तुम्हारे दिल में जगह पाने का प्रयास किया.
हमने भी अपने नाम एक आवास किया..
बेहतर नहीं लगती ये दूरियाँ हमें...
लिखकर तुम्हें, नजदीकियों का आभास किया....!
तमन्ना- ए- दिल, दिल- ए- नादान की.
पूरी करने को ख्वाहिशें निरंतर अभ्यास किया..
कुछ हसरतें, कुछ ख्वाहिशें, कुछ सदाएं...
मुकम्मल हैं अधूरी भी, ये हमने एहसास किया....!
इश्क़ है ज़िंदगी की किताब का वो सहफा.
किसी ने किस्सों में, तो किसी ने हिस्सों में तलाश किया..
कुछ किस्सों में, कुछ हिस्सों में...
अजी शामिल हो तुम, हमने तुम्हें ख़ास किया....!
#आवास