unknown connection - 43 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अनजान रीश्ता - 43

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अनजान रीश्ता - 43

पारुल अस्पताल में थी उससे अभी तक होश नहीं आया था । उसके माता पिता डॉक्टर का इंतज़ार कर रहे थे। दोनों चिंता में बैठे हुए थे। सेम के माता पिता भी वही बैठे थे। सेम की मॉम के आंखो मै से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पारुल की मोम का भी यही हाल था। तभी डॉक्टर आते है।

डॉक्टर: यहां पर पारुल व्यास के परिवार में से कौन है!?
किरीट: जी!!? हम दोनों है । मै पारुल का पिता हूं । क्या हुआ सब कुछ ठीक तो है ना!!?
डॉक्टर: आप मेरे साथ ऑफिस में चलिए मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है!!।
जया: क्या हुआ डॉक्टर साहब!! आप कुछ बता क्यों नहीं रहे!!?
डॉक्टर: सब कुछ ठीक है मिसेस. व्यास बस कुछ जरूरी बात करनी थी टेंशन की कोई बात नहीं हैं दोनों ही खतरे से बहार है।
जया: भगवान का लाख लाख शुक्र है । शुक्रिया डॉक्टर साहब !!! ( रोते हुए )
डॉक्टर: ( सिर हिलाते हुए ) मिस्टर. व्यास आप मेरे साथ दो मिनट आइए प्लीज़!?
किरीट: जी! ( निर्मला को कहते हुए की वह थोड़ी देर में बात करके आता है )
डॉक्टर: ( ऑफिस का दरवाजा खोलते हुए ) हैव ए सीट मिस्टर व्यास..!! ( अपनी चेयर पे बैठते हुए )
किरीट: शुक्रिया! ( चेयर पर बैठते हुए ) ।
डॉक्टर: तो किरीट जी पारुल वैसे तो खतरे से बाहर है पर..!
किरीट: पर क्या डॉक्टर!!
डॉक्टर: पर चेकअप के दौरान हमें कुछ पुरानी कुछ प्रॉब्लम के बारे में भी पता चला है । तो...।
किरीट: जी.... उस.... उसकी...... यादाश्त चली... गई है!! कुछ साल पहले हादसा हुआ था जिस वजह से उसके दिमाग पर कुछ ज्यादा ही असर पड़ा था । और एक दिन वह बेहोश हो गई थी । जब वह उठी तो वह अपने बचपन की सारी बाते सब कुछ भूल चुकी थी । हमे लगा ये अच्छी बात है तो हमने कभी कोशिश नहीं कि उसे याद दिलाने की ...!
डॉक्टर: हम्म!! ( सोचते हुए ) लेकिन अभी पारुल के सिर पर चोट लगने की वजह से मुझे लगता है कि अगर उसे होश आया तो शायद शायद उसे सारी बाते याद आ सकती है !!।
किरीट: ( चहेरे के होश उड़ गए ) क्या!!! लेकिन क्यों इतने सालो बाद..!
डॉक्टर: जी मिस्टर. किरीट क्योंकि कार के एक्सिडेंट की वजह से उसके सिर पर गहरी चोट लगी है । जिस वजह से काफी चांसेज है कि या तो उसे सारी पिछली बाते याद आएगी या फिर वर्तमान कि सारी बाते भी भूल जाएगी !! । जब तक पारुल को होश नहीं आता हम कुछ नहीं कह सकते ।
किरीट: ( कुछ बोल नहीं पाता ) जी... जी..! थैक्यू!!! ( ऑफिस से बाहर जाते हुए ) ।
जया: ( किरीट के पास जाते हुए ) के... क्या... हुआ किरीट क्या कहा डॉक्टर ने जल्दी बोलो...!?
किरीट: ( खुद को संभालते हुए ) कुछ... कुछ नहीं बस यही की जब पारुल को थोड़ी देर में होश आएगा तो उसे ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेने देना और पारुल का किस तरह ध्यान रखना है इस बात के लिए बुलाया था ।
जया: शुक्र है !! मेरे दिमाग मै ना जाने क्या क्या घूम रहा था । ....
किरीट: ( टेंशन को कम करते हुए ) हहाहाहाहाह.... वैसे भी तुम्हें तो राई का पहाड़ करने कि आदत है!!? इसमें कौनसी नई बात है ।
जया: क्या आप भी ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ..
किरीट: हां तो मै झूठ थोड़े ही कह रहा हूं !!?
जया: चलो अब पारुल को देखते हैं पता नहीं किसकी नजर लग गई है जो दोनों बच्चों पर इतनी बड़ी मुसीबत आ पड़ी है ।
किरीट: कोई नहीं सब ठीक हो जाएगा डॉक्टर ने कहा है ना कि डरने की कोई बात नहीं है तो ये तो मामूली चोंट है तो थोड़े दिन में ठीक हो जाएगी ।
: ( कुछ कहने वाली थी कि कोई उसकी बात काटता है )
नर्स: समीर रायचंद के परिवार में से कौन है उसे होश आ गया है ..!
सेम के मोम डेड खुशी से कहते हुए "जी.. हम है".
नर्स: प्लीज़ आप आ जाइए मिल लीजिए ... लेकिन ज्यादा उन्हें मत बोलने देना अभी वह पूरी तरह ठीक नहीं हुए है !!
अश्विन: जी .... शुक्रिया..!
निर्मला: चलो अश्विन जल्दी ..!
सेम के मोम डेड रूम में जाते है । ऑक्सीजन मशीन सेम के मुंह पर लगा हुआ था । आसपास कुछ और भी मशीन सेम के शरीर से जुड़े हुए थे । यह देखकर तो मानो निर्मला के पैर जैसे जम ही गए थे। अपने हंसते खेलते बेटे को यहां ऐसे पड़ा देखकर मानो उसका दिमाग चक्करा रहा था । तभी अश्विन निर्मला का हाथ पकड़ते हुए ।
अश्विन: संभालो निर्मला ... सेम के सामने तुम्हे टूटना नहीं है उसे हिम्मत देनी है ताकि वह जल्दी से जल्दी ठीक हो जाए !!
निर्मला: कैसे अश्विन कैसे ... यहां मेरा बेटा ऐसे इन मशीनों से घिरा हुआ हो मै संभालू भी तो कैसे !!!?
अश्विन: सब ठीक हो जाएगा भगवान पर भरोसा रखो और ये हमारा सेम है हाथ पैर तुड़वाकर भी इसे फर्क नहीं पड़ा तो ये तो छोटी सी चोट है कुछ दिन में देखना ये पूरा घर सिर पर ले लेगा और बोलेगा मोम मेरी शर्ट कहा है!!?
निर्मला: ( हम्म कहते हुए सेम के बेड के करीब जाती है ).. ( सेम के सिर पर हाथ फेरते हुए ) .... समीर...!
सेम: ( आंखे खोलते हुए ) मां!! ( ऑक्सीजन मास्क मुंह पर से हटाते हुए ) ..!
निर्मला: नहीं नहीं समीर रहने दो उसे !!
सेम: मां.... पा...पा.. रो...!?
निर्मला: समीर अभी भी तुम्हे पारुल की फिक्र है जब की तुम यहां खुद जख्मी हो !!?
सेम: पा..रो.. कहां...?
निर्मला: वह बगल वाले कमरे में है और वह भी ठीक है लेकिन तुम ज्यादा बात मत करो समीर तुम्हे डॉक्टर ने मना किया है !!?
सेम: उसे... चो... ट.... ल.. गी.. है.. ठी... क.. तो है....ना.. वह । ( ऑक्सीजन मास्क पहनते हुए ) ।
निर्मला: समीर बेटा तुम अपना ख्याल रखो पारुल सही सलामत है उसे सिर्फ सिर पर चोट लगी है और कुछ नहीं बस तुम जल्दी से ठीक हो जाओ .... ( सेम के सिर पर हाथ फेरते हुए )
नर्स: चलिए... अब आप लोग बाहर जाइए पैशनेट को आराम करने दीजिए प्लीज़ ..!

निर्मला अश्विन दोनों ही बहार जाते है निर्मला आखिरीबार सेम की ओर देखती है और कमरे से बाहर चली जाती है ।
पारुल को अभी भी होश नहीं आया था । जिस वजह से उसके माता पिता थोड़ा चिंतित थे क्योंकि दो दिन हो गए है। पारुल की हालत में अभी भी कोई बदलाव नहीं था। दूसरी और सेम की हालत पहले से बेहतर थी । वह अब बिना मास्क के लोगों से बात कर सकता था । वह अपनी खिड़की पर बैठे बैठे सोच रहा था कि तभी उसके दरवाजे पर एक नोक की आवाज आती है ।

अविनाश: ( बुके समीर को देते हुए ) कैसे हो चैम्प!!?
सेम: ( फूल को टेबल पर रखते हुए ) ठीक हूं भाई !! और शुक्रिया आने के लिए !!?
अविनाश: मतलब क्या तुम इतना फॉर्मल कब से बन गए !!?
सेम: भाई आप अपना कोंसर्ट छोड़ कर आए है !! मतलब १०० करोड़ का नुक़सान !!! आपको क्या लगता है मुझे पता नहीं !!?
अविनाश: सेम !! तुम जानते हो ना तुम मेरे लिए कितने इंपोर्टेड हो!!!?
सेम: जानता हूं भाई!!
अविनाश: तो फिर ऐसी बेकार की बाते छोड़ो और बोलो खाना खाया!!?
सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) खाना!!! उबली हुई सब्जी बिना मसाले वाली दाल ये कैसा खाना हुआ। उसे देखकर तो इंसान वैसे ही भूखा मर जाए!! पता नहीं कब में डिस्चार्ज होगा और मै टेस्टी खाना खाऊंगा!!?
अविनाश: हाहहाहाहा!!! तुम कभी नहीं सुधरोगे हां!!! ( ये लो बैग सेम को देते हुए )
सेम: ( बैग में से डब्बा खोलते गए ) मां के हाथ का आलू का पराठा पनीर!!!! थैंक यू भाई थैंक्यू थैंक्यू सो मच आपको पता नहीं में कितने दिन से में कह रहा था लेकिन उस डॉक्टर की वजह से वह मान ही नहीं रही थी ।
अविनाश: जानता था इसीलिए तो मैंने झूठ बोलकर पैक करवाया है।
सेम: ( खाना खाते हुए ) यू आर धी बेस्ट ब्रधर इन धी व्होल वर्ल्ड।
अविनाश: बस बस बहुत हो गई तारीफ मेरी और धीरे धीरे खाओ अभी तुम पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हो ।
सेम: भाई एक बात बोलूं!!?
अविनाश: बोलो!!?
सेम: आप कौंसर्ट के लिए चले जाए अब !! मेरा मतलब है मै अब तो अल्मोस्ट ठीक हो गया हूं । फिर बाकी लोग भी है मेरी देखभाल के लिए आप को चिंता करने की जरूरत नहीं है । अगर फिर भी चिंता हो तो कॉल पर बात कर लेना मुझसे सिंपल।
अविनाश: सेम....!!
सेम: देखिए भाई अब मना मत करिएगा जानता हूं आपको मेरी बहुत ही ज्यादा फिक्र है खुद से भी ज्यादा पर यूं पागलों कि तरह बिजनेस का नुक़सान करना ये भी सही बात नहीं है । और में छोटा बच्चा नहीं हूं अब बड़ा हो गया हूं तो में खु़द का खयाल रख सकता हूं ।!!
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) तुम बिल्कुल लड़कियों जैसे बात कर रहे हो अभी !!?
सेम: कमोन भाई अब बात को घुमाएं मत!!? और सीधा जवाब दीजिए आप जा रहे है या नहीं !!?
अविनाश: ठीक है फाईन !! मै जा रहा हूं मा सही कह रही थी तुम प्रिंसेस हो घर की !!!।।
सेम: ये हुई ना अविनाश खन्ना वाली बात ।
अविनाश: तुम कुछ ज्यादा ही बदमाश नहीं हो गए !!?
सेम: अब सब आप की ही संगत का असर है भाई!!?
अविनाश: हाहाहहहाहा!!! सेम लेकिन क्या तुम सच में कोई ऐतराज नहीं है अगर में शो के लिए जाऊ तो!?
सेम: कमोन भाई मैंने कहां ना आप शो करेगे मतलब करेगे इसमें आप मेरा माइंड नहीं बदल सकते !! तो चुपचाप सामान पैक कर लीजिए और हां मेरे लिए वहां की फेमस चोकोलेट लाना मत भूलना!!!।
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) फाईन में जा रहा हूं फिर । अपना ख्याल रखना अगर कोई काम हो तो बेझिजक कॉल कर देना !! समझे।
सेम: ( सिर हिलाते हुए ) डन डना डन!!!

अविनाश सेम को गले लगाते हुए रूम में से बाहर चला जाता है वह जैसे बाहर निकलता है तो पास वाले कमरे में देखता है पारुल को अभी भी होश नहीं आया था । वह यू ही आंखे बंद करके मानो बेजान इंसान कि तरह पड़ी हुई थी । यह देखकर अविनाश के दिल में एक दर्द हो रहा था । वह पारुल के रूम का दरवाजा खोलते हुए अन्दर जाता है । पारुल के बेड के पास बैठते हुए!! पारुल का हाथ अपने हाथों में लेते हुए " कैसी हो परी " " जानता हूं सब गलती मेरी है परी पर क्या करू में तुम ही बताओ पहले भी जब तुम्हे जाने दिया था तब भी एसा ही हुआ था आज भी जब तुम्हे सेम के साथ जाने दिया तो देखो क्या हो गया " क्यों परी क्यों आखिर मै ही क्यों !!? क्या तुम्हारे उस भगवान को फिर से अच्छा नहीं लग रहा की मेरी ज़िन्दगी में फिर से खुशीया रही है तुम मिल ही गई थी मुझे लेकिन देखो फिर से उसने मुझे तुमसे अलग कर दिया! तुम भी अपने भगवान को बता देना परी मैंने अपनी मां को तो जाने दिया लेकिन तुम्हे मै कहीं नहीं जाने दूंगा !!। " " सोरी परी मै तुम्हारी हिफाजत नहीं कर पाया " लेकिन आगे से चाहे मुझे जितना भी बुरा बनना पड़े मै बनूंगा लेकिन तुम्हे कुछ भी नहीं होने दूंगा ये वादा है मेरा परी तुम्हारे गोलू का उसकी परी से पक्का वाला वादा है बस जल्दी से ठीक हो जाओ "।।

यह कहते हुए अविनाश पारुल के सिर पर एक किस करता है और बिना पीछे मुड़े वह कमरे के बाहर निकल जाता है। वह जानता था कि अगर वह पीछे मुड़ा तो वह फिर से कमजोर पड़ जाएगा और वह कॉन्सर्ट में नहीं जा पाएगा । वह खुद को चाहे कितना भी पत्थर दिल बनाले लेकिन पारुल उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है यह बात वह अच्छी तरह से जानता था ।