### **दुनिया का सबसे बड़ा चोर**
रात के घने अंधेरे में, जब दुनिया सो रही होती, एक रहस्यमयी शख्स जागता था। उसका नाम था **वरुण **—एक ऐसा चोर, जो सिर्फ एक शहर या देश में नहीं, बल्कि **एक दुनिया से दूसरी दुनिया में चोरी करता था**।
कोई नहीं जानता था कि वह कौन था, कहाँ से आया था, या उसकी असली पहचान क्या थी। परंतु उसकी कहानियाँ हर जगह मशहूर थीं। कभी वह **एक जादुई दुनिया से शक्ति का क्रिस्टल** चुरा लेता, तो कभी **तकनीकी सभ्यता वाले ग्रह से उन्नत हथियार**।
### **वरुण की रहस्यमयी शक्ति**
वरुण के पास एक **जादुई घड़ी** थी, जो उसे एक दुनिया से दूसरी दुनिया में जाने की शक्ति देती थी। यह घड़ी **पाँच हजार साल पुरानी** थी और किसी भी समय-गुहा (wormhole) को खोल सकती थी। यह उसे अंतरिक्ष, जादू, परियों, दैत्यों और तकनीकी युगों की दुनियाओं में जाने देती थी।
वरुण के बारे में कहा जाता था कि वह अब तक **सोने का पर्वत, भविष्य की ऊर्जा बैटरी, जलपरियों का अनमोल मोती, और एक शापित राजा का मुकुट** चुरा चुका था। लेकिन उसका अगला निशाना **इतिहास की सबसे कीमती चीज़** थी—**"अनंत कुंजी"**, जो सभी दुनियाओं को नियंत्रित कर सकती थी।
### **अनंत कुंजी की तलाश**
कई सालों की खोज के बाद, वरुण को पता चला कि यह कुंजी **"नीहारिका लोक"** नामक दुनिया में छिपी थी। यह कोई साधारण दुनिया नहीं थी; यह एक जगह थी जहाँ **समय रुक जाता था, और कोई भी बाहर से आकर आसानी से नहीं जा सकता था**।
वरुण अपनी जादुई घड़ी का उपयोग करके नीहारिका लोक पहुँचा। वहाँ चारों ओर **नीली रोशनी** फैली थी, और हवा में तैरते **क्रिस्टल के महल** खड़े थे। उसने महल के भीतर घुसकर कई सुरक्षा जाल पार किए— **गुरुत्वाकर्षण-विहीन गलियारे, मृगतृष्णा से भरी भूलभुलैया, और समय की उलटी धारा**।
आखिरकार, उसने एक **प्राचीन कक्ष** में **अनंत कुंजी** को देखा। लेकिन जैसे ही उसने उसे उठाया, पूरा महल हिलने लगा। अचानक, एक आवाज़ गूंज उठी—
*"वरुण , तुम बहुत आगे आ गए हो, परंतु यह तुम्हारा अंत है!"*
### **सबसे बड़ा धोखा**
अचानक, वरुण की जादुई घड़ी काम करना बंद कर गई। वह देखता है कि **समय स्थिर हो गया है, और उसके सामने नीहारिका लोक का संरक्षक खड़ा है—एक देवता, जिसे "कालस्वर" कहते थे**।
*"तुमने दुनियाओं से बहुत कुछ चुराया, परंतु इस कुंजी को चुराने का हक तुम्हें नहीं।"*
वरुण ने पहली बार खुद को असहाय महसूस किया। वह **भाग नहीं सकता था, छल नहीं कर सकता था**।
### **चोर की नई पहचान**
लेकिन तभी वरुण मुस्कुराया। उसने कहा,
*"मैंने हमेशा चीज़ें चुराई हैं, लेकिन आज मैं कुछ नया करने जा रहा हूँ—मैं अपनी पुरानी पहचान छोड़कर, इस दुनिया का रक्षक बनूँगा!"*
कालस्वर वरुण की बात सुनकर चौंक गया। उसने महसूस किया कि वरुण वास्तव में अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना चाहता था।
इस तरह, **वरुण एक चोर से एक रक्षक बन गया**। वह अब दुनियाओं को बचाने के लिए अपनी जादुई घड़ी का उपयोग करता, न कि उन्हें लूटने के लिए।
### **अंत या एक नई शुरुआत?**
कोई नहीं जानता कि वरुण अब कहाँ है। कुछ कहते हैं कि वह अब भी **दुनियाओं के बीच घूमता है, पर चोरी करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें बचाने के लिए**।
पर एक बात तय है—अगर कोई **अनमोल चीज़ किसी बुरी ताकत के हाथों में जाने वाली हो**, तो वरुण उसे चुरा लेगा… एक नई दुनिया में छिपाने के लिए।
**(समाप्त, या शायद एक नई शुरुआत!)**