हां बदल गया सभी त्योहारों का स्वरूप
चकाचौंध में खो गया इनका सादगी भरा रूप
लेकिन क्यों इन बातों को मन से लगाना
त्योहार आपका इसे अपने अनुसार मनाएं
कुछ पुराना तो कुछ नया कलेवर अपनाएं
खुशियां मनाने में ना ज्यादा गुणा भाग करें
खुलकर मनाएं सब त्योहार क्योंकि साल में
आते हैं ये सभी एक बार।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati