सब हॉल के एक कोने में बने मंदिर के पास वेट कर रहे थे की पायल और चूड़ियों के खनक ने की आवाज से सब सीडीओ के तरफ देखने लगे जहां से काया अपनी साड़ी संभाल कर सीडीओ से नीचे उतर रही थी। उस सिंपल से गुलाबी शिफॉन साड़ी में भी वो इतनी सुंदर लग रही थी कि सब बस उसे ही देखते रह गए।
तभी वरुणिका अपने अंदर की शैतानी थॉट्स को एक्टिव करते हुए धीमे से दादी के और झुक कर बोली....."ये मोक्ष की नई दुल्हन तो पुरानी वाली से भी ज्यादा मॉडर्न निकली । ना तो इसने आपकी दी हुई ट्रेडिशनल साड़ी पहनी और ना ही गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर। ना कोई साज श्रृंगार।".....कहते हुए उसने दादी की तरफ एक सातिर नजर डाली।ये भांप ने केलिए के दादी को उसकी बातों का कितना असर हुआ है। और इस बात से घर पर कितना बवाल खड़ा हो सकता है।
दादी सवालिया नजरों से काया की तरफ देखने लगी लेकिन दूसरे ही पल उसकी सुनी नजरों और कलाई के नीली पड़ चुके निशान को देखकर अपने तजुर्बे से कुछ सोचते हुए खुद काया की तरफ बढ़ गई। और सीडीओ के पास पहुंचकर उसका हाथ पकड़ते हुए बोली....."बहुत खूबसूरत लग रही हो दुल्हन।" काया झुक कर उनके पैर छूते हुए....."सॉरी दादी आपने जो साड़ी दी थी में वो
इससे पहले की वो कुछ कहती दादी उसका कलाई पकड़ मुस्कुराते हुए उसके कानों में बोली..... "कुछ कहने की जरूरत नहीं है बेटा तुम्हारे कलाई की निशान देखकर मुझे मेरे सारे सवालों के जवाब मिल गए हैं।"काया कुछ नहीं बोली बस नजर झुका ली।
वरुणिका उसके करीब आकर उसे सिर से पैर तक देखते हुए तंज भरी आवाज में बोली......"वैसे अभी तुम किसी मिडिल क्लास घर की बेटी नहीं बल्कि सिखावत खानदान की बहू हो तो कम से कम हमारे नाम और इज्जत की धज्जिया मत उड़ाओ।"
दादी मुंह बनाकर काया की तरफ देखते हुए बोली....."दुल्हन ये तुम्हारी सास है इनके भी पैर छू ही लो ये अलग बात है कि कांटे तेजाब और अंगारों के अलावा ज्यादा कुछ आशीर्वाद में मिलेगा नहीं तुम्हें।"....दादी वरुणिका के तारीफ में कुछ और भी बोलती लेकिन प्रताप जी उसे रोकते हुए बोले....."बस मां आज के लिए अपनी बहु की इतनी तारीफ काफी है अब मोक्ष की दुल्हन यही रहने वाली है बाकी तारीफ आप बाद में भी कर सकते हैं । पंडित जी पूजा के लिए वेट कर रहे हैं ,पहले वो कर ले।"
उनकी बात सुनकर दादी मुंह बनाते हुए......"हां तुम्हारी बीवी तो दूध की धुली हुई है बस मैं ही उसकी बुराई करती रहती हूं।"बोलकर वो काया की कलाई थाम कर मंदिर की तरफ ले गई । और पुजारी जी के कहे मुताबिक काया कान्हा जी की पूजा करने लगी ।
ये पहली बार ही था की मोक्ष के घर में इतनी शिद्दत के साथ कान्हा जी की पूजा हो रही थी वरना तो सुबह शाम बस ब्रिज काका ही अगरबत्ती लगा दिया करते थे । दादी काया की तरफ देख बोली......"आज से इस घर में ब्रिज नहीं तुम कान्हा जी की आरती करोगी।इतना तो अपनी दादी सास के लिए कर ही सकती हो ना दुलहन।"
काया दादी का हाथ थाम कर प्रॉमिस करते हुए बोली....."वादा करती हूं जब तक मैं इस घर में हूं कान्हा जी की आरती में ही किया करुंगी।"
और दादी उसके हाथों पर अपने हाथ रखते हुए बोली...."और मैं कान्हा जी से प्रार्थना करूंगी कि तुम इस घर में हमेशा हमेशा के लिए राहों मेरे मोक्ष की दुल्हन बनकर और मेरी क्रश की मां बनकर।"
उनकी बात सुनकर काया बिना किसी भाव के उनके तरफ देखते हुए...."बाकी सब को भी आरती और प्रसाद देनी है ना दादी।" बोलते हुए मंदिर से बाहर निकल गई।
मंदिर से निकल कर जैसे ही वो प्रसाद बांटने लगी सबसे पहले बढ़ा हुआ हाथ सम्राट का था।सम्राट हाथ बढ़ाते हुए मुस्कुरा कर बोला....."अपने देवर को प्रसाद नहीं देंगी भाभी?"काया पहले उसके बढ़े हुए हाथ को फिर सम्राट के चेहरे को देखती हैं और पिछली रात सम्राट के उसे मोक्ष से बचाने की कोशिश करने की बात याद आती है तो वो मुस्कुरा कर पहले आरती की थाल उसके और बढ़ाते हुए बोली....."में जो भी काम करती हूं पूरे दिल से करती हूं देवर जी। तो पहले आरती फिर प्रसाद।"कहकर उसने आरती की थाल सम्राट की तरफ बढ़ा दिया और बोली...."थैंक यू।"
सम्राट आरती लेते हुए असमंजस में...."थैंक्यू किस बात के लिए भाभी?"
काया वहीं से पलट कर जाते हुए....."कल रात के उसे कोशिश के लिए जिसमें आप कामयाब नहीं हो पाए थे।"
सम्राट पहले थोड़ा शर्मिंदगी फिर थोड़ा मुस्कुराते हुए काया के पीछे-पीछे ही चलते हुए....."तब तो मुझे भी सॉरी बोलनी चाहिए?"
काया उसकी बात सुनकर रुक कर पलट ते हुए......"फिर सॉरी की कोई जरूरत नहीं है देवर जी बस एक मदद कर दीजिए।"
सम्राट उसे सवालिया नजरों से देखते हुए....."कैसी मदद भाभी?"
काया नम पलकों और गहरी आवाज से ...."इस घर से जल्द से जल्द जाने में मदद कर दीजिए।"
सम्राट उसकी बात सुनकर थोड़ा ठिठक कर ...."लेकिन मैं कैसे भाभी मैं तो यो
काया व्यंग से मुस्कुराते हुए....."डोंट वरी में कोई गद्दारी करने के लिए नहीं बोलूंगी अपने दोस्त के साथ । इतना तो जान ही चुकी हूं जय वीरू की जोड़ी है आप दोनों की।"
सम्राट हंसते हुए...."तो क्या मदद कर सकता हूं मैं आपकी?"
"बस कुछ जरूरी इनफार्मेशन देकर जिससे मुझे मेरे काम करने में आसानी हो और मैं जल्दी से जल्दी अपना काम खत्म कर यहां से जा सकूं ।"अपनी बात खत्म करके काया मुस्कुराते हुए सम्राट की तरह देखकर वहां से किचन की तरह चली गई।
सम्राट वहीं पर खड़ा कुछ सोच कर बोला....."ये आप के हाथ में थोड़े ही है भाभी , बस एक बार अगर उस पागल को आप की लत लग गई तो एक जनम तो क्या आप का अगला हर एक जनम आपको उसी के ही नाम करना होगा।"बोलकर एक सरारती हसीं होठों पर लाकर वो अपना फोन निकाल कर कुछ करने लगा।
वहीं दूसरे तरफ मोक्ष के कमरे में मोक्ष चेंजिंग रूम से ऑफिस के लिए रेडी कर बाहर आता है और मिरर के सामने खड़े हुए अपनी बाल सेट करने लगता है। मिरर में से उसकी नजर बेड पर रखे हुए पैकेट पर पड़ती है तो उसे काया कि कही हुई बात याद आ जाती है और साथ ही साथ उसकी वो सादगी भरी खूबसूरत भी।वो वापस से काया की उस बेदाग खूबसूरती में खो ही रहा था कि फोन के बीप की आवाज से उसका ध्यान टूटा ।
उसने अपनी पॉकेट से फोन निकाला और चेक करने लगा तो सम्राट का मैसेज था ।उसने मैसेज पर क्लिक किया तो एक इमेज थी। काय की घर के मंदिर में कान्हा जी के मूर्ति के सामने माथे पर पल्लू डालें दिया जलाते हुए । मोक्ष कुछ पल उस इमेज में ही खो गया था कि दूसरे बीप की आवाज से वापस से होश में आया एक और इमेज थी आरती की थाल पकड़े आरती करते हुए। वो कुछ सोच पाता फोटोस की बरसात होने लगी उसके मोबाइल में।मोक्ष गुस्से से अपना फोन फर्शर पर फेंक ने जा रहा था की रिंग की आवाज से रुका और स्क्रीन पर जानेमन का नाम देखकर कॉल उठाते हुए ही गरजती आवाज में बोला ......."अबे साले तेरी वकालत क्या चल नहीं रही है की फोटोग्राफी पर आ गया है?"
दूसरे तरफ से सम्राट जो सीढ़ियों के पास खड़ा काया को अपनि पहली रसोई केलिए किचन के तरफ जाते हुए देख रहा था सरारात के साथ मोक्ष को चिढ़ाते हुए बोला....."वैसे नॉट ए बैड आईडिया अगर सामने इतनी नेचुरल ब्यूटी हो तो बंदा फोटोग्राफर बन जाए ये तो लाजमी है।"
दूसरी तरफ से मोक्ष अपने ऊपर परफ्यूम स्प्रे करते हुए...."तो तुम कहो तो अपने लिए तेरी एक्स गर्लफ्रेंड को लॉयर अप्वाइंट कर दूं?"
सम्राट गहरी सांस लेते हुए...."Hmm कर ले अगर तेरी एक्स डायन वाइफ के चंगुल से छूटे तो जरूर कर लेना । मैं तो चला भाभी के हाथ से उनकी पहली रसोई टेस्ट करने।"बोलकर उसने फोन कट कर दिया । और मोक्ष अपने आग उगलती नजरों से फोन को घूर ने लगा मानो फोन ना हो खुद सम्राट खड़ा हो।
दूसरे तरफ सम्राट मुस्कुराते हुए एक मैसेज भेज कर फोन पॉकेट में रख कर वहां से चला गया।मोक्ष जो अब तक फोन को घूर रहा था मैसेज देख कुछ पल सोच कर मैसेज ऑन कर पढ़ने लगा......"अगर फोन के अंदर से मेरे रूह तक झांक चुका है तो जल्दी आजा वरना तेरी सौतली mom को बाल के खाल निकाल ना अच्छी तरह से आता है। "
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डायनिंग एरिया में सब बैठकर ब्रेकफास्ट कर रहे थे वही मोक्ष तैयार होकर चुपचाप बिना किसी से मिले ऑफिस के लिए निकल ता है।
"बेटा नाश्ता तो करके जा और दुल्हन ने पहली रसोई बनाई है उसके लिए तो कम से कम थोड़ा रुक जा?"दादी मोक्ष को रोक ते हुए बोली।
मोक्ष जलती नजरों से कुछ पल अपनी टाइमिंग टेबल पर लगे भीड़ को देखा है और बोला....."फिश मार्केट में बैठकर ब्रेकफास्ट नहीं करता हूं मैं इट स्टिंक्स।"कहते हुए बिना भाव के बिना किसी की तरफ देखे वो वहां से जाने लगा और ब्रेकफास्ट करते हुए सारे हाथ जो अपने-अपने मुंह की तरफ बढ़ रहे थे उसकी बातें सुनकर हवाओं में रुक गए। और एक दूसरे को देखने लगे।
तभी दादी जो बिना किसी को देख अपना ब्रेकफास्ट खत्म करने में लगी हुई थी प्लेट में ही नजर टिकाकर बोली......"उसकी बातों का अब तक सबको आदत पड़ जानी चाहिए थी । इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रहे हो तुम लोग ?"दादी ने कहा तो सब की फ्रीज हुई हाथ वापस से चलने लगी और दादी मोक्ष को आवाज देते हुए बोले......"बेटा तेरी ही दुल्हन की पहली रसोई है तुझे भी टेस्ट करनी है तो चुपचाप यहां पर आकर बैठ जा।
मोक्ष कुछ बोल ही रहा था लेकिन फिर वरुणिका और उसके खुराफाती दिमाग के बारे में सोच कर पलट कर सम्राट के पास आकर बैठ गए।वहीं दूसरे और काया किचन में खीर बताते हुए ब्रिज काका जो दादी के कहने पर काया की मदद करने वही खड़े थे सवालिया लहजे में पूछती है......"काका क्रिश नजर नहीं आ रहा है ।"....ब्रिज काका काया की बात सुनकर थोड़ा झिझक कर बोले......"वो बेटा क्या है की
काका को इतना झिझकते हुए देख काया अपने सवाल दोबारा से दोहराते हुए...."काका मेने बस यही पूछा कि क्रिश कहां है आपके बॉस के तिजोरी की चाबी नहीं मांगी कि आप इतना झिझक रहे हैं।"बोलकर काया मुस्कुरा देती है और बाउल में खीर सर्व करने लगती है ।
एक बाउल में खीर के साथ थोड़ा ज्यादा ड्राई फ्रूट्स डालकर बोली......"ये क्रिश के लिए है ।"....काका झट से उस बाउल को हाथ में उठाते हुए...."आप फिकर मत कीजिए दुल्हन क्रिश बाबा को में खिला दूंगा।"
काया खीर का बाउल काका के हाथ से वापस लेते हुए...."नहीं काका मैं खुद खिला दूंगी उसे। आप बस मुझे क्रिश का रूम बता दीजिए।"....बोलकर काया खीर की ट्रे उठाकर किचन के बाहर जाती है। और एक-एक कर सबको खीर सर्व करने लगी।
जहां ब्रेकफास्ट टेबल पर मौजूद हर शख्स ड्राई फ्रूट से गार्निश खीर और उसकी खुशबू से ललचाए हुए उसे पर बस टूट पढ़ते हैं वहीं दादी चिड़ते हुए....."अरे कुंभकरण के वंशजों मुझ बुढ़िया के लिए भी कुछ छोड़ो वरना पाप लग जाएगा पाप ।"
प्रताप जी अपना बाउल से खीर खाते हुए...."मां आपको मीठा खाना मना है शुगर की बीमारी है ना आपको।"
वरुणिका प्रताप जी को घूरते हुए...."वैसे शुगर की बीमारी आपको भी है ऐसे मत खाइए जैसे जिंदगी में पहली बार खीर खा रहे हैं ।"कहते हुए वो गुस्से से प्रताप जी को घूर रही थी ।
काया वरुणिका के तरफ खीर का बाउल बढ़ाते हुए...."आपको तो शुगर की बीमारी नहीं है ना सासू मां तो आप तो खा ही सकते हैं ।"
बारेनिका काया की तरफ देखकर.... " पहली रसोई और what ever ये सब मिडिल क्लास रस्में रिवाज मुझे पसंद नहीं है ना ही मुझे खीर पसंद है ।"कहकर वो एक ज्वेलरी बॉक्स काया की तरह पढ़ते हुए बोली....."Dont worry तुम्हारा गिफ्ट तुम्हें जरूर मिल जाएगा।"
जैसे ही काया उस ज्वैलरी बॉक्स को वरुणिका से लेती है ये देख मोक्ष के हाथ कश जाते हैं और दांत पीसते हुए वो कुछ बोल ही रहा था के काया ज्वेलरी बॉक्स को ऊपर नीचे पलट कर देखते हुए वरुणिका के ही अंदाज में बोली......"ये पहली रसोई or what एवर रस्में है जिन्हें दिल से माने जाते हैं। और अगर आप मानते ही नहीं
बोलकर वो खीर के बाउल ले लेती है और ज्वेलरी बॉक्स वापस उसके तरफ बढाते हुए बोली ...."गिफ्ट भी तो रस्म का ही हिस्सा है अगर रस्म नहीं तो गिफ्ट भी नहीं ।"बोलकर वो रूही शक्ति सम्राट और दादी को सर्वे करने लगती है।
काया आखरी बाउल मोक्ष के सामने रखती है जो सुन देख तो सब कुछ रहा था लेकिन बस एटीट्यूड के साथ फोन पर आंखें गाढ़े इग्नोर करने की एक्टिंग बखूबी कर रहा था। मोक्ष खीर का बोल साइड कर अपनी कॉफी का सिप लेते हुए सर्द आवाज में......"आई डोंट लाइक खीर and all"
काया दादी की तरफ देखती है तो दादी बिना भाव के एक स्पून भर के खीर अपने मुंह में डालते हुए...."वैसे तो हमेशा कहता रहता था आई डोंट लाइक शादी and all और अभी देखा दो-दो करके बैठा है। पुरानी दुल्हन के हाथों से तो धोखा खा कर बैठा है नई दुल्हन की हाथों से खीर खा ले हो सकता है अच्छा लग जाए ।".....दादी की बात सुनकर मोक्ष जैसे ही नजर उठाकर उन पर एक जलती नजर डालता है दादी अपनी खीर पर कंसंट्रेट करते हुए कुछ ऐसे रिएक्ट करते हैं जैसे अभी-अभी उन्होंने कुछ कहा ही ना हो और डाइनिंग टेबल पर सब की नजर बस दादी पर ही होती है।
To be contimued
क्या काया क्रिश को मना पाएगी ?क्या मोक्ष चखेगा काया की पहली रसोई?जानने केलिए आगे पढ़ते रहें।और प्लीज प्लीज अपने likes एंड कमेंट्स शेयर करें।