#kavyotsav 2
भावना:प्यार
प्यार का एकरार
मैं दिल की उलझन कैसे मिटाये,
क्युं न मैं जी भरके रो लुं थोडा.
प्यार इश्क का पौधा,
मैं और आप मिलकर बौये थोडा.
प्यार के बंधन को थोडा मजबूत बनाये.
आप मेरे दिल को पढलो ना,
मैं कैसे बतावुं आपको,
मुझे अजीब सा लगता है.
आपके बीना हमारा वजुद ही क्या,
जनाब साहब साथ आपका हो ,
तो जिंदगी की राह बड़ी हसीन लगती है.
रंग सै रंग मिल रहे,
दील से दिल,
आंखे भी आपके ख्वाब
सजाए बेठी हैं।
न जाने क्युं हम दिवाने हो गए आपके,
प्यार मैं आपके हम पगला गए है.
शैमी ओझा "लब्ज़ "