unknown connection - 32 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अनजान रीश्ता - 32

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अनजान रीश्ता - 32

अविनाश यूंही रोहन के साथ बैठा हुआ था। की तभी उसे मोबाईल के बजने की आवाज सुनाई देती हैं । अविनाश रोहन से बात करके काफी अच्छा महसूस कर रहा था । लेकिन वह अच्छी तरह जानता था कि जैसे ही सारी सच्चाई सबके सामने आएगी । सब उससे और भी नफ़रत करेगे । खास करके पारुल । पारुल उसे नफरत भरी नजरो से देखेगी यह सोचकर ही अविनाश के दिल में एक दर्द सा होता है। वह कुछ भी बर्दास्त कर सकता है । पर अपने अतीत कि वजह से नफ़रत नहीं । खास कर उस इंसान की आंखो में जिसकी अहमियत उसके जीवन सबसे ज्यादा है । यह सारे विचार अविनाश के दिमाग में घूम ही रहे थे । की मोबाईल की रिंगटोन उसे अभी वास्तविकता में वापिस लाती है । वह अपने मोबाईल की ओर देखता है । तो प्रिंसेस लिखा हुआ था । पारुल का कोल है यह देखकर मानो उसका दिल धड़कना भूल गया हो। उसके सामने सारी घटनाएं एक एक करके दोहरा रही थी । तभी वह कापते हुए हाथो से कोल को उठाता है। तभी अविनाश थोडी देर ठहरता है । जब सामने से कोई आवाज नहीं आती । तो वह हिम्मत जुटा के "हेलो" "हैलो" कहता है। वह और कुछ बोले इससे पहले ही पारुल कोल काट देती हैं । अविनाश फिर से अपने फोन की ओर देख रहा था । और समजने की कोशिश कर रहा था । की आखिर पारुल ने उसे इतनी रात को कोल क्यों किया । कहीं उसे सब पता तो नहीं चल गया । यह सोचते ही मानो अविनाश के लिए सब कुछ धुंधला धुंधला दिख रहा था । वह सारे खयालों को अपने दिमाग से निकालना चाहता था । पर अतीत के सारे पन्ने जैसे एक एक करके उसके सामने आ रहे थे ।

flashback

गोलू गोलू कहां हो तुम? देखो मै तुम्हारे लिए सरप्राईज है। गोलू ... वाहआहहह..... ( पीछे से लड़की को डराते हुए ) ।


( चिल्लाते हुए ) गोलू... ऐसे कोई डराता है क्या? चिम्पांजी कहीं के । ( जोर जोर से हंसते हुए) आहाहाहा .... शक्ल देख तू अपनी बिल्कुल भीगी बिल्ली जैसी लग रही है । और रही बात डराने की तो वो तो मैं जो चाहे करू । तू इतनी डरपोक हैं उसमे में क्या करू। अच्छा मै डरपोक हूं हां !! रुक तू अब । ( एसा कहते हुए वह लड़की अविनाश के चहेरे पे पूरा केक से बिगाड़ देती हैं ।) आहनाहाहा... देख ले बडा आया मुझे डरपोक कहने वाला । ( दरवाजे की ओर भागते हुए ) ।


परी... की बच्ची रुक तू अब... ( एसा कहते हुए अविनाश उसके पीछे भागता है )। वह लड़की और भी तेज मुख्य द्वार खोलने ही वाली होती हैं । की तभी एक दूसरा हाथ उसे बंद कर देता है । वह पीछे मुड़कर जुठ मुठ मुस्कुराते हुए देखती है ।


परी: गोलू... देख तू जो सोच रहा है ना वो बहुत ही गलत है । और ऊपर से में इतनी क्यूट भी हूं । देख मेरी शक्ल की ओर ( क्यूट शक्ल बनाते हुए ) । देख जो भी हुआ वो गलती से हुआ । वर्ना तू तो जानता ही हैं । मै काफी शरीफ इंसान हूं।


गोलू: ( शैतानी मुस्कुराहट चहेरे पे लाते हुए ) वो क्या है ना परी। मै किसी को भी माफ नहीं करता । और जब बात तुम्हारी हो तो फिर तो माफी का सवाल ही नहीं आता ।


परी: ( पप्पी फेस बनाते हुए ) गोलू देख तू पूरी स्कूल में सबसे अच्छा लड़का है । अगर तू मुझ जैसी मासूम लड़की का चेहरा केक से बिगाड़ेगा तो फिर लोग क्या कहेंगे । मुझे तेरी परवाह है । इसीलिए बाय । ( यह कहते हुए वह दरवाजा खोलती हैं )


गोलू: ( दरवाजे को बंद करते हुए ) लोग क्या कहेंगे इससे मुझे क्या फर्क पड़ेगा । तू जो है मेरे साथ इतना काफी है । और रही बात तेरी मासूमियत की तो केक तेरे चहेरे पे लगने के बाद तू और भी क्यूट लगेगी । ( इतना कहते हुए गोलू परी का चहेरा केक से बिगाड़ देता है ।)


परी: ( गोलू ने अभी क्या किया यह समजते हुए ) गोलू के बच्चे.... । रुक तू अब देख अब मै क्या करती हूं। (यह कहते हुए परी गोलू के पीछे उसे पकड़ने के लिए भाग रही होती हैं।)


गोलू: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहआ ... वाव लुक एट योर फेस कितनी क्यूट लग रही हो ।


गोलू इधर उधर भाग रहा था । परी उसके पीछे भाग रही थी । तभी गोलू की मोम की आवाज आती हैं ।


जानवी: बच्चो क्या चल रहा है यहां ?


गोलू: कुछ नहीं मा परी को मैक अप करना था तो मैने उसे बदसूरत से खूबसूरत बना दिया ।


जानवी: आशु.... !!!!!


गोलू: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाआहहाहा... सोरी मोम पर परी ने सबकुछ किया है ।


जानवी: परी.....।


परी: आंटी मै तो इसे बर्थ डे के लिए विश करने आई थी। इसने ही मुझे पहले डराया । और मैने गुस्से में केक से इसका मुंह बिगाड़ दिया। हिहिहिही!!!


जानवी: ( मुस्कुराते हुए ) तुम दोनों का कुछ नहीं हो सकता। परी तुम जाओ तुम्हारे मोम डैड तुम्हारी राह देख रहे है । और फिर शाम को पार्टी में भी तो आना है । और आशु तुम जाओ रेडी हो जाओ ।


परी: जी आंटी बाय ।


गोलू: ओय्य सून !!!


परी: ( दरवाजे से बाहर जाते हुए) हा बोल!!


गोलू: ( पारुल के फेस में से केक को लेकर खाते हुए) ये केक का स्वाद इतना अलग क्यो है? ।


परी: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) यू..... ऐसे कौन केक खाता है । और केक मैने बनाया है इसीलए उसका टेस्ट अलग ही होगा ना। ( मुस्कुराते हुए ).।


गोलू: आनहाआह!!! तभी में सोचू ये केक का टेस्ट इतना बकवास कैसे आ रहा है ।


परी: ( गुस्से में ) गोलू के बच्चे ... जा बात नहीं करनी तेरे से । एक तो मैने अपना होमवर्क छोड़ के तेरे लिए केक बनाया । और तू...।


गोलू: ( मुस्कुराते हुए ) अच्छा ठीक है । सोरी ।..


परी: ( मुंह बिगाड़ते हुए )।


गोलू: सोरी ना यार सच में केक बहोत अच्छा है । मै तो ऐसे ही तुझे परेशान कर रहा था ।


परी: कहा ना मुझे बात नहीं करनी। ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ।


गोलू: अब बस भी करो यार पारुल इतना भी क्या गुस्सा करना ।


परी: ठीक है । तूने मेरा नाम सही से लिया इसी लिए माफ किया ।


गोलू: ( मुस्कुराते हुए ) ये हुई ना मेरी बेस्टफ्रेंड वाली बात ।


परी: अच्छा एक बात बता ? मेरा रीयल नाम इतना अच्छा तो है पारुल। तो फिर तू मुझे परी क्यों बुलाते हो । कहीं बार मैने सोचा पर मुझे तो समझ नहीं आया।


गोलू: मै भी तो यही सवाल पुछ सकता हूं ।


परी: देख पहले मैंने सवाल किया तो पहले तू जवाब दे ।


गोलू: ( मुस्कुराते हुए ) क्योंकि ये इस बात का सबूत है कि तुम मेरे लिए कितनी खास हो । और बाकी सभी लोगो के लिए वार्निंग की तुम सिर्फ मेरी ही बेस्टफ्रेंड रहोगी।


परी: ( मुंह बिगाड़ते हुए) ( गोलू की नकल करते हुए ) बाकी सबके लिए वार्निंग ...।


गोलू: ( मुस्कुराते हुए ) अब तू बता ।


परी: क्योंकि ( गोलू के गाल को दोनों हाथों से खींचते हुए ) तू इतना गोलू मोलू है इस लिए ।


गोलू: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) रियली कितनी बेकार वजह है । पर याद रखना अगर हम दोनों कभी बेस्टफ्रेंड ना रहे । ये नाम किसी को मत दियो । अगर दिया फिर देखना सारे कोकरूच तेरे रूम में होंगे ।


परी: ( मुंह बिगाड़ते हुए) तेरे जैसे कोई ओर हो भी नहीं सकता ।


गोलू: बिल्कुल कोई नहीं हो सकता मेरे जैसा ।


अवि... अवि.....।


अविनाश को यह आवाज सुनाई देती हैं । तो वह अपने ख्याल में से बाहर आता है । और देखता है तो रोहन उसे बुला रहा था । तभी रोहन उसे कहता है कि वह अकेले अकेले क्यों मुस्कुरा रहा था । तभी अविनाश कुछ कहता नहीं और बेड पे जाके लेट जाता है। और रोहन से कहता है। कि अगर उसे घर जाना है तो जा सकता है । तभी रोहन मना करते हुए अविनाश के बेड की दूसरी तरफ लेट जाता है । दोनों एक दूसरे को गुडनाईट कहते हुए । सोने की कोशिश करते हैं । लेकिन दोनों की आंखो मै नींद दूर दूर तक नहीं थी । अविनाश अपने अतीत के बारे में सोच रहा था । तो रोहन अविनाश की ऐसी हालत के बारे में सोच रहा था । एसा ही दोनों चुपचाप बेड पर लेटे हुए सोने का नाटक कर रहे थे ।