🌸 प्यार की नोकझोंक 🌸
कभी तुम रूठ जाती हो, तो मैं मनाता हूँ,
कभी मैं खामोश होता हूँ, तो तुम तड़प कर बुलाती हो।
तेरी आँखों की नाराज़गी भी कितनी प्यारी है,
जैसे बरसात के बाद धूप की तैयारी है।
तू कहती है – “तुम सुनते ही नहीं मेरी बातें!”
मैं कहता हूँ – “अरे जान, मेरी सांसों में बसी हो तुम और तुम्हारी सारी बातें।”
कभी गुस्से में कहती हो – “बस, अब बात मत करना!”
फिर दो पल बाद कहती हो – “इतना चुप क्यों रहते हो, कुछ तो कहना!”
ये तकरार ही तो हमारे रिश्ते का गहना है,
नोकझोंक में छुपा हमारा सच्चा प्रेम है।
लड़ाई हो या प्यार, सब तुझसे ही है,
मेरी हर धड़कन का इकरार बस तुझसे ही है। 💖✨