दोस्तों इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती हैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकल कर IIT रुड़की उत्तराखंड देवभूमि में पढ़ने गए एक साधारण लड़के से, जिसे नैनीताल से आई ठंडी हवा के झोंको सी लहराती एक परी से प्यार हो जाता हैं वो भी IIT रुड़की की एक स्टूडेंट थी। ये प्रेम कहानी आशा और मधुर निस्वार्थ प्रेम का संगम है जो निश्चल प्रेम को प्रदर्शित करती हैं ----
IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 1
दोस्तों इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती हैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकल कर IIT उत्तराखंड देवभूमि में पढ़ने गए एक साधारण लड़के से, जिसे नैनीताल से आई ठंडी हवा के झोंको सी लहराती एक परी से प्यार हो जाता हैं वो भी IIT रुड़की की एक स्टूडेंट थी।ये प्रेम कहानी आशा और मधुर निस्वार्थ प्रेम का संगम है जो निश्चल प्रेम को प्रदर्शित करती हैं --------"बारिश की वो पहली मुलाक़ात"शुरुआत ‘IIT रुड़की देवभूमि उत्तराखंड’ से होती हैं.…एक छोटे से गाँव से निकला मैं, अपने सपनों को थामे जब 'IIT रुड़की'की दहलीज़ पर कदम रखा, ...Read More
IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2
दोस्तों चलो इस कहानी को आगे बढ़ाते हैं — उस अधूरे प्यार को एक नई दिशा देते हैं। अब को ले चलते है कुछ साल बाद, जब ज़िंदगी की उथल पुथल में सब कुछ बदल गया था, लेकिन उस एक मुलाकात की बारिश अब भी दिल में बरस रही थी.... उस परी की वो मुस्कान, उसके झुमके की खनक मेरे कानो में आज भी गूंज रही थीं फिर मेरी जिंदगी नेएक ऐसी करवट ली कि मेरी पूरी दुनिया ही बदल गई ----"वो एक झलक थी.... पर रूह बन गई,बारिश की लड़की.... मेरी धड़कन बन गई।""बरसों बाद वो फिर मिली..." ...Read More
IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 3
अलविदा मेरी रूह”(श्रिशय और श्रिनिका की प्रेम कहानी का अंतिम अध्याय)“कुछ कहानियाँ मुकम्मल हो जाती हैं,लेकिन कुछ… टूटे दिल साथ सदा के लिए दिल में बस जाती हैं।”उस दिन जब उसने अपना हाथ मेरी हथेली में रखकर कहा था – अब कभी मत जाना… , तो लगा था ज़िंदगी ने मुझे वो सब दे दिया है जिसकी चाह हर प्रेमी को होती है।IIT रुड़की की गलियों से शुरू हुई हमारी कहानी अब ज़िंदगी कीराहों पर साथ चलने लगी थी।दोनों ने करियर में स्थिरता पाई, और फिर दो साल की मेहनत के बाद, दोनों परिवारों को मना भी लिया।हमने साथ में घर ...Read More
IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 4
"उसके बिना.... ये सफ़र"(अधूरे ख़्वाब)उसके जाने के बाद ज़िंदगी रुक तो नहीं गई.. लेकिन चलती भी नहीं थी।हर सुबह की किरणें तो खिड़की पर आती थीं,पर कमरे में उजाला नहीं भरता था।हर शाम की हवा अब भी वही थी — जो एक दिन मेरी बारिश वाली लड़की के बालों को छूती थी..मगर अब वो हवाएं दिल को नहीं, सिर्फ यादों को सहलाती थीं,मुझे भिगो जाती थी।"तेरे जाने के बाद, मेरा वजूद अधूरा है,जैसे बारिश बिना बादल, जैसे नदियाँ बिना किनारा।"मैंने उसका वादा निभाने की कोशिश की — मुस्कुराने की।कॉरपोरेट की दुनिया में मैंने खुद को झोंक दिया, दिन-रात काम ...Read More