वे तीनों वापस घर लौट आये थे।हिना अपनी सास का बहुत खयाल रखती थी।हिना और नरेश की शानुवर्म्म शनिवार और इतवार की छुट्टी रहती थी।उस दिन कभी नरेश और हिना अकेले घूमने जाते और कभी मा भी साथ जाती।एक दिन मीरा बोली हिना से तेरी अम्मी से बात करती हूं।और उसने फोन लगाया था।कई बार के बाद सलमा ने फोन उठाया था।मीरा बोली,"बहन कैसी हो?"."
"ठीक हूँ,"सलमा बोली,"आप कौन बोल रही हो?"
"मैं मीरा।लंदन से हिना की सास"
",अब हिना के लिय तो मैं पराई हो गयी।"
",ऐसा क्यो सोचती हो।।"
"क्यों न सोचूँ। अपने प्यार की खातिर माँ को ही छोड़ दिया।"
",बहन छोड़ा नही है।तुम भी आ जाओ।सब साथरहेंगे।"
मीरा काफी देर तक सलमा को समझाती रही थी।लेकिन वह एक ही बात रटे जा रही थी।बेटी ने अपने मजहब में निकाह क्यो नही किया।म मीरा अक्सर फोन करके हिना की माँ को समझाती रहती थी।एक दिन मीरा बोली,"तू मुझे भारत जाने नही दे रहा।"
"माँ तू अकेली वहा रहकर क्या करेगी?"
"तो बेटा एक काम करते हैं?
"क्या मां?"
"जब वहा नुझे रहना ही नही है तो मकान का क्या करेंगे।उसे बेच आते हैं।"
",यह सही रहेगा "
"तो मेरे साथ चलो"
"मैं ऑनलाइन काम कर लूंगा,"नरेश, हिना से बोला,"तुम भी दो महीने के लिए ऑनलाइन की परमिशन ले लो।तुम्हे भारत भी घुमा दूंगा।और वीजा मिल गया तो पाकिस्तान भी चलेंगे।"
"सच मे?"
"क्या तुन्हें विश्वास नही है?
"है क्यो नही?
"अपनी अम्मी को मत बताना।हम अचानक वहां जायेगे"
"अम्मी मेरा फोन उठाती कहाँ है"हिना दुखी होते हुए बोली,"न जाने मैने ऐसा क्या गुनाह कर दिया
"दुखी मत होओ सब ठीक हो जाएगा"
और वे भारत जाने कि तैयारी करने लगे।और उन्होंने कुछ दिन की छुट्टी ली और वर्क फ्रॉम होम की मंजूरी भी ले ली।
हिना जैसा नाम वैसे ही खुश मिजाज की थी उसकी अपनी सास से बहुत पटती थी।दोनों एक दूसरे का बहुत खयाल रखती थी।एक दिन नरेश बाजार गया था।हिना अपनी सास के पास बैठी बाते कर रही थी।मीरा बोली,"बहू अब तो पोते को खिलाने का मन करता है।"
सास की बात सुनकर हिना शरमा गई और उठकर चली गई थी।
और नरेश ने भारत जाने के लिये प्लेन के टिकट बुक करा लिय थे।और वे तीनों एक दिन प्लेन में सवार हो गए थे।हिना पहली बार अपने पड़ोसी देश और अपनी ससुराल भारत जा रही थी।वह जब भी पाकिस्तान जाती पाकिस्तान या गल्फ एयर वेज से जाती थी।।पहली बार इंडियन एयर लाइन्स के प्लेन से सफर कर रही थी।प्लेन में अलग अलग देस के लोग सवार थे।और लंबे सफर के बाद वे दिल्ली पहुंचे थे।
नरेश का घर लक्ष्मी नगर में था।घर की तरफ जाते समय ही नरेश ने दूध आदि खरीद लिया था।घर पहुंचते ही बोला,"मम्मी पहले चाय बना ली"।
हिना बोली," मैं बनाती हूं"
"अभी तुम्हे पता नही कौनसा सामान किधर है
लेकिन मीरा के साथ हिना भी चली गयी थी।दिन में मीरा, नरेश से बोली,"इसे दिल्ली घुमा लाओ।"
"हाँ मम्मी,"नरेश बोला,"यह कश्मीर भी जाना चाहती है "
""आये हो तो इसे भारत दिखा दो "
"मम्मी कश्मीर तो आप भी चलना "
"मैं तो पहले जा आयी थी।तुम्हे बताया था न कि स्कूल का टूर गया था,"मीरा अपने कश्मीर भृमण के बारे में बताते हुए बोली,"तुम दोनों हो आना।"
और नरेश, हिना को दिल्ली घुमाने के लिये ले गया था।