"सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते"।
परी एक जादुई और रहस्यमय प्राणी है, जो विभिन्न संस्कृतियों और लोककथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। परियों का वर्णन अक्सर सुंदरता, जादू और अद्भुत शक्तियों के साथ किया जाता है। ये प्राणी आमतौर पर प्राकृतिक तत्वों, जैसे कि फूलों, पेड़ों और नदियों से जुड़े होते हैं।
परीयों की अवधारणा प्राचीन काल से मौजूद है, और यह विभिन्न संस्कृतियों में भिन्न रूपों में प्रकट होती है।यूरोपीय लोककथाओं में परियों को अक्सर जादुई शक्तियों वाली सुंदर स्त्रियों के रूप में दर्शाया गया है, जबकि भारतीय परंपराओं में इन्हें आत्माओं के रूप में देखा जाता है।
परियों कई प्रकार होते हैं, जैसे कि जल परी, दौलत परी, चांदनी परी, जिन्न परी, लाल परी,लील परी और हुल परी।प्रत्येक प्रकार की परी की अपनी विशेषताएँ और शक्तियाँ होती हैं, जो उन्हें अद्वितीय बनाती हैं।
परी लोक एक जादुई स्थान है, जहाँ परीयाँ निवास करती हैं। इसे अक्सर एक सुंदर और रहस्यमय दुनिया के रूप में चित्रित किया जाता है।परी लोक में अद्भुत जीव-जंतु, रंग-बिरंगे फूल, और जादुई तत्व होते हैं, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं।
परीया दो प्रकार की होती है। अच्छे कार्य करने वाली परी और दूसरे बुरे कार्य करने वाले परी। अच्छे कार्य करने वाली परी साधक को सत्य मार्ग में चलने के लिए प्रेरणा दती है जब कि बुरे कार्य करने वाली परी साधक को दूसरों को कष्ट और दुख देने के लिए प्रेरणा देती है।
परी जिसके ऊपर कृपा बरसती हैं उस इंसान को भौतिक सुख देने के साथ- साथ उसके जीवन स्तर को बेहतर करने में मदद करती है। इस मदद से उसके अधूरे ख्वाब पूरा होने लगते हैं।
परीयाँ अक्सर सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक मानी जाती हैं।
इनके पास जादुई शक्तियाँ होती हैं, जो इन्हें अद्वितीय बनाती हैं।
परीयों की विशेषताएँ उनके प्रकार के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे कि जल परी आमतौर पर जल से संबंधित शक्तियों का उपयोग करती हैं। वैसे अन्य परी अपने विशेषताएं के हिसाब से अपनी शक्तियों का उपयोग कर पाती है।
परीयों का मानवों के साथ संबंध अक्सर एक संधि के रूप में होता है। संधि की वजह से वह उस मानव की मदद करती हैं एवं उन्हें कठिनाइयों से बाहर निकालती हैं।कभी-कभी, ये मानवों को उनके कार्यों के लिए दंडित भी करती हैं, यदि वे गलत कार्य करते हैं।
परियों को अक्सर प्रतीकात्मक रूप में बखान किया जाता है।ये नैतिकता, प्रेम, और साहस के प्रतीक माने जाते हैं।
कई प्रसिद्ध लेखकों ने परियों को अपनी कहानियों में शामिल किया है, जैसे कि शेक्सपियर की "ए मिडसमर नाइट्स ड्रीम"।
परी की चित्रण कला में परियों का चित्रण अक्सर रंगीन और जादुई होता है।
चित्रकारों ने परियों को विभिन्न रूपों में दर्शाया है, जो उनकी सुंदरता और जादुई शक्तियों को उजागर करता है।
यह चित्रण विभिन्न माध्यमों में किया जाता है, जैसे कि पेंटिंग, मूर्तिकला, और डिजिटल कला।
विभिन्न संस्कृतियों में परियों का स्थान और महत्व भिन्न होता है।
कुछ संस्कृतियों में इन्हें शुभ माना जाता है, जबकि अन्य में इन्हें खतरनाक या धोखेबाज़ समझा जाता है।
परी को साधने के लिए उपाय-:
प्रत्येक साधना की तरह इस साधना में भी साधक को किसी शुभ दिन या शुक्रवार से यह साधना आरंभ करना हैं। साधना रात्रिकालीन होगा। वज्रासन में बैठकर यह साधना करना है। धूप-दीप लोबान जलाएं। अपने शरीर पर इत्र लगाएं। मुख पश्चिम दिशा और होना चहिए।
मंत्र -: हाथ में चुट्टा बगल में सोटा। मारे ताल भागे काल।सात सो परी लगे ।आकाश बोले। परी देई जवाब सुन ।चेला बचन हमार बोले। चेला- देई जवाब पढल अच्छर दे बताय ।बोले परी ।देई जवाब पढल। अच्छर देव बताय। गुरु की सीखनी कमरू के सीखनी । सतगुरु के बंदो पांव बांग्ला गुरु जी की दुहाई ।।
इस मंत्र को प्रत्येक दिन १०८ बार यानी एक माला जाप करना है। इस साधना के दौरान अपने सामने एक कर्सी(chair) रखा होना चाहिए। परी जब हाजिर होगी बो उस कर्सी पर बैठी हुई नजर आएगी। जब वह नजर आए तब उसको नमस्कार करें और उसके चरणों पर कुछ गुलाब के पंखुड़ी चढ़ाई। इसके बाद जब वह कुछ मांगने के लिए कहे तब अपनी मान की इच्छा उसको बताएं। बह जरूर पूरा करेगी। इस साधना को ४१ दिन करना है। अगर इसको कम दिन में संपन्न करना है तो जाप का संख्या बढ़ाना होगा । अगर इस मंत्र को पांच माला या दस माला जाप किया जाए तो अति शीघ्र साधना संपन्न हो सकता है।