विचार:
पति-पत्नी की कुंडलियाँ भले ही मिल जाएँ,
पर विचार हमेशा नहीं मिलते।
क्योंकि विवाह में प्रेम के साथ ज़िम्मेदारियाँ भी जुड़ जाती हैं।
वहाँ हर दिन की थकान, घर की उलझनें,
परिवार की अपेक्षाएँ और समय की कमी —
सब रिश्ते की कसौटी बन जाते हैं।
वहीं प्रेमी और प्रेमिका के बीच
ना कोई घर की ज़िम्मेदारी होती है,
ना रोज़मर्रा की कड़वाहट।
वे मिलते हैं कुछ पलों के लिए,
जहाँ बस भावनाएँ होती हैं,
ना बोझ, ना बाध्यता।
इसलिए वहाँ सब कुछ सहज और सुंदर लगता है।
असल में, प्रेम आसान होता है,
पर विवाह — धैर्य और समझ का नाम है।
कुंडली में तो ग्रह मिलते हैं,
पर जीवन में तो स्वभाव और सोच को मिलाना पड़ता है।