#मन का शोर
भीड़ में भी शहर यूँ जो विरान सा लगता है..
ज़िन्दगी का हर लम्हा उधार सा लगता है..
अरमान सब दिल की कैद में मौज से रहते
मंज़िल का मंज़र एक मुकाम सा लगता है..
आसान है जीना बस एहसास ख़त्म कर के
जख़्म गहरा भी फिर निशान सा लगता है..
ठोकरों से गुज़रकर जो आ जाए संभलना
ग़म भी फिर रोज़ के महमान सा लगता है..!
-️️️️️Sonali Pankaj️️️