अचानक किसी से यूं मुलाकात हो गई
अपना कहने की जरूरत ही नहीं पड़ी
की उसकी बातों ने अपनापन का
एहसास दिला दिया
उसकी कुछ बातें यूं मेरे दिल को छू गई
के बस...आंसू रुक ना पाए
खुशी के पल उससे ज़ाहिर करूं
या खामोश उसकी बातों में
अपनी बात को संजोऊ
डर लगता है अब
यूं किसी के करीब जाने में
पता नहीं कब वह दूर चला जाए
और मैं यूं ही अपने अल्फाजों में
उसकी बातें लिखती रहूं
- SARWAT FATMI