निगाहों से बयाँ हो जाए, वो मुहब्बत की निशानी है।
खामोशी में भी जो सुन ले, वो प्यार की मीठी कहानी है।
अधूरी बात का ज़िक्र, सुकून भर देने वाला हो,
बिखर कर भी न जो टूटे, वो रिश्ते की रवानी है।
असर हो जाए दिल पर, हर उसकी एक नज़र का यूँ,
कि जिस दिल में उतर जाए, वो दुनिया ही मनमानी है।
मिलन की चाह में सब कुछ, गँवा देना भी सहल हो,
ये कैसी प्यास है साकी, सदियों से जिसने छानी है।
जहाँ में और क्या ढूँढ़े, जो ख़ुद में पा लिया उसको,
सफ़र भी वही है आख़िर, जो तुम तक आ के जानी है।
जो छुप जाए किसी शायर की नज़्म में एक ख़याल बन,
यही तो असली दौलत है, यही ज़िन्दगी फ़ानी है।
निगाहों से बयाँ हो जाए, वो मुहब्बत की निशानी है।
खामोशी में भी जो सुन ले, वो प्यार की मीठी कहानी है।
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