कि तस्सवर अब उस मोहब्बत का कैसे करूं वह मोहब्बत मेरी नहीं रहीं ,
रातों को तेरे ख्वाब कैसे देखू वह नींद मेरी नहीं रही।।
कि तुझमें नूर कैसे तलाशू तू मेरी हूर न रहीं, अब खुदा से तुझको दुआओं में तुझको कैसे मांगू कि तू सनम किसी और की अब तू मेरी ना रहीं।।
- Anjali jha