तुम्हारे अंदर बसा एक नूर सा है ,
अदब तुम्हारी मानो कोई सुकून का एहसास …
लफ़्ज़ों में बया तो में करने से रही ,
तुम्हें जो पन्नों में उतार करूँ तुम्हारी ही तारीफ़ ,
तो ये स्याही भी कम पड़ जाए …
तुम सुंदरता का एक पहलू हो ,
तुम ही सबसे हसी हस्ती हो
तारीफ़ों में तो ख़ैर लफ़्ज़ बहुत है
आपके लिए बोलने को ,
पर लफ़्ज़ों की इस सीमित दुनिया में खुबसुरती का अपार समंदर हो तुम ! 🥰