में महज़ एक सिक्का हूं
तू सर्त लगा या न लगा
हार मेरी ही होगी
तू तो उछाल देगी में तेरे हिस्से गिरू या विपक्ष्य के हिस्से गिरु
फैसला तो हार जीत का ही होगा...!!!
यकीन करो मेरा तुम जीत नहीं सकते
में दोनो तरफ एक सा हूं
किधर भी गीरु तुम्हारी हार तय है
दो पल की खुशी होगी तुम्हें
पर में जानता हूं किसने खोया किसने पाया
में महज़ एक सिक्का हूं