आज का चाँद मुझे प्यारा लगे, बिल्कुल तुम्हारी तरह।
हर लम्हा मुझे गुज़ारा लगे, तेरी बातो कि तरह।
जब भी देखूँ मैं आसमाँ की उस हसीन गहराई को,
वो मंज़र मुझे हमारा लगे,तेरी आंखों कि नमी की तरह।
तुम्हारे आने से पहले तो अंधेरा था हर जगह,
अब हर कोना उजीयारा लगे, तेरी बांहों कि तरह।
ये दिल जो कभी आवारा था, ख़ामोश रहता था,
अब हर धड़कन में नकारा लगे, बिल्कुल तुम्हारी तरह।
होठों पे तुम्हारे है शरारत भरी वो एक हँसी,
वो चेहरा मुझे दुलारा लगे, बिल्कुल चांद की तरह।
दुनिया की हर ख़ुशी से मुझे बेहतर है ये साथ,
ये बंधन मुझे सहारा लगे, तेरी आदत कि तरह।
जब तुम पास नहीं होते हो तो जान लो ये बात,
ये जहाँ हमको बेकार लगे, जैसे चारों और अंधेरे कि तरह।