दिनभर के सिलसिलो से थकान आ जाती है,
तेरा मेसेज देख चेहरे पे मुस्कान आती है,
तेरे सबाब का कोई दायरा नही है,
तुम भीड मे भी अलग नजर आती हो,
मै बाते करने के बहाने ढुढता हु,
तेरी एक झलक पाने के लिए बेताब रहेता हु,
जानता हु तुम किसी ओर की हो,
पा ना सका तुझे मै पर तु ,
मुझे दिल से निकाल भी नही शक्ती,
हा, तेरे घर मै रहेते लोगों का मै हिस्सा नही हु,
पर .. तेरे दिल से निकल जाउ वो किस्सा भी मै नही हु,
घङकन हु मै तेरी , अंत तक रहुगा,
दुर हु तुझसे पर सच मे बहुत करीब हु,
ila sheth.