सूक्ष्मे सत्यं, स्थूले माया।”
(सूक्ष्म में सत्य है, स्थूल में केवल छाया।)
✍🏻 — 🙏🌸 Agyat Agyani
प्रस्तावना
मनुष्य ने शक्ति को हमेशा बाहरी रूप में देखा — धन, साधन, सेना, विज्ञान।
पर सृष्टि बार-बार दिखाती है कि असली शक्ति सूक्ष्म में छिपी है।
एक अदृश्य जीव दाँत और हड्डी को गलाता है, जिन्हें अग्नि तक नष्ट नहीं कर पाती।
नन्हा बीज विशाल वृक्ष बनता है।
सूक्ष्म श्वास ही जीवन का आधार है।
विज्ञान हमें प्रमाण देता है, शास्त्र गूढ़ संकेत देता है, तर्क दिशा देता है और श्लोक सत्य को सूत्र में बाँध देते हैं।
इन्हीं चार दृष्टियों से यहाँ २१ सूत्र रखे गए हैं
मनुष्य की प्रवृत्ति रही है कि वह शक्ति को हमेशा बाहरी रूपों में ढूँढता है।
उसे लगता है कि शक्ति वही है जो दिखाई दे — धन का अंबार, साधनों की अधिकता, हथियारों का शोर, या विज्ञान की बड़ी-बड़ी मशीनें।
परंतु सृष्टि का नियम इससे भिन्न है।
विज्ञान (scientific fact/observation)
शास्त्र (scriptural echo/quote style)
तर्क (logical reflection)
विस्तृत पढ़े 👉 https://atamagyam.blogspot.com