The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
जब सुबह तेरी याद आती हैं तो ,सिर पर रज़ाई रख कर चिप जाती हूं। रातों को तेरे ख्वाब आते है तो, रात भर जाग जाती हूं अब बस...... तुझे भूलने की कोशिश ही कर लेती हूं -Anjali jha
We don’t share everything from our heart with everyone… because one needs a heart to understand matters of the heart. ❤️ ✨ - Anjali jha
तेरे सिवा कोई भाता ही नहीं तुम बिन दिन गुजरता ही नहीं आंखों को आदत लगवाई है तूने अपनी तू ना दिखे तो शिकायत है इन्हें नज़रे मिले तो अश्क भर आते हैं आंखों आंखों में इज़हार इश्क का कर जाते हैं कैसा यह दिल का हाल है लफ्ज़ बाय ही नहीं कर पाते हैं अल्फाज़ दिल के दरमियान ही ठहर जाते हैं तेरी परवाह इतनी करते हैं कि खुद की परवाह करना भूल जाते हैं सब कुछ खोकर सबको भूल कर बस तुझको याद रख पाते हैं यह जिद्दी नादान बेचैन दिल और क्या क्या करवाएगा हमसे लाख कोशिशें के बाद भी दिल की बात ना का पता है तुमसे राज़ तो इतना ही है कि यह चाहता है तुम्हें कसम से....
मैं खुदको खुद में ढूंढती हूं नजाने इस उम्मीद में की कहीं तो दिखूंगी हर किसी से, हर किसी को इतनी दफा मिलती हूं कभी खुद से भी तो मिलूंगी । - Anjali jha
कि तस्सवर अब उस मोहब्बत का कैसे करूं वह मोहब्बत मेरी नहीं रहीं , रातों को तेरे ख्वाब कैसे देखू वह नींद मेरी नहीं रही।। कि तुझमें नूर कैसे तलाशू तू मेरी हूर न रहीं, अब खुदा से तुझको दुआओं में तुझको कैसे मांगू कि तू सनम किसी और की अब तू मेरी ना रहीं।। - Anjali jha
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser