पुरुष, स्त्री और ऊर्जा की उपासना ✧
प्रस्तावना
मानव जीवन में स्त्री और पुरुष का संबंध केवल सामाजिक या शारीरिक नहीं है, यह अस्तित्व की गहराई से जुड़ा हुआ है। लेकिन समस्या यह है कि पुरुष अक्सर स्त्री के आकर्षण को गलत अर्थ में पढ़ लेता है। वह मान लेता है कि स्त्री का सौंदर्य, उसकी लहराती ऊर्जा, उसकी आँखों का भाव, उसकी देह का कंपन — सब कुछ "उसकी मांग" है। जबकि यह दृष्टि पुरुष की भ्रांति है।
विस्तृत -अज्ञात -अज्ञानी. कॉम