Bandhan Pyar ka - 35 in Hindi Fiction Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 35

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बन्धन प्यार का - 35

"नरेश"

आवाज सुनकर नरेश ने देखा था 

"अरे आकाश तू?"कॉलेज के साथी को देखकर नरेश खुश हुआ था।

"तुम कहाँ हो आजकल?"आकाश ने उससे पूछा था।

"लंदन"नरेश ने अपने बारे में बताया था।

"यह कौन है"।आकाश, हिना की तरफ इशारा करते हुए बोला था।

"यह हिना है,"हिना क़े बारे में बताते हुए बोला,"तुम्हारी भाभी

"शादी भी कर ली और पता भी नही चला।पार्टी की बचत

और जब घूमकर आये तब नरेश माँ से बोला,"पार्टी मांग रहा था।।"मैं भी सोच रही हूँ तेरी शादी की पार्टी देने की फिर वहां से न जाने कब आना हो

और मीरा ने पहले लिस्ट बनयाई थी2।जिन्हें पार्टी मे बुलाना था।फिर होटल में ही पार्टी देने का निर्णय लिया।मीरा बेटे के साथ जाकर होटल मे पार्टी का इन तजम कर आई।

और फिर फोन करके सब रिश्तेदार,मित्रो, परिचितों को बता दिया गया।मीरा, हिना से बोली,"बहू पार्टी में पहनने के लिये कपड़े खरीद ला।"

"मम्मीजी मेरे पास कपड़े तो बहुत है।"

"बहु पार्टी में नाते रिश्तेदार भी आएंगे।पार्टी में बहु साड़ी में ही अच्छी लगती है।"

और हिना, नरेश के साथ बाजार गई थी।एक बनारसी साड़ी खरीद लायी थी।रिश्तेदारों के बधाई संदेश आने लगे थे।पार्टी वाले दिनमीरा ने ब्यूटी पार्लर वाली को घर पर ही बुला लिया था।वह हिना को तैयार कर गयी थी।वे होटल पहुंचे थे।

और परिचित व सभी पार्टी में आने लगे।मीरा सब से बहु का परिचय करा रही थी।सभी हिना को गिफ्ट दे रहे थे।रिश्तेदारों ने हिना को सोने चांदी के गहने दिए थे।नरेश की मौसी को देखते ही मीरा, हिंना के कान में धीरे से बोली,"मेरी कजिन है।मुँह फट है।उल्टा सीधा बोले तो चुप रहना।"

मौसी आते ही बोली,"मीरा चुपचाप शादी कर ली।शादी में बुलाया नही।अब पार्टी दे रही है।

"शादी लंदन में हुई थी।"

"तो क्या बहु लंदन की है।अंग्रेज सी तो नही लग रही।क्या नाम है

"हिना

"क्या मुसलमान हैं

"हां

"तेरी जाति मे कोई नही मिली

"तुम्हारे बेटे को यही पसन्द आयी

"कहा कि है

"पाकिस्तान

"वाह री मीरा।बहु लायी भी तो दूसरे धर्म की और वो भी पाकिस्तानी

पार्टी में आने वाले  खुश भी थे।मौसी बोली,"अब तू बहु ले आयी ही है तो।"मौसी कानो के कुंडल देते हुए बोली,"बहु है तो मुँह दिखाई तो देनी ही पड़ेगी मौसी थी तो मुँह फट लेकिन हिना से बात प्यार से करती रही।

और काफी देर तक पार्टी चलती रही।हिना को मुँह दिखाई में काफी गिफ्ट मिले थे।

नरेश ने हिना को दिल्ली घुमाया था।फिर एक दिन बोला,"मम्मी हिना कश्मीर देखना चाहती है।"

"हां तो देख आओ।"

"आप भी साथ मे चलो।"

",मैं तो पहले घूम आयी हूँ तुम दोनों हो आओ।"

और नरेश ने प्लेन का टिकट बुक करा लिया था।और वे एक दिन श्रीनगर के लिये रवाना हो गए थे।

नरेश भी पहली बार कश्मीर आया था।सैलानियों की  भारी भीड़ थी।नरेश ने होटल पहले ही बुक कर लिया था।वे शाम ढलने पर श्रीनगर पहुंचे थे।एयर पोर्ट से सीधे होटल गया थे।नरेश बोला,"चलो डल लेक चलते हैं

और वे तैयार होकर डल लेक गए थे।डल लेक का अदभुत नजारा था।डल झील के चारो तरफ जल रही रंग बिरंगी लाइट डल झील में मनोरम दृश्य बना रही थी।तैरते शिकारों को देखकर नरेश बोला,"चलो शिकारे में बैठते हैं।"

डल झील पर भारी संख्या में सैलानी मौजूद थे।और वे एक शिकारे में बैठ गए थे।

नरेश शिकारे वाले से बोला,"370 हटने के बाद कैसा लग रहा है?"