छंद
लाल को विशाल राष्ट्र हेतु दान करतीं हैं।
पन्नाओं से भरा हुआ मेरा हिंदुस्तान है।।
जब जगराती छाती अपनी पिलाती यहां।
शेखर सी पैदा होती आन बान शान है।।
रुण्ड नरमुंड का प्रचंड अम्बार लगे।
लक्ष्मीबाई जब खींचे अपनी कृपान है।
विद्यावती जैसी मांऐं भारत में मिलतीं हैं।
इसीलिए दुनिया में देश ये महान है।।
रचनाकार
भरत सिंह रावत भोपाल
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