*जब मनुष्य जन्म लेता है*
तो उसके पास “सांसें” तो होती है,
परंतु उसके पास "नाम" नहीं होता।
*और जब मनुष्य की मृत्यु होती है*
उसके पास "नाम" तो होता है,
परन्तु "सांसें" नहीं होती।
*इसी सांसों और नाम के बीच की यात्रा को "जिन्दगी” कहते हैं।*
ना किसी के "अभाव" में जियो,
ना किसी के "प्रभाव" में जियो,
यह जिन्दगी है आपके अपने "स्वभाव" से जियो। 🌹
Gautam Suthar....🖋️📘