वो एक ही समय था तुजे भुलने का और फिर से "तु" याद आ गई। बोल "तु" भी वेसे जी रही है जैसे में ...। दिल से जान एक बार निकलती है पर तेरी यादों का जनाजा बारबार मेरे दर से गुजर रहा है। तु जिस मंदिर की मुरत थी उसे में "इश्क" कहेता था आज "तु" नहीं मगर तेरे नाम का दिया अभी भी जलता हुं।
"कसमे वादे प्यार, वफा सब - बाते है बातो का प्यार, कोई किसीका नहीं है - जुठी बाते है बातो का प्यार..
कसमे वादे प्यार, वफा सब - बाते है बातो का प्यार।
- रवि गोहेल