा दूर रहिए वो थोड़ा गुस्से में है अभी मोक्ष बाबा के शादी को लेकर । बच्चे हैं दो-तीन दिन में ठीक हो जाएंगे उसके बाद आप आराम से मिल लीजिएगा।"

काया पलट कर ब्रिज काका के तरह देखते हुए......"बैठकर इंतजार करने से चीज ठीक नहीं होती है काका उन्हें खुद ठीक करना पड़ता है ।अगर आज सही नहीं होगा तो दो-तीन दिन बाद कैसे सही हो सकता है ?आप फिकर मत कीजिए मैं खुद एक चाइल्ड काउंसलर हूं। आप बस मुझे क्रिश का कमरा दिखा दीजिए ।"कहकर वे आगे बढ़ गई और ब्रिज काका उसके पीछे-पीछे ।

शेखावत इंडस्ट्रीज

मोक्ष और सम्राट ऑफिस में इंटर करते हैं तो ऑफिस के सारे स्टाफ मोक्ष को शादी की मुबारकबाद देने केलिए खड़े होकर उसके तरफ बुके बढ़ाते हुए...."कंग्रॅजुलेशंस सर।"

मोक्ष जो अपने मोबाइल पर नजर गाड़े तेजी से अंदर बढ़ रहा था एकदम से रुक  जाता है । ओर सब पर एक सर्द नजर डाल कर....."श्रद्धांजलि दे रहे हो क्या मुझे?"

सबसे सामने खड़े माथुर जी ऑफिस के सबसे पुराने थे। माथुर जी मुस्कुराते हुए......"सर कैसी असुभ बात कर रहे हैं मरे आपके दुश्मन हम लोग तो बस आपको शादी की बधाई

अभी वो बोल ही रहे थे कि मोक्ष बेहद थके हुए आवाज में .....""माथुर साहब किस चीज की बधाई  , सुना नहीं आपने शादी बर्बादी होती है और मैं तो दो-दो करके बैठा हूं और आप लोग हैं कि इस बात की खुशी मना रहे हैं।"बोलकर वो अपने केबिन की ओर चल पड़ा और चलते-चलते ही फरमान सुनाते हुए बोला......"जिस जिस ने मेरी बर्बादी पर मुझे मुबारकबाद दी है उनकी एक महीने की सैलरी काट दी जाए।"

वो तो कह कर निकल गया लेकिन पूरा ऑफिस अब माथुर जी को घूर ने लगा । क्योंकि मोक्ष शिखावत के जैसे टेढ़े इंसान  के साथ कुछ सीधा करने का अनोखा आइडिया आखिर उन्हें का ही तो था।

मोक्ष अपनी केबिन में आकर सीधे अपनी ग्लास विंडो की तरफ जाकर खड़ा हो जाता है और एक  सिगरेट निकालकर जलाते हुए लंबी कश भरने लगा। सम्राट चेयर पर बैठते हुए बोला....."बेचारे बस विश तो कर रहे थे इतना भी क्या

उसके बातों को आधे में ही काटते हुए मोक्ष बोला....."बकवास मत कर कुछ काम की बात बता?"

सम्राट टेबल पर रखे हुए अपने लैपटॉप ऑन करते हुए...."क्या काम की बात?"

मोक्ष खिड़की के बाहर से नजर हटाकर सम्राट पर डालकर..... "कैसे क्या करेगी वो कुछ कहा क्या उसने? बस 2 महीने ही है हमारे पास।"

सम्राट लैपटॉप में कुछ काम करते हुए बेख्याली में ही बोला....."भाभी और तुमने मुझे अपना मिडिल मैन समझ रखा है क्या? कबूतर दिख रहा हूं क्या मैं तुम दोनों को। के मैसेज देता फिरु?"

मोक्ष दांत पीसते हुए......"अबे भाभी-भाभी का रट क्या लगा रखा है ? एक कटोरी खीर से ही बिक गया साले कंजर कहीं के?"

सम्राट लैपटॉप साइड कर उठकर मोक्ष की तरफ आता है और उसकी उंगलियों से सिगरेट निकाल कर नीचे फर्श पर फेंक कर मसलते हुए....."जब वेदिका के साथ तू रिलेशनशिप में था मैंने तभी तुझे वार्निंग दिया था कि वो ट्रस्ट के लायक नहीं है , लेकिन तब तूने मेरी बात नहीं मानी थी और आज फिर एक बार वॉर्न कर रहा हूं कि अपनी पागलपन और हरकतों से इस रिश्ते को बर्बाद मत कर।"कहते हुए वो मोक्ष के कंधे को थपथपा कर दबे लफ्जों में बोला....."Give this marriage a chance."

मोक्ष उसके बातों को हंसी में उड़ाते हुए अपने दोनों हाथ पॉकेट में रखकर उसके चेहरे के एकदम करीब झुक कर एटीट्यूड के साथ....."हर बार नाही तू सही हो सकता है और हर बार ना  मैं गलत।"कह कर वो पलट कर खिड़की की तरफ झांक ते हुए शादी के दिन वेदिका से काया का कार्ड एक्सेप्ट करने की बात याद कर सर्द आवास में बोला ....."Mrs वरुणिका शेखावत वेदिका बजाज संजना गुप्ता लिस्ट लंबी होती जाएगी जानेमन रुकने वाली नहीं है और इस लिस्ट में अभी एक और नाम जुड़ गया है मिस काया देशमुख।"

फिर रुक कर व्यंग से मुस्कुराते हुए बोला....."Mrs काया मोक्ष शेखावत।"सम्राट उसके पास आकर उसके पीछे खड़ा होकर खिड़की के बाहर देखते हुए......"जिस बेरुखी से तूने मां के कंगन भाभी के कलाई से निकाला हैं तू खुद उतनी ही प्यार से और इज्जत के साथ उन्हें वापस पहनाएगा और उनकी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र भी  उसी हक और इज्जत के साथ वापस देगा।"बोलकर वो मुड़कर जाने लगा।

"सुन".....मोक्ष उसे रोकते हुए बोला।

"बोल "....सम्राट रुकते हुए पूछा।

"वकालत छोड़ ही दे अब । पहले से फोटोग्राफर तो बन ही चुका है अब ज्योतिष भी बन गया।"मोक्ष बिल्कुल एक्सप्रेशन लैस होकर बोला।

सम्राट उसके कंधे पर हाथ रखते हुए...."तेरा आज से दो तीन साल के बाद का फ्यूचर देख रहा हूं में। भाभी तू तेरा  बेबी एलीफेंट और

बोलते हुए वो रुक गया ।

मोक्ष उसे रुकता हुआ देख मुड़कर सवालिया नजरों से उसे देखते हुए....."और"...

सम्राट मुस्कुराते हुए..…"तेरे बेबी एलीफेंट के साथ खेलने के लिए एक क्यूटी पाई बिल्कुल भाभी की तरह खूबसूरत और समझदार।"बोलकर सम्राट उसके कंधे से हाथ हटाकर चलते हुए........"अपना फोन ऑन कर सुबह जो भाभी के फोटोस भेजे थे उसे देख और भाभी के ख्यालों में खो जा मैं चला काम करने।"बोलकर उसमें टेबल से अपना लैपटॉप उठाकर वहां से चला गया ।

और जाते वक्त दरवाजे के पास खड़ा हो एक नजर मोक्ष के ऊपर डाला जो कुछ खोया हुआ सा था। सम्राट मुस्कुराकर वहां से चला गया।दरवाजा बंद होने की आवाज से मोक्ष का ध्यान टूटा और  उसने अपने पैंट की पॉकेट से अपना फोन निकाल कर कुछ पल अपने हाथों में ही पकड़े रखा और फिर गैलरी में से सुबह की काया के 50 से ज्यादा फोटोस जो सम्राट ने भेजे थे एक-एक कर देखने लगा।हर एक फोटो के साथ उसके चेहरे के भाव ना चाहते हुए भी शांत और सुकून से भरे हुए महसूस हो रहे थे ।

तभी फोन पर ब्रिज काका  का पर्सनल नंबर देख चेहरे के भाव बदलते हुए कॉल उठाकर सवालिया अंदाज से....."काका सब ठीक है ना?"

दूसरी तरफ से ब्रिज काका घबराकर...."बेटा वो क्रिश बाबा अपने कमरे में नहीं है।"

मोक्ष थोड़ा ठंडे अंदाज में...."चींटी थोड़े ही है काका हाथी है  मेरा बेबी एलीफेंट दूर से भी दिख जाएगा डोंट वरी गार्डन में देखिए वहीं कहीं होगा।"

काका परेशान होते हुए...."नहीं है बेटा सारे घर में ढूंढ चुका हूं गार्डन में भी देख चुका हूं कहीं नहीं है। जब से बहुरानी उनके रूम से वापस आईं थी तब से ही वो परेशान से थे और फिर जब मैं दूध का गिलास देने उनके कमरे में गया तब वो नहीं है।"...

ब्रिज काका की बात सुनकर ही फोन पर मोक्ष के हाथ एकदम से कश जाते हैं और गुस्से से कांप ते आवाज में खुद को संभाल कर वो बस इतना ही बोला....."गार्ड हैं घर में इतने सारे लोग हैं  वो घर से बाहर कैसे जा सकता है ? आप फिक्र मत कीजिए मैं देखता हूं।"बोलकर उसने फोन काट दिया और फोन काट ते ही फोन की स्क्रीन पर वापस से काया की  एक मुस्कुराती तस्वीर दिखने लगी। उसने अपनी उंगलियां तस्वीर पर चलाते हुए नफरत से भरी हुई सर्द आवाज में बोला....."चैंप को तो एक भी खरोच आने नहीं दूंगा मैं , लेकिन इन सब में तुम्हारा थोड़ा भी हाथ हुआ तो फिर  जिंदगी में कभी भी मुस्कुराने के लायक नहीं रहोगी तुम?"मोक्ष ने कहा और तेजी से केबिन से बाहर निकल गया।               


To be continued ❤️

कहां गया है मोक्ष और क्या सच में इसमें काया का कोई हाथ है?जानने केलिये आगे पढ़ते रहें।