कलयुग का कड़वा सच
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पल-पल तड़पता है इस युग में इंसान
एक-एक दिन बड़े परेशानियों में है
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
यहां लोग बड़े मतलबी है
यहां बिना मतलब कोई याद नहीं करता
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
इंसान में इंसानियत मर गई है
वो अपने हित के लिए कुछ भी कर जाता है
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
यहां इंसान जानवरों से भी बत्तर है
यहां इंसान कि शक्ल में भेड़िया है
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
यहां इंसान बड़ा बेईमान है
वो भगवान से भी अपने को बड़ा मानता है
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
यहां अपने पराये से कम नहीं
ओर पराये अपनों से ज्यादा है
यह कलयुग की जिंदगी है मेरे यार
✍️ KP SHAYAR
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