तू कर गुमान अपने हुस्न पर बेशक,
मैं मिट्टी से बना हूँ मेरी खुशबू अलग है।
तू कर जालसाजी जितना तू चाहे,
मैं वफ़ा से बना हूँ मेरी फितरत अलग है।
ये फरेब चालाकियां तेरी खो रही है मुझे,
मैं तेरी किस्मत में नही मेरी कीमत अलग है।।
मुझे ढूंढेगा तू मेरे चले जाने के बाद,
मैं नही लौटूंगा मेरी आदत अलग है।।
© सुमित