..passionate..si..love.. (Sajishi Ishq) - 17 in Hindi Love Stories by Mira Sharma books and stories PDF | ..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 17

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..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 17

...!!जय महाकाल!!...

अब आगे...!!

मंत्रों उच्चारण के बीच सब एकत्र होकर बैठे थे.....वहीं दृशा मस्ती में चलते हुए वहां आ रही थी.....जब कुछ अंजान लोगों ने उसे घेर कर.....एक आदमी अपने फोन में फोटो देखते हुए.....उसे क्लोरोफॉर्म सुंघाने के बाद.....उसके चेहरे पर काला कपड़ा बांध दिया.....उसे खींचते हुए एक रूम में ले गए.....
सामने सोफे पर बैठा हरीश उसे वो लड़की लाया देख खुश हो गया.....उसके साथ तापस,,हरीश,,राजेश,,राजन भी थे.....
तापस उस बॉडीगार्ड से बोला:जा इसकी बेटी को उस सात्विक के साथ बिठा दे.....!!
वोह लोग दृशा को द्रक्षता समझ बैठे थे.....क्योंकि दृशा दिखने में द्रक्षता के तरह ही लगती थी.....बस उसकी थोड़ी हाइट कम थी.....लेकिन एक अंजान उसे ही द्रक्षता समझता.....अगर उसने उसे कभी ना देखा हो तब.....

इधर द्रक्षता को पंडित जी ने लाने को बोल दिया था.....तो उसकी सास और मां उसे लेकर आई.....उसकी ब्राइड एंट्री में वो सिर्फ चलते हुए ही.....बेहद खूबसूरत लग रही थी.....उसका चेहरा चुनरी से ढका हुआ था.....
वहां आई सारी लड़कियां द्रक्षता को जलीभुनि जा रही थी.....द्रक्षता को उसके जगह पर लाकर बिठा दिया गया.....तभी सात्विक का फोन बजता है.....
वो अटेंड कर:क्या हुआ.....अब मुझे शादी के बीच से बीच से उठना पड़ेगा.....!!(वोह काफी धीरे बोल रहा था.....लेकिन उसके आवाज के तेज के कारण द्रक्षता सब कुछ साफ सुन पा रही थी)
संभव बोला:भाई द्रक्षता भाभी को समझ.....इन लोगों ने दृशा को किडनैप कर लिया है.....इनलोगों का प्लान आपकी शादी शनाया से करवाना था.....!!
यह सुनते ही सात्विक गुस्से से लाल हो गया.....
वो बोला:अभी कुछ मत करना.....शादी हो जाने दो.....फिर देखते है क्या करना है.....!!(इतना बोल उसने कॉल कट कर दिया)
द्रक्षता उसे कन्फ्यूजन में देख रही थी.....उसने उसकी बाते तो सुनी थी.....लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया.....सात्विक की नजर उसके कन्फ्यूज्ड चेहरे पर पड़ा.....तो वो उसके हाथ पर अपना हाथ रख सहलाने लगा.....इन दोनों का हाथ ऐसे डायरेक्शन में था.....जो की कोई देख ना पाया.....
लेकिन द्रक्षता उसे फिर देखने लगी.....उसने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया.....सात्विक को ये जरा भी पसन्द नहीं आया.....लेकिन वहां के माहौल को वो भी अच्छे से समझ पा रहा था.....इसलिए उसने कुछ ना बोला.....
पंडित जी उनकी शादी की सभी रस्में करने लगे.....उन दोनों को वरमाला के लिए खड़े होने को कहा.....दोनों खड़े हो गए.....उनके हाथों में एक एक वरमाला दिया गया.....
सात्विक लंबा था उससे.....इसलिए द्रक्षता को थोड़े ज्यादा एफर्ट्स डालने पड़े.....उसके एफर्ट्स देख सात्विक के चेहरे पर एक मुस्कान खिल गई.....जो कोई देख न सका.....लेकिन द्रक्षता ने उसे वरमाला पहना दिया.....वहां तालियों का शोर गूंज गया.....
सात्विक ने आराम से उसे वरमाला पहना दिया.....वरमाला पहनाने के बाद दोनों की शादी आगे बढ़ी.....पंडित जी ने कन्यादान के लिए माता पिता को बुलाया.....
सब मान्यता को जाने बोल रहे थे.....तोह वह जाकर उसका कन्यादान करने लगी.....
धीरे धीरे शादी के सारे रस्में हो रही थी.....पंडित जी सात्विक को उसकी मांग भरने और मंगलसूत्र पहनने को कहा.....
उसने मंगलसूत्र उठा कर उसके गले में पहना दिया.....तब उसने नोटिस किया कि द्रक्षता आवाज न करते हुए रो रही थी.....वोह उसकी सिचुएशन समझ रहा था.....जैसे जैसे पंडित जी उसे बोलते गए.....वोह वैसे करते गया.....
पंडित जी अंत में बोले:आज से अपन दोनों पति पत्नी हुए.....आपका जीवन अब सात जन्मों के लिए.....बांध चुका है.....अपने मध्य किसी तीसरे को आने मत दीजिएगा.....आपके जीवन संगी अब से आपकी जिम्मेदारी है.....उसके नेत्रों में आंसू ना आए इस बात का ख्याल रखना है आपको.....और दोनों को ही.....रिश्ते में आप दोनों ही बंधे है.....जाइए अब अपने बड़ों का आशीर्वाद ले लीजिए.....!!
उन दोनों ने उनके चरण छू लिए.....फिर जाकर सबके पैर छुए.....सुरुचि ने द्रक्षता को गले लगा लिया.....
और बोली:तुम हमारी बेटी जैसी हो.....(उसके आंसू पोंछ कर)रो मत.....!!
लेकिन द्रक्षता के आंसू रुक ही नहीं पा रहे थे.....मान्यता और वोह गले लग रो पड़ी.....
साइड में खड़ा दर्शित के भी आंखों में आंसू आ गए थे.....जिन्हें छुपाने की वो भरपूर कोशिश कर रहा था.....लेकिन वो नाकामयाब रहा.....
मान्यता उसे देख अपने पास बुलाती है.....दर्शित ना में सर हिला देता है.....द्रक्षता खुद उसके पास चली जाती है.....उसे अपने पास देख वोह और कंट्रोल ना कर पाया.....वो भी उसे गले लगा कर रो दिया.....
वो उसे बोला:दी मत जाओ ना.....प्लीज़.....मैं नहीं रह पाऊंगा आपके बिना.....!!(वोह सिसकते हुए बोला)
मान्यता इधर उधर देखते हुए.....बोली:दृशा कहा है.....बहुत समय से नहीं दिखी मुझे.....आर्या बेटा जानती हो कहा है दृशा.....!!
आर्या बोली:आंटी वो तो भाभी से मिलने गई थी.....लेकिन वो तो अभी तक वापस नहीं आई.....!!
मान्यता को घबराहट होने लगी.....सुरुचि उसके पास आकर उसे शांत करती है.....
और संभव से बोली:बेटा जाओ देखो कहां है दृशा.....!!
संभव सात्विक के पास आकर धीरे से बोला:भाई.....मैने उन लोगों को देख था.....दृशा को ले जाते हुए.....उस टाइम आपकी शादी हो रही थी.....इसलिए मैने कुछ किया नहीं.....अब अगर उन्होंने ज्यादा कुछ किया तो मेरी रिवॉल्वर है मेरे पास.....सीधा उड़ा दूंगा.....!!
सात्विक उसे बोला:अभी ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है.....हमे सिर्फ दृशा वापस चाहिए.....सही सलामत.....उनका कुछ सही नहीं है.....वो कुछ भी कर सकते है.....इसलिए ध्यान से.....!!
संभव सर हिला कर चला गया.....उसके पीछे प्रत्यूष भी चला गया.....
वहीं उस रूम में तापस उस बॉडीगार्ड को मारे जा रहा था.....
वो गुस्से से बोला:तुमसे एक काम भी ठीक से नहीं होता.....वहां उस सात्विक की शादी हो गई.....और और उसकी दुल्हनिया वोह शनाया भी नहीं है.....तोह यह किस लड़की को उठा लाए.....!!
बॉडीगार्ड डर कर बोला:बॉस.....अपने जो फोटो दी थी.....मैने तो वहीं लड़की उठाई.....मुझे नहीं पता था.....की ये वो नहीं होगी.....!!
दृशा को धीरे धीरे होश आ रहा था.....उसने अपने हाथ हिलाना की कोशिश की तो उसे पता चला.....कि उसके हाथ पैर बंधे हुए है.....आंखों पर पट्टी चढ़ी हुई है.....
हरीश ने जब उसके हिलते हुए शरीर को देखा.....उसके पास आकर उसके चेहरे से पट्टी हटा दी.....दृशा ने डर के मारे आँखें कस के बंद कर ली.....
हरीश उसके चेहरे को देख तापस से बोला:गलती उसकी नहीं है.....इसका तो चेहरा उस सात्विक की दुल्हन के तरह है.....लगता है उस लड़की की बहन है.....!!
तापस उस बॉडीगार्ड को छोड़ कर इसके पास आया.....उसके सुंदर चेहरे को देख सबकी नियत फिसल रही थी.....
तापस और हरीश एक दूसरे को देख शैतानी मुस्कान मुस्कुरा दिए.....
तापस दृशा के चेहरे पर अजीब तरह से हाथ फेरते हुए बोला:मेरे काम में तूने नुकसान पूछा दिया.....अब क्या करेगी तू.....यहां से भागने का तो कोई रास्ता नहीं.....अब मेरा काम न हुआ ना सही.....चल मेरी प्यास बुझा.....!!
दृशा उसके छूने से पूरी तरह डर गई थी.....वोह कांप रही थी.....
राजन के भी आंखों में साफ हवस दिख रही थी.....
राजेश उन सब से बोला:अरे तुम सब पागल वागल हो गए हो क्या.....अभी इस होटल में ही यह सब करोगे.....तो मारे जाओगे उस सात्विक के हाथो.....!!
वोह अभी बोल ही रहा था.....उस रूम का गेट बहुत तेज आवाज के खुला.....संभव प्रत्यूष को सामने देख.....वोह सब हैरान हो गए.....
तापस तिरछी मुस्कान के साथ बोला:क्यों आ ही गए ना तुम सब.....अरे.....अपने उस भाई को नहीं लाए.....!!
संभव उसे गुस्से से घूरते हुए:तेरे लिए हम ही काफी है.....उनको आने की कोई जरूरत नहीं.....उसे हमारे हवाले कर दो.....!!
इस बार राजन बोला:नहीं करेंगे.....क्योंकि जो हम करने आए थे.....वोह हुआ नहीं.....तो जो नहीं करना था.....वो ही कर लेते है.....वैसे भी यह लड़की काफी खूबसूरत है.....मजा बहुत आयेगा.....!!
संभव यह सुनते ही एकदम से उसके पास आकर.....उसका गला दबा दिया.....वो इतना तेज दबा रहा था कि.....राजन को लगा अब उसकी मौत हो ही जाएगी.....
संभव उससे:सीधे सीधे कह रहा था.....लेकिन तुम सब को सीधी बाते समझ कहा आती है.....!!
सब उसे राजन से दूर कर देते है.....
तापस उससे बोला:लड़की तो हम तुझे देंगे नहीं.....चाहे तो कितनी भी कोशिश कर ले.....!!
तापस के बॉडीगार्ड ने उसे और प्रत्यूष को घेर लिया था.....संभव का अब पारा चढ़ चुका था.....उसने एक प्रत्यूष को देख कुछ इशारा किया.....फिर उन सब भिड़ गया.....बॉडीगार्ड काफी ज्यादा थे.....तब भी वो उन सब पर भारी पड़ रहा था.....
उन सब की नजर बचा कर प्रत्यूष ने.....अपने वॉच की एक बटन को प्रेस कर दिया.....जिससे कुछ ही समय में उसके बहुत सारे बॉडीगार्ड्स आ गए.....
इतने सारे बॉडीगार्ड्स को देख तापस के बॉडीगार्ड्स के पसीने छूट गए.....उन सब को कुछ ही देर संभव के बॉडीगार्ड्स ने धूल चटा दिया.....

...!!जय महाकाल!!...

क्रमशः...!!

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