Bandhan pyar ka - 16 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 16

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बन्धन प्यार का - 16

पत्थर लगते ही हिना के सिर से खून बहने लगा और वह जमीन पर गिर गयी
"हिना हिना क्या हुआ।उठो।आंखे खोलो
नरेश ने बहुत कोशिश की लेकिन वह बेहोश हो गयी थी।तब नरेश ने उसे गोद मे उठाया और पथरबाजी कि चिंता न करते हुए हिना को लेकर सड़क पर आ गया
हेल्प मी
नरेश सड़क से गुजर रही कार वालो से मदद मांगने लगा।लेकिन प्रदर्शन होता देखकर कोई रुक ही नही रहा था।लेकिन एक कार रुकी और नरेश, हिना को लेकर अस्पताल पहुंचा था
डॉक्टर ने खून साफ करके पट्टी बांधी और इंजेक्शन लगया था
"डॉक्टर
नरेश ने डॉक्टर से पूछा था
"घबराने की बात नही है।मामूली चोट है।डर की वजह से बेहोस हो गयी है।कुछ देर में होश में आ जायेगी
"घर कब ले जा सकता हूँ
"होश में आने के बाद।लेकिन बेड रेस्ट करना है
नरेश, वार्ड में हिना के पास आकर बैठ गया।हिना बेहोश पलँग पर लेटी थी।वह कितनी मासूम भोली और प्यारी लग रही थी।नरेश ने उसके हाथ को अपने हाथ मे ले लिया और वह हिना केचेहरे को निहारने लगा।निश्चल, प्यार और चांद सा सुंदर मुखड़ा
और कुछ देर बाद उसने आंखे खोली थी।वह चारो तरफ देखते हुए बोली,"मैं कहा हूँ
"तुम अस्पताल में हो
"अस्पताल,"हिना चोंकते हुए बोली,"मुझे यहाँ कौन लेकर आया
"मैं
"क्यो
"भूल गयी तुम्हारे सिर पर पत्थर लगा था।सिर से खून बहने लगा और तुम बेहोस होकर गिर गयी।मैं तुम्हें लेकर आया
हिना ने अपने सिर पर हाथ लगाकर देखा।सिर पर पट्टी बंधी हुई थी
"अब केसी हो"नरेश ने पूछा था
"ठीक हूँ
"कोई परेशानी तो नही
"नही
"तो घर चले
"हा
नरेश ने टॅक्सी बुला ली थी।वह हिना को लेकर टॅक्सी में आ बैठा।और टॅक्सी से उतरते समय हिना बोली,"मेरे घर को नही की थी
"नही।
"अपने घर क्यो लाये हो
"क्या यह तुमारा नही है
"अभी नही
"फिर कब
"निकाह के बाद
"अभी दो दिन की छुट्टी है।2 दिन यही आराम करो
और नरेश हिना को अपने घर मे ले आया
"तुमने घर तो बड़ा ले रखा है
"बार बार बदलने का झंझट नही
"तुम पलँग पर लेट जाओ
हिना को लेटने की कहकर नरेस अंगूर और सेव ले आया
"लो खाओ
हिना अंगूर को मुह में डालते हुए बोली,"तुम भी खाओ
"कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को"नरेश सेब खाते हुए फ़िल्म लैला मजनू का गाना गाने लगा
"पत्थर दीवाने को नही लगा है पत्थर दीवानी को लगा है,"नरेश का गाना सुनकर हिना बोली थी
"दीवानी पर पत्थर चलाने वाले कोई और नही थे तुम्हारे अपने देश के ही सिरफिरे थे
"उन्हें एक बात पता नही थी
"क्या
"की हिंदुस्तानी लड़के के साथ मे पाकिस्तान की लड़की है।अगर पता चल जाता तो
"फिर तो सारे पत्थर मेरे ऊपर ही आते"नरेश बोला था
"इसका मतलब है मेरे तुम्हारे लिए लक्की हूँ।जो आज मेरी वजह से बच गए
"पत्नी तो पति के लिए लक्की ही होती है
"ऐ मिस्टर गलत बयानी नही
"गलत क्या बोला
"अभी हमारा निकाह नही हुआ है।निकाह के बाद तुम शौहर बनोगे और मैं तुम्हारी बीबी
"निकाह चाहे न हुआ हो लेकिन कदम तो बढ़ गए है उस तरफ
नरेश और हिना हंसी मजाक करते रहे।शाम को नरेश बोला,"तुम आराम करो।मैं खाना बनाता हू
"मैं बनाती हूँ
"शादी के बाद तुम्हारे हाथ का ही खाना है
"शादी से पहले भी खिला चुकी हूँ
"हा।तुमने खाना बहुत ही लजीज बनाया था,"नरेश बोला,"आज मेरे हाथ का खाकर देखो
नरेश किचन में चला गया।हिना मोबाइल देखने लगी