क्या समझ लोगे तुम ?मेरे उन शब्दों को जो,
मैं तुमसे कह नहीं पाई..!!
क्या मना लोगे तुम? मेरे बिन कहे ,
थोड़ा रूठ गई हूं मैं ..!!
क्या जान पाओगे तुम ? मेरे उस दर्द को जो,
मेरे अंदर कहीं रह गया है ..!!
क्या जाता पाओगे तुम ?अपना हक मुझ पर, क्योंकि मैंने जताना छोड़ दिया है ..!!
क्या देख पाओगे तुम ? अपनी तस्वीर को मेरी आंखों में क्योंकि,
मैंने उसमें एक सूनापन भर लिया है..!!
क्या पढ़ लोगे तुम ? मेरे मन का हाल,
" ठीक हू" कहना सीख गई हूं मैं..!!
- Soni shakya