समुंद्र के उस पार

(10)
  • 2.5k
  • 0
  • 999

एक कल्पनाशील यात्रा जो एक लड़की के भीतर से शुरू होकर,, प्रकृति की गहराइयों तक जाती है... एक रहस्यमी द्वीप, एक अनदेखी सच्चाई,,। पूर्वी समुद्र तट पर स्थित और बंगाल की खाड़ी से दूर। यह समुद्र तट हर समय बदलते मौसम के लिए जाना जाता है। कभी लहरें किनारों से टकराती हैं, फिर लौट जाती हैं... जैसे किसी अनकही बात को कह कर वापस जा रही हों। इस समुद्र की खासियत है कि जो भी इसके पास कुछ पल बिताता है, वह इसका मुरीद बन जाता है। समुंद्र तट से थोड़ी सी दूरी पर एक छोटा और बेहद सुन्दर गाँव है, इस गांव की सुन्दरता उसके शांत वातावरण से और भी बढ़ जाती है। इस गांव के लोग मिलजुल कर हंसी खुशी से रहते हैं।

1

समुंद्र के उस पार - 1

एक कल्पनाशील यात्रा जो एक लड़की के भीतर से शुरू होकर,, प्रकृति की गहराइयों तक जाती है... एक रहस्यमी द्वीप, एक अनदेखी सच्चाई,,।पूर्वी समुद्र तट पर स्थित और बंगाल की खाड़ी से दूर। यह समुद्र तट हर समय बदलते मौसम के लिए जाना जाता है। कभी लहरें किनारों से टकराती हैं, फिर लौट जाती हैं... जैसे किसी अनकही बात को कह कर वापस जा रही हों। इस समुद्र की खासियत है कि जो ...Read More

2

समुंद्र के उस पार - 2

"मैं उन्हें जानता हूं... और ये भी जानता हूं कि वो अब कहां रहते हैं।"ये सुनकर तृषा की आंखों चमक दौड़ गई - उसने रवि से पूछा क्या तुम मुझे वहां ले चलोगे।'हां' रवि ने कहा चल सकते हैं...तृषा ने रवि से कहा "तो फिर? हम कब चलें?" रवि ने कहा, "जगह शहर से बहुत दूर है। हम कल सुबह निकलेंगे।" तृषा थोड़ी मायूस हुई, "आज नहीं जा सकते?" "रात में वहां जाना ठीक नहीं होगा। भरोसा रखो, कल सुबह चलेंगे।" तृषा ने हामी भर दी।दिन का बाकी वक्त उसने पढ़ाई में बिताया, पर दिल तो उसी एक पल ...Read More

3

समुंद्र के उस पार - 3

मैंने देखा, सब कुछ तहस-नहस हो चुका था। मेरी टीम के बाक़ी सदस्यों का कोई पता नहीं था। मैंने बहुत ढूँढा लेकिन वे नहीं मिले।मुझे तो ये भी नहीं पता था कि अब मैं यहाँ से वापस कैसे जाऊँगा।मेरी सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं। कुछ हफ्तों तक बस मैं यही सोचता रहा कि मेरी टीम के लोग कहाँ गए...क्या वे ज़िंदा भी हैं या नहीं? अगर हैं, तो कहाँ होंगे?और जब मैं उस टापू पर पहुँच ही गया था, तो ज़िंदा रहने के लिए कुछ तो करना था। इसलिए मैं निकल पड़ा अपने लिए कुछ खाने की तलाश में। ...Read More