हिन्दी है हम , हिन्दी हैं।
शिशु के कंठ से निकला पहला शब्द, वो हिंदी हैं।
कोयल की कुकू से, चिड़िया की चीची में बसा हर स्वर , वो हिन्दी हैं।
सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक महत्व को
बढ़ाता, वो हिन्दी हैं।
विदेशो में भी स्वदेशी की खुशबू लाए हर शख्स,
वी हिन्दी हैं।
लिपि ब्राह्मी, नगर , देवनागरी की यात्रा, वी हिन्दी हैं।
देश की आत्मा है हिन्दी डॉ0 वंदना पांडेय