*मेरे यार सावरें.....*
घुटता है दम मेरा झुठी दुनियादारी में..!
और आता है मजा मुझे साँवरिया तेरी यारी में..!!
क्यूँ लेते हो 'बाबा' इतनी परीक्षा हमारी*
*होता है वही हैं जो होती इच्छा तुम्हारी*
*हम करते बस अर्जी आगे मर्जी तुम्हारी*
*दीवाना तेरे हम ये है खुदगर्जी हमारी*